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रीमनी मैत्री सम्मेलन 2022 रीमनी मैत्री सम्मेलन 2022  (Ph © Giorgio Salvatori //www.giorgiosalvatori.com)

रीमिनी मैत्री सम्मेलन को सन्त पापा फ्राँसिस ने भेजा सन्देश

इटली के रीमिनी शहर में प्रतिवर्ष आयोजित रीमिनी मैत्री सम्मेलन को सन्त पापा फ्राँसिस ने एक सन्देश भेजकर विश्व के लोगों के बीच मैत्री एवं भाईचारे की हार्दिक शुभकामनाएँ व्यक्त की हैं। रीमिनी में यह इस वर्ष 43 वाँ मैत्री सम्मेलन है जो 20 से 25 अगस्त तक जारी रहेगा।

जूलयट जेनेवीव क्रिस्टफर-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, शुक्रवार, 19 अगस्त 2022 (रेई, वाटिकन रेडियो): सन्त पापा फ्राँसिस की ओर से वाटिकन राज्य सचिव कार्डिनल पियेत्रो पारोलीन द्वारा हस्ताक्षरित सन्देश रिमिनी के काथलिक धर्माध्यक्ष फ्राँन्चेस्को लामबियासी के नाम भेजा गया।

"मनुष्य के लिये एक जुनून"

20 से 25 अगस्त के लिये निर्धारित 43 वें मैत्री सम्मेलन के शीर्षक  "मनुष्य के लिए एक जुनून" पर कार्डिनल पारोलीन ने चिन्तन किया। उन्होंने कहा कि प्रभु येसु ख्रीस्त ने मनुष्य के प्रति प्रेम का सन्देश दिया है किन्तु आज यह प्रतीत होता है कि येसु द्वारा सिखाये गये प्रेम की भावना धुँधली पड़ गई है। उन्होंने मैत्री सम्मेलन के संस्थापक प्रभु सेवक डॉन लूईजी जूसानी को याद किया जिन्होंने 1985 के मैत्री सम्मेलन में कहा था, "ईसाई धर्म का जन्म धर्मप्रचार के लिये नहीं हुआ, यह मनुष्य के प्रति एक जुनून के रूप में पैदा हुआ था। मनुष्य के प्रति प्रेम, सम्मान और मनुष्य के प्रति कोमलता एवं मनुष्य को पूर्ण गरिमा देने के लिये इसका उदय हुआ था।"

भयावह परिप्रेक्ष्य

कार्डिनल पारोलीन ने कहा कि कभी-कभी महसूस होता है कि येसु मसीह द्वारा सिखाई गई यह शिक्षा भुला दी गई है। उन्होंने कहा कि सन्त पापा ने कई मौकों पर इसका स्मरण दिलाया है। एक भेंटवार्ता में उन्होंने कहा था, "जिस युग में हम जी रहे हैं उसकी नाजुकता भी यह है: यह विश्वास करना कि मोचन की कोई संभावना नहीं है, ऐसा कोई हाथ नहीं है जो आपको उठाता है, एक आलिंगन जो आपको बचाता है, क्षमा करता है, ऊपर उठाता है और आपको एक अनंत, धैर्यवान प्रेम से भरकर वापस प्रेरणा देता है।"

कार्डिनल पारोलीन ने लिखा कि ऐसे ही भयावह परिप्रेक्ष्य का सामना कई लोगों ने कोविद महामारी के दौरान किया और जिसका सामना इस समय यूक्रेन एवं विश्व के कई हिस्सों में जारी युद्धों के कारण लाखों लोग कर रहे हैं।

कार्डिनल पारोलीन ने स्मरण दिलाया कि सन्त पापा फ्रांसिस अपने विश्व पत्र फ्रातेल्ली तूती में भले समारी के दृष्टान्त को दुहराते तथा रास्ते में पड़े हर घायल भाई और बहन की सेवा का आह्वान करते हैं। उन्होंने कहा कि भले समारी के दृष्टान्त में केवल उदारता का प्रश्न नहीं है बल्कि यहाँ प्रभु येसु ख्रीस्त हमें प्रत्येक के प्रति अपने दैनिक जीवन में उदार बनने के लिये आमंत्रित करते हैं, जिसे सन्त पापा फ्राँसिस इन शब्दों में व्यक्त करते हैं, "प्रत्येक परित्यक्त या बहिष्कृत भाई में स्वयं मसीह को पहचानें।" अस्तु, उन्होंने कहा कि इस तरह की चेतना प्रत्येक के मन में जागृत होना अनिवार्य है ताकि विश्व को भाईचारे, एकात्मता एवं मैत्री से परिपूर्ण एक मनेरम स्थल बनाया जा सके।

ज़रूरतमन्द में येसु को पहचानें

कार्डिनल पारोलीन ने कहा कि ज़रूरतमन्द में येसु मसीह को पहचानना और उसकी मदद करना ही सामाजिक मैत्री का मर्म है, जिसके लिये हम काथलिक विश्वासी तथा समस्त विश्व के शुभचिन्तक आमंत्रित हैं। सन्त पापा फ्राँसिस अपने विश्व पत्र एवान्जेली गाऊदेउम में लिखते हैं,  "सुसमाचार प्रचार का समुदाय दैनिक जीवन में कार्यों और संकेतों के माध्यम से ख़ुद को अन्यों की सेवा के सिपुर्द करता, दूरियों को कम करता और यदि आवश्यक हो तो ख़ुद को अपमानित कर भी लोगों में मसीह के पीड़ित शरीर को छूता और मानव जीवन ग्रहण करता है।"

सन्देश के अन्त में कार्डिनल महोदय ने लिखा, संत पापा को उम्मीद है कि 2022 के मैत्री सम्मेलन के आयोजक और प्रतिभागी सन्त पापा फ्राँसिस की अपील का प्रसन्न हृदय से स्वागत करेंगे तथा लोगों के बीच मैत्री का स्थापना हेतु  सार्वभौमिक काथलिक कलीसिया के साथ सहयोग करना जारी रखेंगे।

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19 August 2022, 12:08