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मानव व पारिस्थितिक समन्वय का अनुभव कराता है 'फ्रांसिस गांव'

दक्षिणी फ्रांस में एक पूर्व ट्रैपिस्ट मठ में स्थापित 'फ्रांसिस गांव’ एक परियोजना है जो भाईचारे की भावना में विभिन्न सामाजिक पृष्ठभूमि में और संत पापा द्वारा समर्थित अभिन्न पारिस्थितिकी के सम्मान के साथ लोगों को एक साथ लाती है।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

फ्रांस, शनिवार 8 जनवरी 2022 (वाटिकन न्यूज) : फ्रांस स्थित टूलूज़ के दक्षिण में नॉट्रे-डेम-डु-डेज़र्ट का मठ, अक्टूबर 2020 तक 160 से अधिक वर्षों से ट्रैपिस्ट भिक्षुओं (मठवासियों) का था, आज यह एक परियोजना में शामिल परिवारों का घर है, जिसका उद्देश्य कठिन परिस्थितियों में आवास और रोजगार पाने में लोगों की मदद करना है।

परियोजना के संस्थापक, एटियेन विलेमेन ने पहले ही एक साझा आवास पहल शुरू की थी, जो दोस्ती के लिए बने संस्थान (एसोसिएशन फॉर फ्रेंडशिप) और लाज़ारे नेटवर्क द्वारा बनाई गई थी, जहाँ सड़कों पर रहने वाले लोग, पेशेवर युवाओं और छात्रों के साथ मिलकर रह सकते हैं। यह मॉडल फ्रांस के कई शहरों और अन्य देशों में भी फैल गया है। संत पापा फ्राँसिस ने कई मौकों पर लाज़ारे नेटवर्क के माध्यम से इन समूहों से मुलाकात की है। विशेष रूप से अगस्त 2021 में एसोसिएशन की दसवीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित रोम की तीर्थयात्रा के दौरान संत पापा ने उनसे मुलाकात की थी।

‘फ्रांसिस गांव’ सुसमाचार से प्रेरित समावेशन के तर्क में शुरु की गई। एटियेन विलेमेन ने कहा, "मैंने एक महत्वपूर्ण अवलोकन के साथ फ्रांसिस गांव शुरुआत की: हम जानते हैं कि फ्रांस में हमारे पास दुनिया की सबसे अच्छी सामाजिक व्यवस्था है, फिर भी यह व्यवस्था इतने सारे गरीब और 'अकेला' लोगों को उत्पन्न करती है।" एटियेन विलेमेन को यह स्वीकार करते हुए दुख होता है कि, कई संगठन असाधारण काम कर रहे हैं और कोई भी उनकी आलोचना नहीं करना चाहता है, लेकिन अभी भी एक समस्या है: हम एक तरह से सड़क पर लोगों का समर्थन करते हैं, दूसरी ओर प्रवासी, बुजुर्ग, वे लोग जो वेश्यावृत्ति में हैं, यह एक तरह का कलंक पैदा करता है। इसलिए अगर मैं एक सड़क पर चलने वाला व्यक्ति हूं, तो मैं केवल खुद को सड़क पर रहने वालों के साथ पाऊंगा, अगर मैं एक विकलांग व्यक्ति हूं, तो मैं केवल खुद को विकलांग लोगों के साथ पाऊंगा।

इस निराशा ने "एक ऐसा गांव बनाने का विचार पैदा किया जहां हम सभी गरीब हैं, अपनी पीड़ा के साथ, अपनी कमजोरियों के साथ ... ऐसे लोग हैं जो जेल से रिहा हो गए हैं या जिन्होंने वेश्यावृत्ति, विकलांगता का अनुभव किया है, शायद बुजुर्ग लोग हैं। हम जैसे भी हैं, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता, हम एक बार फिर से एक साथ रहने की कोशिश करते हैं। फ्रांसिस गांव में हम उन सभी 'गरीबों' को लेते हैं जिनके बारे में सुसमाचार कहता है और हम साधारण परिवारों को भी लेते हैं - पिता, माता और बच्चे - और हम अपने जीवन को साझा करने का प्रयास करते हैं।"

