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15 से 18 नवम्बर को अमरीका के धर्माध्यक्षों की आमसभा 15 से 18 नवम्बर को अमरीका के धर्माध्यक्षों की आमसभा 

अमेरिकी धर्माध्यक्षों को 'रचनात्मक वार्ता का मार्ग' अपनाने के लिए प्रोत्साहन

अमरीका के काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के सदस्य सोमवार से बृहस्पतिवार को एक आमसभा के लिए वॉशिंगटन डी.सी में एकत्रित हैं। वाटिकन न्यूज के साथ एक साक्षात्कार में कार्डिनल रोजर महोनी ने यूखरिस्त के दस्तावेज पर प्रकाश डाला जो उनकी सभा की विषयवस्तु में निहित है।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, मंगलवार, 16 नवम्बर 2021 (वीएनएस)- कलीसिया के जीवन में यूखरिस्त का रहस्य दस्तावेज का शीर्षक है जिसपर अमरीका के धर्माध्यक्ष सभा के दौरान वोट करेंगे। इस दस्तावेज़ पर जून में हुई बैठक के दौरान धर्माध्यक्षों ने बहस छेड़ी थी।

सितम्बर में लोस एंजेल्स के सेवानिवृत महाधर्माध्यक्ष कार्डिनल रोजर महोनी ने प्रस्तावित दस्तावेज़ पर अपने दूसरे धर्माध्यक्ष भाइयों को पत्र लिखा था। वाटिकन न्यूज के साथ एक साक्षात्कार में कार्डिनल ने इस दस्तावेज पर बहस के कारणों को समझने में मदद दी है।  

प्रस्तावित दस्तावेज़ के बारे अपना विचार बतलाते हुए कार्डिनल महोनी ने कहा, "मुझे लगता है कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि यह दस्तावेज़ हमारे सामने है क्योंकि याद रखें कि यह विषय उस अद-लिमिना मुलाकात में आया था जो हमने पिछले जनवरी 2020 में कोविड आने के पहले की थी। संत पापा निश्चय ही हमेशा मुलाकात और वार्ता के रास्ते की खोज करते हैं ताकि इस तरह के मुद्दों का सामना किया जा सके, खासकर, धर्माध्यक्षों के बीच, उसके बाद संत पापा के आग्रह पर विश्वास के सिद्धांत के अध्यक्ष कार्डिनल लदारिया ने अमरीकी धर्माध्यक्षों के लिए एक लम्बी चिट्टी लिखी थी। चिट्टी में उन्होंने प्रक्रिया बतलाते हुए जाँच करने का निर्देश दिया था। प्रक्रिया में तीन चरण थे जिसमें प्रांतीय स्तर पर 2 या 3 दिनों के लिए मुलाकात करना था। एक-दूसरे से परिचित होना और क्या हो रहा है उसे समझना था। हमने कोविड के कारण ऐसा नहीं किया। यदि हमने इसे किया होता तो मैं सोचता हूँ कि हम काफी अलग स्थिति में होते। यदि हमने सचमुच आपस में वार्ता की होती और एक-दूसरे की स्थिति को समझने का प्रयास किया होता और सभी धर्माध्यक्ष मिलकर पहल किये होते तब हमने आगे बढ़ने का रास्ता पा लिया होता। मैं मानता हूँ कि तब हम निर्णय लिये होते कि हमें इस दस्तावेज की जरूरत नहीं है।

याद रखें कि यह दस्तावेज़ मुख्य रूप से काथलिक विधायकों के पीछे जाने और उन्हें दंडित करने के लिए था। हालांकि परमधर्मपीठ ने हमें याद दिलाया कि धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के पास सभी धर्माध्यक्षों एवं देश के सभी धर्मप्रांतों पर कुछ अनिवार्य आदेश लागू करने की शक्ति नहीं है। किसी तरह के दस्तावेज को प्रक्रिया के सबसे अंत में होना चाहिए। इसलिए मैं इस दस्तावेज़ को लेकर इतना अशांत हूँ कि यह हमारे पास है।

उन्होंने कहा कि सबसे पहले कि यह दस्तावेज बिलकुल अनावश्यक है क्योंकि हमने जून की सभा में धर्माध्यक्ष अंड्रू कोज्जेन्स के लिए एक रास्ता और उनके सुसमाचार को अनुमोदन दिया जिसकी शुरूआत अवकाश के बाद होगी। यह पुनरोद्धार का दो वर्षीय कार्यक्रम है जो 2024 में एक राष्ट्रीय यूखरिस्तीय कांग्रेस के साथ समाप्त होनेवाले ख्रीस्तयाग से होगा। इसलिए, हमारे पास पहले से ही यह महत्वपूर्ण अंश मौजूद है। मुझे लगता है कि हमारे पास जो दस्तावेज़ है, उसे वैसे ही पारित किया जा रहा है जैसे हम छुट्टियों के मौसम में करते हैं, कोई पढ़ने वाला नहीं है, यह ऐसा कुछ नहीं है जिसे शिक्षण दस्तावेज़ की पत्रिका रूप में रखा जा सकता है। इसका कभी कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा क्योंकि, छुट्टियों के ठीक बाद, हम इस यूखरिस्तीय पुनः प्रवर्तन में प्रवेश कर रहे हैं, जो कि हमें सबसे पहले करना चाहिए।"

 

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16 November 2021, 16:35