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फादर सेड्रिक प्रकाश एस.जे. फादर सेड्रिक प्रकाश एस.जे. 

जेसुइट कार्यकर्ता-लेखक ने प्रतिष्ठित पत्रकारिता पुरस्कार जीता

जेस्विट फादर सेड्रिक प्रकाश को पत्रकारिता में उत्कृष्टता के लिए इस साल के "लुईस करेनो पुरस्कार" से सम्मानित किया जाएगा।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

नई दिल्ली, शनिवार, 13 नवम्बर 2021 (मैटर्स इंडिया) – भारतीय काथलिक प्रेस संघ, काथलिक प्रिंट मीडिया की राष्ट्रीय संस्था ने 8 नवम्बर को फादर प्रकाश को विश्व स्तर पर बढ़ रहे साम्प्रदायिकता और चरमपंथ के खिलाफ निर्भीक लेखन के लिए वार्षिक पुरस्कार का विजेता घोषित किया।

संस्था, 1 दिसम्बर को ख्रीस्तीय पत्रकारों के 26वें राष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान,70 वर्षीय अहमदाबाद के जेस्विट पुरोहित को पुरस्कार से सम्मानित करेगा।

संस्था के अध्यक्ष इग्नासियुस गोंजाल्स और सचिव कपुचिन फादर सुरेश मैथ्यू द्वारा हस्ताक्षरित प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि फादर प्रकाश ने विभिन्न विषयों पर तीक्ष्ण, विचारोत्तेजक रचनाएँ लिखे हैं। सामाजिक-सांस्कृतिक और राजनीतिक मुद्दों का उनका तीखा विश्लेषण, खासकर, साम्प्रदायिकता और चरमपंथवाद पर, नागरिक समाज और धर्मनिरपेक्ष दुनिया में गंभीर बहस के लिए प्रेरित किया है।"

प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि जेस्विट कार्यकर्ता और लेखक ने सभी समय की सरकारों की तर्कहीन, पक्षपाती और अनुचित नीतियां और निर्णयों के खिलाफ आवाज उठाने में शब्दों की कमी नहीं की है। उन्होंने कलीसिया से संबंधित मुद्दों पर भी बिना भय या पक्षपात के लिखा है।

फादर प्रकाश के लेख नैशनल डेलीस और कई धर्मनिरपेक्ष पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई है उनमें से कुछ सोशल मीडिया में वायरल हो गये हैं। "बकवास रहित दृष्टिकोण और व्यापक उद्धरण उनके लेखन को प्रामाणिक और अकाट्य बनाते हैं।" देश में बढ़ती फासीवादी प्रवृत्तियों पर उनका तीखा हमला वहीं हुआ है, जहां यह वास्तव में मायने रखता है।"

व्यक्ति या संस्था को प्रदान किया जानेवाला यह पुरस्कार, मुम्बई प्रोविंस के सलेशियन एवं आइसीपीए की संयुक्त पहल है जिसकी स्थापना 1964 में अमरीकी जेस्विट फादर जॉन बार्रेट्ट ने की थी।  

फादर प्रकाश ने कहा है कि पुरस्कार से सम्मानित किये जाने पर वे वास्तव में विनम्र महसूस कर रहे हैं। उन्होंन आईसीपीए एवं इसे जुड़े सभी लोगों के प्रति आभार व्यक्त किया है। उन्होंने मैटर्स इंडिया को बतलाते हुए कहा, "मैं जानता हूँ कि इस पुरस्कार के लिए मुझसे बढ़कर कई लोग योग्य थे।"

जेस्विट दृष्टिकोण के अनुसार पुरस्कार कई मुद्दों के लिए पहचान प्रदान करती है जो कलीसिया एवं देश को प्रभावित करती है और आशा के चिन्ह के रूप में हम सभी को बहिष्कृत एवं शोषित लोगों के लिए अभी ही बहुत कुछ करना है।

उन्होंने कहा कि पुरस्कार सचमुच एक सम्मान है और जागरूक होने की प्रेरणा है कि आगे का रास्ता लम्बा और कठिन है किन्तु प्रतिज्ञाओं से भरा है जिसमें प्रभु हमारा साथ देते हैं।

फादर प्रकाश अहमदाबाद स्थित मानव अधिकार, न्याय और शांति के लिए जेस्विट केंद्र "प्रशांत" के संस्थापक और निदेशक थे। जनवरी 2016 को वे लेबनान के बेरूत चले गये जहाँ वे जेस्विट शरणार्थी सेवा में सेवारत हैं।

उन्हें कई अन्य पुरस्कारों से भी सम्मानित किया गया है जैसे कि 2003 में भारतीय मुस्लिम परिषद, यूएसए द्वारा मानवीय कार्यों के लिए प्रस्तुत रफी अहमद किदवई पुरस्कार, 1995 में सांप्रदायिक सद्भाव और शांति को बढ़ावा देने के लिए भारतीय राष्ट्रपति द्वारा उन्हें कबीर पुरस्कार प्रदान किया गया था।

उन्होंने 2006 में राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग द्वारा अल्पसंख्यक अधिकार पुरस्कार भी जीता था। वे 2013 में सामाजिक न्याय के लिए मदर टेरेसा पुरस्कार प्राप्त करने वालों में से एक थे।

आईसीपीए पुरस्कार फादर जोश लुईस कार्रेनो (1905-1986) के सम्मान में दिया जाता है जो भारत और फिलीपींस में एक स्पानी सलेशियन मिशनरी थे। उन्होंने प्रमुख भारतीय संस्थान सेक्रेड हार्ट कॉलेज, तिरुपत्तूर, वेल्लोर, तमिलनाडु की स्थापना की। वे एक लेखक, कवि और संगीतकार थे। उन्हें संत जेवियर के पदचिन्हों पर भारत और फिलीपींस के महान मिशनरी माना जाता है।  

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13 November 2021, 15:06