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2022.07.14 चेलम की असाधारण सभा में प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए, कनाडाई कार्डिनल माइकेल चरणी 2022.07.14 चेलम की असाधारण सभा में प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए, कनाडाई कार्डिनल माइकेल चरणी  

कार्डिनल चरणी चेलम से : सिनॉडैलिटी अभिन्न मानव विकास का मार्ग है

इस सप्ताह लैटिन अमेरिकी धर्माध्यक्षीय सम्मेलन (चेलम) की असाधारण सभा में प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए, कनाडाई कार्डिनल चरणी का कहना है कि वर्तमान धर्मसभा प्रक्रिया सभी के लिए अभिन्न मानव विकास को बढ़ावा देने का एक महत्वपूर्ण मार्ग है और इस संबंध में, लैटिन अमेरिकी कलीसिया "बहुत उपयोगी अंतर्दृष्टि" को प्रस्तुत की है।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

बोगोटा, शनिवार 16 जुलाई 2022 (वाटिकन न्यूज) : धर्मसभा प्रस्ताव सभी लोगों की ईश्वर प्रदत्त मानवीय गरिमा को बढ़ावा देने का एक वैध तरीका है, कार्डिनल माइकेल चरणी ने लैटिन अमेरिकी धर्माध्यक्षीय सम्मेलन (चेलम) के धर्माध्यक्षों से कहा, जो इस सप्ताह तीन साल के नवीनीकरण का मूल्यांकन करने के लिए बोगोटा से मिले थे। लैटिन अमेरिका और कैरिबियन कलीसियाओं का प्रतिनिधित्व करते हुए, कलीसिया के धर्माध्यक्षों  की आम सभा 11-14 जुलाई तक कोलंबिया की राजधानी में आयोजित की गई थी।

अभिन्न मानव विकास में कलीसिया की प्रतिबद्धता

"हम अपने लिए क्या चाहते हैं, हमें तार्किक रूप से दूसरों के लिए बढ़ावा देना चाहिए" और इसलिए, "ईश्वर के सभी लोग, दुनिया के सभी धर्माध्यक्ष और रोमन कुरिया के साथ संत पिता उन लोगों के अभिन्न मानव विकास को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं" "विशेष रूप से गरीबों को" जिन्हें इससे वंचित रखा गया है। समग्र मानव विकास की सेवा के लिए बने विभाग के प्रीफेक्ट कार्डिनल चरणी ने लैटिन अमेरिका के करीब 40 धर्माध्यक्षो और महाधर्माध्यक्षों, लैटिन अमेरिका और कैरिबियन के 22 धर्माध्यक्षीय सम्मेलनों के अध्यक्षों, सचिवों और प्रतिनिधियों सहित प्रेरितिक केंद्रों के निदेशकों और काथलिक सहायता एजेंसियों के प्रतिनिधियों को संबोधित किया।

उन्होंने याद किया कि द्वितीय वाटिकन परिषद ने आदेश दिया था कि कलीसिया को समग्र मानव विकास के लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, उन ठोस वास्तविकताओं को जो हमारी दुनिया में इसकी उपलब्धि में बाधा डालते हैं। उन्होंने कहा, "इस युग के पुरुषों की खुशियाँ और आशाएँ, दुःख और चिंताएँ, विशेष रूप से वे जो गरीब हैं या किसी भी तरह से पीड़ित हैं", वे कलीसिया की आशाएँ और दुःख भी हैं जिनके साथ वह मुक्ति के संदेश को साझा करना चाहती है।

चेलम के साथ सहयोग

अपनी ओर से कार्डिनल चरणी ने इस क्षेत्र में पिछले वर्षों में किए गए सकारात्मक अनुभवों, क्षेत्रीय और विषयगत नेटवर्क की स्थापना सहित, सेमिनारों और बैठकों की चर्चा करते कहा, "उन्हें पूरा विश्वास और उम्मीद है कि परमधर्मपीठीय समग्र मानव विकास विभाग और चेलम एक साथ आगे बढ़ेंगे।"

लैटिन अमेरिका से धर्मसभा पर उपयोगी अंतर्दृष्टि

उन्होंने आगे कहा, इस संबंध में लैटिन अमेरिका ने अपनी धर्मसभा प्रक्रिया के लिए "बहुत उपयोगी अंतर्दृष्टि" की प्रस्तुत की है, जो उन्हें येसु के उदाहरण और संत पापा फ्राँसिस के संकेत पर "आपस में सुनने, साथ देने और पारस्परिक सेवा में प्रवेश करने" में सक्षम बनायेगा।

प्रेरितिक संविधान “प्रेदिकाते एवांजेलुम”

अपने संबोधन में, कार्डिनल चरणी ने रोमन कूरिया में सुधार के लिए प्रेरितिक संविधान "प्रेदिकाते एवांजेलुम" (सुसमाचार का प्रचार) के कार्यान्वयन का भी उल्लेख किया, जो व्यावहारिक रूप से प्रभु द्वारा ईश्वर के लोगों को सुसमाचार की घोषणा करने के लिए सौंपे गए जनादेश की पुष्टि करता है, हमें हमारे कमजोर भाइयों और बहनों, बीमारों और पीड़ित लोगों के प्रति ध्यान रखने का आग्रह करता है।

चेलम का अंतिम संदेश

शुक्रवार को असाधारण सभा के समापन पर, चेलम ने एक अंतिम संदेश जारी किया, जिसमें सुनने, इसकी संरचनाओं को बदलने और दुनिया के साथ बातचीत करने की "लैटिन अमेरिकी और कैरेबियन कलीसिया की प्रतिबद्धता" की पुष्टि की गई।

लैटिन अमेरिकी धर्माध्यक्ष लिखते हैं, "हम एक ऐसी कलीसिया बनना चाहते हैं जो साहसपूर्वक और रचनात्मक रूप से जीवन के सुसमाचार की घोषणा करती है, विशेष रूप से हमारे महाद्वीप पर सबसे कठिन और भूले हुए वातावरण में", "यह भाईचारे के जीवन को बढ़ाने और याजकवाद एवं किसी भी तरह के दुर्व्यवहार को समाप्त करने का समय है।" इसलिए वे कलीसिया के जीवन में भागीदारी को प्रोत्साहित करने वाले स्थानों और संरचनाओं को बनाने और विशेष रूप से महिलाओं और युवाओं को सुनने की अपनी इच्छा को उजागर करते हैं। संदेश में कहा गया है, "हम परामर्श और सामुदायिक विवेक को प्रोत्साहित करना चाहते हैं, जो आम लोगों की भागीदारी और निर्णय लेने में इसकी प्रासंगिकता के लिए खुद को अधिक से अधिक खोलना चाहते हैं।"

अंत में, लैटिन अमेरिकी धर्माध्यक्ष "मुलाकात की संस्कृति" को बढ़ावा देने की प्रतिज्ञा करते हैं जिससे कलीसिया सभी के साथ बातचीत करने और एक प्रामाणिक 'बंधुत्व' बनाने में सक्षम हो सके।

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16 July 2022, 15:03