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पवित्र द्वार के सामने खड़े पोप फ्राँसिस एवं विश्वासी पवित्र द्वार के सामने खड़े पोप फ्राँसिस एवं विश्वासी 

वाटिकन ने जयन्ती वर्ष 2025 के आदर्शवाक्य की घोषणा की

संत पापा फ्राँसिस ने आगामी जयन्ती वर्ष के आदर्शवाक्य को अनुमोदन दिया। आदर्शवाक्य होगा – "आशा के तीर्थयात्री।"

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, बृहस्पतिवार, 13 जनवरी 22 (रेई)- नवीन सुसमाचार प्रचार हेतु गठित परमधर्मपीठीय समिति के अध्यक्ष महाधर्माध्यक्ष रिनो फिसीकेल्ला के अनुसार पोप फ्राँसिस की प्रमुख चिंता है जयन्ती वर्ष 2025 की  हर संभव अच्छी तैयारी की जाए।

3 जनवरी को पोप के साथ एक मुलाकात के बाद महाधर्माध्यक्ष फिसीकेल्ला ने कहा कि मुलाकात के दौरान पोप ने आगामी जयन्ती वर्ष के आदर्शवाक्य को मंजूरी दी, जिसे दो शब्दों में प्रस्तुत किया जा सकता है, "आशा के तीर्थयात्री"।

महाधर्माध्यक्ष ने बतलाया कि कई अन्य आदर्शवाक्यों की तरह, यह संपूर्ण जयंती यात्रा के अर्थ को संक्षेप में प्रस्तुत करने का प्रयास करता है। उन्होंने गौर किया कि चयनित शब्द – तीर्थयात्री और आशा – दोनों ही संत पापा फ्राँसिस के परमाध्यक्षीय काल की प्रमुख विषयवस्तु को प्रस्तुत करते हैं।  

उन्होंने कहा, "इन दो सालों में बहुत सारा काम किया जाना है", खासकर, उस विभाग को जिसके वे शीर्ष हैं तथा जिसे उस अवसर के आयोजन की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

उन्होंने जोर देकर कहा कि "एक ठोस तैयारी समिति बनाये जाने की जरूरत है ताकि प्रभावशाली आयोजन तंत्र का निर्माण किया जा सके।"

महाधर्माध्यक्ष ने कहा कि यद्यपि काम शुरू हो चुका है, इसे पूरी तरह सक्रिय बनाने के लिए पोप के अगले संकेत की प्रतीक्षा कर रहे हैं। पहली चिंताओं में से एक है तीर्थयात्रियों एवं विश्वासियों का स्वागत। पवित्र वर्ष के दौरान रोम में बड़ी संख्या में तीर्थयात्रियों की उम्मीद की जा रही है। उनकी आशा है कि इस साल की तरह अगले दो वर्ष स्वास्थ्य आपातकाल से अधिक प्रभावित नहीं होंगे।  

उन्होंने रोम की नगरपालिका, लात्सियो के अधिकारियों और इताली सरकार के साथ सहयोग को सुनिश्चित कर लिया है ताकि सब कुछ सुचारू रूप से चल सके एवं शहर में अधिक से अधिक तीर्थयात्रियों के स्वागत हेतु अच्छी तैयारी की जा सके।  

जयन्ती वर्ष

संत पापा फ्राँसिस द्वारा प्रेरित 2015 में करुणा के असाधारण जयन्ती वर्ष के बाद, आगामी जयंती, प्रत्येक के बीच 25 साल के अंतर को छोड़ने के मानदंड के अनुरूप होगी। सबसे हाल में साधारण जयंती वर्ष 2000 में मनायी गई थी, जब दुनिया और काथलिक कलीसिया ने नई सहस्राब्दी में प्रवेश किया था।

जयन्ती वर्ष अनुग्रह का एक विशेष वर्ष होता है जिसमें कलीसिया, विश्वासियों को विशेष दण्डमोचन प्राप्त करने का अवसर प्रदान करती है। सामान्यतः इसका उद्घाटन ख्रीस्त जयन्ती के ठीक पहले होता है तथा समाप्त दूसरे साल के प्रभु प्रकाश पर्व के साथ होता है।  

पोप इसका उद्घाटन संत पेत्रुस महागिरजाघर के पवित्र द्वार खोलने की रीति के साथ करते हैं। इसके बाद रोम के अन्य महागिरजाघर – संत जॉन लातेरन, संत पौल महागिरजाघर और संत मरिया मेजर महागिरजाघरों के पवित्र द्वार भी खोल दिये जाते हैं।

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13 January 2022, 16:54