3 अक्टूबर 2020 को भूतपूर्व ट्रैपिस्ट समुदाय के मठाधीश धर्मबंधु पियरे-आंद्रे द्वारा मठ की चाबियों को एटियेन विलेमेन को सौंपा गया।
3 अक्टूबर 2020 को भूतपूर्व ट्रैपिस्ट समुदाय के मठाधीश धर्मबंधु पियरे-आंद्रे द्वारा मठ की चाबियों को एटियेन विलेमेन को सौंपा गया।

ट्रैपिस्ट भिक्षुओं के साथ मधुर संबंध

अन्य स्थानों की तलाश करते हुए, पहली परियोजना ने टूलूज़ धर्मप्रांत में नोट्रे-डेम-डु-डेज़र्ट के मठ के आसपास अपना पैर जमाया। ट्रैपिस्ट भिक्षु 19वीं शताब्दी के मध्य से वहां रह रहे थे, लेकिन अब वे जा रहे थे। मठ की बिक्री मूल्य में पर्याप्त कमी और एक अमेरिकी दाता के उदार योगदान ने इस शानदार साइट को हासिल करना संभव बना दिया। एक ख्रीस्तीय समुदाय द्वारा अपने मठ को जीवित रखता हुआ देख भिक्षुओं को बड़ी संतुष्टि और खुशी मिली।

अक्टूबर 2020 में संत फ्रांसिस के पर्व की पूर्व संध्या पर एटिने विलेमेन ने भिक्षुओं के प्रस्थान के दिन को भावना के साथ याद किया और वे फ्रांसिस गांव को मठवासियों के सम्मानजनक और स्नेही निरंतरता के रुप में देखते हैं जो 2020 तक वहां रहते थे।

एटियेन बड़ी कोमलता के साथ कहते हैं, "हम इस मठवासी समुदाय को सफल बनाने के विचार से चकित थे! ये मठवासी बड़े असाधारण थे।" अंतिम आठ मठवासी अलग-अलग मठों में चले गए हैं, यहां तक ​​कि एक इक्वाडोर पहुँच गया। लेकिन इस मठ में रहने वालों के साथ उनके संबंध गहरे बने हुए हैं। हम उनके लिए प्रार्थना करते हैं, वे हमारे लिए प्रार्थना करते हैं, यह एक सुंदर मिलन है और फलदायी भी है।

इटियेन मठवासियों की महान उदारता और निष्ठा के लिए आभार व्यक्त करते हैं, जो चाबियों को सौंपने के बाद चले गए। एटियेन विलेमेन कहते हैं, "मठवासियों के प्रस्थान से एक दिन पहले, एक पेड़ गिर गया और सांता मारिया डेल डेजर्टो मठ के एक चिन्ह को तोड़ दिया .... उनके जाने से पहले, मठवासियों ने उस चिन्ह की मरम्मत की थी। उन्होंने अंत तक हर चीज की देखभाल की। शुरुआत में, उन्हें नहीं पता था कि हम आ रहे हैं, लेकिन उन्होंने जगह का प्रबंधन करना जारी रखा। उनके वर्षों के काम और प्रार्थनाओं का फल काटने हम आये... इन मठवासियों के प्रति हमारे मन में बहुत कृतज्ञता है!"

परियोजना स्वयंसेवकों के बीच बातचीत
परियोजना स्वयंसेवकों के बीच बातचीत

परियोजना स्वयंसेवकों के बीच बातचीत

एक व्यवहारिक आर्थिक मॉडल

जिस तरह भिक्षुओं के पास विशेष रूप से शहद के उत्पादन और बिक्री के माध्यम से आर्थिक प्रबंधन का अपना मॉडल था। एटियेन विलेमेन के लिए निश्चित रूप से रोजगार पैदा करने का स्थान था

एटियन ने कहा, "अक्सर, बहुत बार, लोग सोचते हैं कि सड़क पर रहने वाले लोग समाज पर बोझ हैं, लेकिन हम मानते हैं कि वे धन पैदा कर सकते हैं। इसलिए हम आर्थिक गतिविधियों को स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं, जैसे कि मधुमक्खी पालन व्यवसाय, एक होटल व्यवसाय, हम 'ए ला बोने फ़र्मे' (एक अच्छा फार्म) नामक एक संघ के साथ एक एकीकरण गतिविधि स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं, जो पर्माकल्चर गार्डन विकसित करता है: इसमें हम लगभग तीस नौकरियां पैदा कर रहे हैं। हम एक मुर्गी फार्म, सौंदर्य प्रसाधन उत्पादन गतिविधि, आदि विकसित करने की योजना बना रहे हैं, प्रत्येक परियोजना दूसरे से अलग होगी।"

