असम के बाढ़ पीड़ितों के लिये महाधर्माध्यक्ष मूलाचिरा की अपील
जूलयट जेनेवीव क्रिस्टफर-वाटिकन सिटी
असम, शुक्रवार, 1 जुलाई 2022 (ऊका समाचार): असम में गुवाहाटी के महाधर्माध्यक्ष जॉन मूलाचिरा ने असम के उत्तर-पूर्वी राज्य में बाढ़ पीड़ितों के लिये सहायता की अपील की है। पूर्वोत्तर राज्य के 28 जिलों में 30 लाख से अधिक लोग बाढ से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं।
असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) के अनुसार, मरने वालों की संख्या 152 हो गई है, जबकि 28 जिलों में 30 लाख से अधिक लोग प्रभावित हैं। पीटीआई प्रेस एजेन्सी से 29 जून तक मिली ख़बरों के अनुसार, ब्रह्मपुत्र, बेकी, कोपिली, बराक और कुशियारा जैसी प्रमुख नदियां अभी भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं।
अनुदान की कमी
ऊका समाचार से महाधर्माध्यक्ष मूलाचिरा ने कहा, "हमें अपने महाधर्मप्रान्त के धर्मसमाजों एवं धर्मसंघों से सहायता मिली है, लेकिन सभी संस्थानों और सामाजिक सेवा शाखाओं से हम अपील करते हैं कि वे आगे आएं और मदद करें क्योंकि इस समय हम अनुदान की कमी का सामना कर रहे हैं।"
उन्होंने कहा कि गुवाहाटी महाधर्मप्रान्त के समस्त धर्मप्रान्त राहत कार्य में संलग्न हैं जिनमें अनेक काथलिक पुरोहित दिन-रात घटनास्थलों पर सेवारत हैं। उन्होंने बताया कि वे ज्यादातर अपने संस्थानों में सूखा राशन प्रदान कर रहे हैं और प्रभावित लोगों को आश्रय दे रहे हैं। सरकार भी राहत कार्यों में व्यस्त है, तथापि, पेयजल उपलब्ध कराना सबसे बड़ी चुनौती बन गई है।
महाधर्माध्यक्ष ने कहा, “हमारी पहली प्राथमिकता नागरिकों को स्वच्छ पेयजल और भोजन उपलब्ध कराना है। बाढ़ के बाद की अवधि में बीमारियों के प्रसार को रोकने के लिए लोगों द्वारा अल्पकालिक सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों को अपनाया जाना भी अनिवार्य होगा।"
सिलचार, कछार सर्वाधिक प्रभावित
महाधर्माध्यक्ष मूलाचिरा ने कहा कि असम राज्य स्थित सिलचार और कछार पड़ोसी राज्य मिज़ोरम के आइज़ोल धर्मप्रान्त के अन्तर्गत आते हैं जहाँ के लोगों को भीषण बाढ़ का सामना करना पड़ा है।
पीटीआई की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि कछार असम राज्य का सबसे अधिक प्रभावित जिला है, जहां सिलचार शहर अभी भी बाढ़ के पानी में डूबा हुआ है। सिलचार की डिप्टी कमिश्नर कीर्ति जल्ली ने मीडिया को बताया कि सिलचार के कई भाग पिछले 10 दिनों से पानी में डूबे हुए हैं।
सरकारी आँकड़ों के अनुसार, राज्य में 280 राहत वितरण केंद्र तथा कुल 560 राहत शिविरों का निर्माण किया गया है। अधिकारियों ने बताया कि 548 घर पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए हैं और 1,034 आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गए हैं। पांच तटबंध टूट गए हैं जबकि 177 सड़कें और पांच पुल नष्ट हो गए हैं।
इसी बीच, विश्वव्यापी काथलिक उदारता संगठन कारितास की असम शाखा के समन्वयकर्त्ता राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में राहत कार्यों में लगे हैं। इनमें, खाद्य वितरण एवं पुनर्वास हेतु बाढ़ पीड़ितों के लिये अस्थायी आवासों का निर्माण शामिल है।
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