देवदूत प्रार्थना - 30 मई 2021
संत पापा के साथ प्रार्थना
Angelus
Angelus Dómini nuntiávit Mariæ.
Et concépit de Spíritu Sancto.
Ave Maria...
Ecce ancílla Dómini.
Fiat mihi secúndum verbum tuum.
Ave Maria...
Et Verbum caro factum est.
Et habitávit in nobis.
Ave Maria...
Ora pro nobis, sancta Dei génetrix.
Ut digni efficiámur promissiónibus Christi.
Orémus.
Grátiam tuam, quǽsumus, Dómine,
méntibus nostris infunde;
ut qui, Ángelo nuntiánte, Christi Fílii tui incarnatiónem cognóvimus, per passiónem eius et crucem, ad resurrectiónis glóriam perducámur. Per eúndem Christum Dóminum nostrum.
Amen.
Gloria Patri... (ter)
Requiem aeternam...
Benedictio Apostolica seu Papalis
Dominus vobiscum.Et cum spiritu tuo.
Sit nomen Benedicat vos omnipotens Deus,
Pa ter, et Fi lius, et Spiritus Sanctus.
Amen.
दूत-संवाद
प्रभु के दूत ने मरियम को सन्देश दिया।
और वह पवित्र आत्मा से गर्भवती हुई।
प्रणाम मरियम.........
देख, मैं प्रभु की दासी हूँ।
तेरा कथन मुझमें पूरा हो।
प्रणाम मरियम...........
और शब्द देह बना।
और हमारे बीच में रहा।
प्रणाम मरियम..........
हे ईश्वर की पवित्र माँ, हमारे लिए प्रार्थना कर।
कि हम खीस्त की प्रतिज्ञाओं के योग्य बन जाएं।
हम प्रार्थना करें :
हे प्रभु, हमने स्वर्गदूत के संदेश द्वारा तेरे पुत्र येसु खीस्त का देहधारण जान लिया। हमारी प्रार्थना सुन ले – अपनी कृपा हमारी आत्माओं को प्रदान कर, कि हम उसी खीस्त के दु:ख और क्रूस के द्वारा पुनरूत्थान की महिमा तक पहुँच सकें। उन्हीं हमारे प्रभु येसु खीस्त के द्वारा। आमेन।
पिता और पुत्र और पवित्र आत्मा की महिमा हो... (तीन बार)
मरे हुए विश्वासियों की आत्माएँ परमेश्वर की दया से शांति में निवास करें। आमेन।
प्रेरितिक अथवा संत पापा का आशीर्वाद-
प्रभु आपलोगों के साथ हो,
और आपके साथ भी।
प्रभु के नाम की महिमा हो,
अभी और अनन्त काल तक।
प्रभु के नाम में हमारा कल्याण है,
उसी ने स्वर्ग और पृथ्वी को बनाया है।
सर्वशक्तिमान ईश्वर, पिता, पुत्र और पवित्र आत्मा आप सभी को आशीर्वाद प्रदान करें। आमेन।
देवदूत प्रार्थना क्या है
दूत-संवाद की प्रार्थना एक ऐसी प्रार्थना है जिसको शरीरधारण के रहस्य की स्मृति में दिन में तीन बार की जाती है : सुबह 6.00 बजे, मध्याह्न एवं संध्या 6.00 बजे, और इस समय देवदूत प्रार्थना की घंटी बजायी जाती है। दूत-संवाद शब्द "प्रभु के दूत ने मरियम को संदेश दिया" से आता है जिसमें तीन छोटे पाठ होते हैं जो प्रभु येसु के शरीरधारण पर प्रकाश डालते हैं और साथ ही साथ तीन प्रणाम मरियम की विन्ती दुहरायी जाती है।
यह प्रार्थना संत पापा द्वारा रविवारों एवं महापर्वों के अवसरों पर संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में किया जाता है। देवदूत प्रार्थना के पूर्व संत पापा एक छोटा संदेश प्रस्तुत करते हैं जो उस दिन के पाठ पर आधारित होता है, जिसके बाद वे तीर्थयात्रियों का अभिवादन करते हैं। पास्का से लेकर पेंतेकोस्त तक देवदूत प्रार्थना के स्थान पर "स्वर्ग की रानी" प्रार्थना की जाती है जो येसु ख्रीस्त के पुनरूत्थान की यादगारी में की जाने वाली प्रार्थना है। इसके अंत में "पिता और पुत्र और पवित्र आत्मा की महिमा हो..." तीन बार की जाती है।