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पोलैंड और बेलारूस के बीच की सीमा में आप्रवासी संकट पोलैंड और बेलारूस के बीच की सीमा में आप्रवासी संकट  

पोलैंड की सीमा पर आप्रवासियों के प्रति एकात्मता हेतु धर्माध्यक्षों का आह्वान

पोलैंड की कलीसिया ने रविवार 21 नवम्बर को बेलारूस से अपने देश में प्रवेश करनेवाले शरणार्थियों और आप्रवासियों की मदद हेतु एक विशेष दानसंग्रह की घोषणा की है, क्योंकि सीमा संकट पर तनाव बढ़ रहा है।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

पोलैंड, मंगलवार, 9 नवम्बर 2021 (वीएनएस)- पोलैंड और बेलारूस के बीच की सीमा में जब आप्रवासी संकट बढ़ रहा है, पोलैंड के धर्माध्यक्षों ने विश्वासियों का आह्वान किया है कि वे उन आप्रवासियों और शरणार्थियों के प्रति सहानुभूति प्रकट करें जो देश में घुस गये हैं।

पोलैंड के काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के अध्यक्ष महाधर्माध्यक्ष स्तनिसलाव गडेस्की ने कहा, "वे जिस किसी परिस्थिति में हमारे पास पहुँचे हैं, उन्हें हमारी आध्यात्मिक और भौतिक मदद की जरूरत है।" उन्होंने घोषणा की है कि पोलैंड की कलीसिया 21 नवम्बर को एक विशेष दानसंग्रह करेगी क्योंकि प्रांत की मानवीय स्थिति गंभीर है।  

अगस्त माह से हजारों आप्रवासी और शरणार्थी आये हैं

पोलैंड पिछले अगस्त से एक बड़ी आपात स्थिति का सामना कर रहा है, जब मध्य पूर्व और अफ्रीका के हजारों आप्रवासियों ने देश के साथ-साथ पड़ोसी देश बेलारूस से लिथुआनिया और लातविया में प्रवेश करना शुरू कर दिया था। पोलिश अधिकारियों के अनुसार, अब तक 30,000 से अधिक अवैध प्रवेश के प्रयास हो चुके हैं।

प्रवाह के पीछे मिन्स्क सरकार

पोलैंड की सरकार ने यूरोपीय संघ के साथ मिन्स्क पर लोकतंत्र समर्थक विरोधों के खिलाफ क्रूर कार्रवाई के लिए राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको की सरकार पर पश्चिमी प्रतिबंधों के प्रतिशोध में "हाइब्रिड युद्ध" के रूप में बड़े पैमाने पर प्रवाह को प्रोत्साहित करने का आरोप लगाया है। अगस्त 2020 में विवादित राष्ट्रपति चुनाव में छठा कार्यकाल जीतनेवाले और रूस द्वारा समर्थित लुकाशेंको ने बार-बार आरोपों का खंडन किया है।

एकात्मता एवं प्रार्थना हेतु धर्माध्यक्षों का आह्वान

इस मुद्दे पर वारसाव के रुख और अपनी सीमाओं की रक्षा के पोलैंड के अधिकार को कायम रखते हुए, पोलैंड में काथलिक कलीसिया आप्रवासियों के लिए राहत कार्य प्रदान करना जारी रखा है और अपने कारितास नेटवर्क एवं काथलिक आप्रवासी तथा शरणार्थी कार्यालय के माध्यम से अपने बुनियादी मानवाधिकारों के सम्मान के लिए सक्रिय रूप से मदद कर रहा है।

संदेश में महाधर्माध्यक्ष गाडेस्की ने कहा है कि विश्वासी और भली इच्छा रखने वाले सभी लोग 21 नवम्बर के विशेष संग्रह में अपना योगदान दें। उन्होंने याद दिलाया है कि कलीसिया की पहली प्रेरिताई है सुसमाचार की घोषणा करना जो कमजोर लोगों के प्रति एकात्मता का आह्वान करता है। फंड के द्वारा कलीसिया के मानवीय क्रिया कलापों को मदद दी जायेगी जिसका उद्देश्य है इस संकट के समय में आप्रवासियों की मदद करना, साथ ही, लम्बे समय में उनके एकीकरण को बढ़ावा देना।

अंत में, पोलैंड के काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के अध्यक्ष ने काथलिकों को पोलैंड की पूर्वी सीमा पर शांति के लिए प्रार्थना करने के हेतु आमंत्रित किया है।

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09 November 2021, 16:38