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पोलैण्ड की अध्यक्षता में यूरोपीय सुरक्षा एवं सहयोग संगठन ओशे की बैठक, 13.01.2022 पोलैण्ड की अध्यक्षता में यूरोपीय सुरक्षा एवं सहयोग संगठन ओशे की बैठक, 13.01.2022 

ओशे की स्थायी समिति के सदस्यों से महाधर्माध्यक्ष ऊरबानज़िक

ऑस्ट्रिया की राजधानी विएन्ना स्थित यूरोपीय सुरक्षा और सहयोग सम्बन्धी संगठन, "ओशे" की स्थायी समिति की 1350 वीँ विशिष्ठ बैठक के सदस्यों को सम्बोधित कर वाटिकन के प्रतिनिधि और "ओशे" संगठन में परमधर्मपीठ के स्थायी पर्यवेक्षक महाधर्माध्यक्ष यानूस ऊरबानज़िक ने समिति में पोलैण्ड के विदेश मंत्री ज़िगनीव राओ का स्वागत किया तथा स्मरण दिलाया कि यूरोप में सुरक्षा एवं सहयोग को बरकरार रखना सभी यूरोपीय राष्ट्रों का दायित्व है।

जूलयट जेनेवीव क्रिस्टफर-वाटिकन सिटी

विएन्ना, शुक्रवार, 14 जनवरी 2022 (रेई,वाटिकन रेडियो): ऑस्ट्रिया की राजधानी विएन्ना स्थित यूरोपीय सुरक्षा और सहयोग सम्बन्धी संगठन, "ओशे" की स्थायी समिति की 1350 वीँ विशिष्ठ बैठक के सदस्यों को सम्बोधित कर वाटिकन के प्रतिनिधि और "ओशे" संगठन में परमधर्मपीठ के स्थायी पर्यवेक्षक महाधर्माध्यक्ष यानूस ऊरबानज़िक ने समिति में पोलैण्ड के विदेश मंत्री ज़िगनीव राओ का स्वागत किया तथा स्मरण दिलाया कि यूरोप में सुरक्षा एवं सहयोग को बरकरार रखना सभी यूरोपीय राष्ट्रों का दायित्व है।  

रचनात्मक संवाद के बावजूद युद्ध और संघर्ष

महाधर्माध्यक्ष ऊरबानज़िक ने कहा कि अपनी प्रकृति के प्रति सत्यनिष्ठ रहते हुए यूरोप ने अपनी सीमाओं के भीतर सुरक्षा और सहयोग को बनाये रखा है तथापि, विगत कई वर्षों से वह अनेकानेक चुनौतियों का सामना कर रहा है। विश्व शान्ति दिवस के लिये सन्त पापा फ्राँसिस के सन्देश के शब्दों को उद्धृत कर महाधर्माध्यक्ष ऊरबानज़िक ने कहाः "राष्ट्रों के बीच रचनात्मक संवाद हेतु कई प्रयासों के बावजूद, युद्ध और संघर्ष का शोर तेज हो रहा है। दूसरी ओर, महामारी का कहर फैल रहा है, जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभाव और पर्यावरणीय ह्रास इज़ाफ़ा हुआ है,  भुखमरी, क्षुधा और प्यास की त्रासदी बढ़ रही है, और एकजुटता के बजाय व्यक्तिवाद पर आधारित आर्थिक मॉडल कायम हो रहा है।"  

प्राकृतिक नींव, सांस्कृतिक जड़ों को पहचानें

विश्व और यूरोप में व्याप्त इस प्रकार की ख़तरनाक स्थिति से निपटने के लिये महाधर्माध्यक्ष ऊरबानज़िक ने अपील की कि यूरोपीय नेता अपनी-अपनी रुचियों एवं स्वार्थ के हित में काम करने के बजाय सम्पूर्ण यूरोप एवं समस्त विश्व के हित में काम करने का दृढ़ संकल्प करें।  उन्होंने कहा, लोगों की पहचान को बरकरार रखनेवाले मानवता की प्राकृतिक नींव तथा उसकी सांस्कृतिक जड़ों को मान्यता दा जाये।

इसके अतिरिक्त, महाधर्माध्यक्ष ऊरबानज़िक ने यूरोपीय सुरक्षा एवं सहयोग संगठन "ओशे" के सदस्य देशों से निवेदन किया कि वे "यह सुनिश्चित करें कि सभी आवाज़ें सुनी जायें और सभी की सलाह को ध्यान में रखा जाये" क्योंकि आम सहमति से ही चुनौतियों का प्रभावी ढंग से समाधान पाया जा सकता है। उन्होंने कहा, सम्मान और आपसी समझ सहयोग की नींव है, जो सबसे पहले संघर्ष की वर्तमान स्थितियों के यथार्थवादी मूल्यांकन की मांग करती है, ताकि इसका समाधान धैर्यपूर्ण और रचनात्मक संवाद के सिपुर्द किया जा सके।

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14 January 2022, 11:46