एटियेन ने अपनी बात जारी रखते हुए कहा कि यह योजना संत पापा फ्राँसिस के प्रोत्साहन का जवाब है। संत पापा हमें लगातार याद दिलाते हैं कि हम सब आपस में जुड़े हुए हैं, पर्यावरण के लिए सम्मान और मानव व्यक्ति के लिए सम्मान अविभाज्य है। एटियेन ने कहा, "हम आम घर, अभिन्न पारिस्थितिकी और शुरू से अंत तक जीवन की देखभाल करना चाहते हैं: यही कारण है कि हम मुश्किल में पड़ी गर्भवती माताओं और बुजुर्ग लोगों का स्वागत करते हैं जो ‘फ्रांसिस गांव’ में रहकर शांति से अपना जीवन बिता सकते हैं।"

भिक्षुओं के प्रस्थान के बाद नोट्रे-डेम-डु-डेजर्ट का मठ
भिक्षुओं के प्रस्थान के बाद नोट्रे-डेम-डु-डेजर्ट का मठ

एक नबीय दृष्टिकोण

‘फ्रांसिस गांव’, पूरी तरह से स्थानीय कलीसिया द्वारा समर्थित है और ख्रीस्तीय धर्म की गवाही देता है एक ख्रीस्तीय गांव जहाँ विभिन्न पृष्ठभूमि के भाइयों और बहनों का प्रेमपूर्ण स्वागत किया जाता है, जो नाजुक और कमजोर हैं ..."जब तुम दावत दो, तो अमीरों की तलाश में मत जाओ, लेकिन गरीबों, अपंगों, लंगड़ों की तलाश में जाओ और स्वर्ग में तुम्हारा आनंद महान होगा।" एटियेन ने कहा कि वे सुसमाचार के इस वचन को फ्रांसिस गांव में जीने की कोशिश कर रहे हैं। आखिरकार, हम सभी थोड़े लंगड़े हैं और अपने अपंग एवं लंगड़े भाई बहनों का स्वागत करते हैं..... और अपनी अनाड़ीपन के बावजूद उन्हें प्यार करने की कोशिश कर रहे हैं।"

एटियेन विलेमैन के लिए, अपरिहार्य कठिनाइयाँ उत्पन्न हो सकती हैं, विशेष रूप से रिश्तों और वित्त के संदर्भ में, परंतु इस अनुभव में शामिल लोगों को एक साथ रहने से हतोत्साहित नहीं करना चाहिए। "बेशक, ऐसा हो सकता है कि हम एक-दूसरे को परेशान करते हैं, लेकिन हम अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान देने की कोशिश करते हैं।

वर्तमान में छह परिवार शामिल हैं और परिसर के उपलब्ध होते ही विभिन्न पृष्ठभूमि के लोगों का धीरे-धीरे स्वागत किया जाएगा। यह सभी ख्रीस्तियों के लिए और पूरे समाज के लिए एक चुनौती है। "हमारी दुनिया अब और उदासीन नहीं रह सकती है, जहाँ प्रकृति की कोई परवाह नहीं है, गरीबों की परवाह नहीं है ... बहुत से लोग इसके प्रति जागरूकहो रहे हैं और कदम दर कदम आगे बढ़ रहे हैं, जो असंभव था वह संभव होता जा रहा है और हाशिये पर रहने वाले लोगों को एक भाईचारे का जीवन जीने के साथ-साथ प्रार्थनामय जीवन जीने का अवसर मिलेगा, जो उनके जीवन को अर्थ देगा।"

इस पारिस्थितिक और सामुदायिक जीवन पर सभी जानकारी वेबसाइट levillagedefrancois.com पर पाई जा सकती है। केटीओ और ग्रैंड एंजल द्वारा सह-निर्मित डॉक्युमेंट्री को इसकी संपूर्णता में यूट्यूब पर देखा जा सकता है: https://youtu.be/7XGXbYVqpvo

 

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08 January 2022, 13:55