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कुस्तुनतुनिया के ग्रीक ऑर्थोडॉक्स कलीसिया के प्राधिधर्माध्यक्ष के प्रतिनिधियों से मुलाकात करते हुए संत पापा फ्राँसिस कुस्तुनतुनिया के ग्रीक ऑर्थोडॉक्स कलीसिया के प्राधिधर्माध्यक्ष के प्रतिनिधियों से मुलाकात करते हुए संत पापा फ्राँसिस   (Vatican Media)

पोप ˸ ख्रीस्तीय मेल-मिलाप मूर्खतापूर्ण युद्ध के बीच शांति की ओर एक रास्ता

कुस्तुनतुनिया के ग्रीक ऑर्थोडॉक्स कलीसिया के प्राधिधर्माध्यक्ष के प्रतिनिधियों से मुलाकात करते हुए संत पापा फ्राँसिस ने वर्षों से जारी ख्रीस्तीय एकता प्रक्रिया के लिए ईश्वर को धन्यवाद दिया तथा विभाजित ख्रीस्तीयों के साथ मेल-मिलाप करने की आवश्यकता पर जोर दिया, विशेषकर, ऐसे समय में जब दुनिया क्रूर और मूर्खतापूर्ण युद्ध का सामना कर रही है।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

संत पापा ने कहा, "आक्रमण की एक क्रूर एवं संवेदनहीन युद्ध में कई ख्रीस्तीय एक दूसरे से लड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि संघर्ष में विभाजित ख्रीस्तीयों के बीच मेल-मिलाप ही शांति के साधन के रूप में मदद दे सकता है।"   

संत पापा ने संत पेत्रुस एवं पौलुस के महापर्व के एक दिन बाद बृहस्पतिवार को कुस्तुनतुनिया के ग्रीक ऑर्थोडॉक्स कलीसिया के प्राधिधर्माध्यक्ष के प्रतिनिधियों से वाटिकन में मुलाकात की।

एक लम्बी परम्परा का अनुसरण करते हुए प्रतिनिधि इस सप्ताह रोम में हैं ताकि काथलिक एवं ऑर्थोडॉक्स कलीसिया के बीच एकता स्थापित की जा सके।

संत पापा ने 30 जून को वाटिकन में उनका स्वागत किया और कहा कि वे उनके दौरे के लिए कृतज्ञ है। उन्होंने उन्हें प्राधिधर्माध्यक्ष बरथोलोमियो प्रथम एवं परमधर्मपीठ को अपना अभिवादन प्रेषित किया।

बुधवार के समारोही ख्रीस्तयाग में उनकी उपस्थिति की याद करते हुए संत पापा ने कहा कि उनकी उपस्थिति उनके तथा वहाँ उपस्थित सभी लोगों के लिए आनन्द का स्रोत था। उनकी यात्रा सामीप्य एवं कुस्तुनतुनिया की कलीसिया का रोम की कलीसिया के प्रति भाईचारा पूर्ण उदारता है।  

पूर्ण एकता की ओर आगे बढ़ने हेतु प्रतिबद्धता

संत पापा ने उल्लेख किया कि दो कलीसियाओं के बीच उनके संरक्षकों के पर्वों के लिए प्रतिनिधिमंडलों का पारंपरिक आदान-प्रदान "एक ठोस संकेत है कि दूरी और उदासीनता के दिन, जब विभाजन को अपूरणीय स्थिति माना जाता था, बहुत पुराना हो चुका है।"

"आज, ईश्वर को धन्यवाद कि हमारे प्रभु येसु ख्रीस्त की इच्छा का पालन करते हुए एवं पवित्र आत्मा के संचालन में कलीसियाएँ भाईचारा एवं फलप्रद वार्ता में संलग्न हैं और पूर्ण एकता की बहाली की दिशा में आगे बढ़ने के लिए एक आश्वस्त एवं अपरिवर्तनीय तरीके से प्रतिबद्ध हैं।"

उन लोगों पर चिंतन करते हुए जिन्होंने इस प्रक्रिया की शुरूआत की, संत पापा ने प्राधिधर्माध्यक्ष अथनागोरस की याद की जिनकी पुण्य तिथि की 50वीं वर्षगाँठ निकट है। उन्होंने कहा, "एक बुद्धिमान एवं  साहसी चरवाहा जो अब भी मेरे लिए एवं दूसरों के लिए प्रेरणा के स्रोत हैं।" उन्होंने ही बहन कलीसियाओं एवं भाई कलीसियाओं के बारे चर्चा की थी।

बहन कलीसिया एवं भाई कलीसिया

संत पापा ने युद्ध की पीड़ा के बीच ख्रीस्तीयों को मेल-मिलाप करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला।

"संघर्ष में विभाजित ख्रीस्तीयों के बीच मेल-मिलाप ही शांति को सहयोग देने का एक साधन है, इन दिनों सबसे सामयिक विचार है, क्योंकि हमारी दुनिया आक्रामकता के एक क्रूर और संवेदनहीन युद्ध से बाधित है जिसमें कई ख्रीस्तीय एक दूसरे से लड़ रहे हैं।”

संत पापा ने कहा, "युद्ध की बाधा के सामने हमारी चिंता बात करने और बहस करने का नहीं होना चाहिए बल्कि रोने, दूसरों की मदद करने और अपने आप में मन-परिवर्तन को महसूस करना होना चाहिए।"

"हमें पीड़ितों और भारी रक्तपात, इतने सारे निर्दोष लोगों की मौत, परिवारों, शहरों और पूरे लोगों पर आघात के लिए रोने की जरूरत है।"

"उन लोगों ने कितनी अधिक पीड़ा सही है जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया है तथा जिन्हें अपना घर एवं अपना देश छोड़ना पड़ा है।

हमें अपने भाइयों एवं बहनों को मदद करना है तथा उस उदारता का परिचय देना है जिसको एक ख्रीस्तीय के रूप में हम येसु के लिए प्रकट करने हेतु बाध्य हैं जो विस्थापित, गरीब और घायल व्यक्ति में उपस्थित हैं।

आशा का चिन्ह

संत पापा फ्रांसिस ने पूर्ण एकता के रास्ते पर आशा के चिन्ह के रूप में, काथलिक कलीसिया और ऑर्थोडॉक्स कलीसिया के बीच ईशशास्त्रीय संवाद के लिए संयुक्त अंतर्राष्ट्रीय आयोग की समन्वय समिति की बैठक को देखा, जो महामारी के कारण दो साल के रुकावट के बाद मई में सम्पन्न हुई।

उन्होंने कहा, "यह मेरी आशा है कि ईशशास्त्रीय संवाद एक नई मानसिकता को बढ़ावा देते हुए बढ़ेगा। आइये, हम एक-दूसरे के लिए प्रार्थना करें, एक साथ काम करें तथा येसु एवं उनके सुसमचार को देखते हुए एक-दूसरे का समर्थन करें।"

संत पापा ने प्रार्थना करते हुए अपने संदेश का समापन किया, "दोनों संत भाई पेत्रुस और अंद्रेयस हमारे लिए प्रार्थना करें तथा ईश्वर भले पिता की आशीष प्रदान करें, हमारी एक साथ यात्रा में एवं पूरे विश्व पर।"

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30 June 2022, 17:09