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वाटिकन संचार विभाग के अध्यक्ष पाओलो रूफिनी वाटिकन संचार विभाग के अध्यक्ष पाओलो रूफिनी   (© Todos os Direitos Reservados)

रूफिनी ˸ संचार के लिए सम्पर्क काफी नहीं

वाटिकन संचार विभाग के अध्यक्ष पाओलो रूफिनी ने सियोल में आयोजित सिगनीस के विश्व सम्मेलन को सम्बोधित किया तथा याद दिलाया कि "तकनीकी की चुनौतियों का जवाब देने का एकमात्र तरीका इसे एक मूर्ति के रूप में नहीं सोचना है।"

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

संचार के लिए काथलिक नेटवर्क के विश्व सम्मेलन (सिगनीस) को सम्बोधित करते हुए वाटिकन संचार विभाग के अध्यक्ष ने जोर दिया कि कई चीजें ऐसी हैं जिनका स्थान तकनीकी कभी नहीं ले सकती, जैसे आजादी, मुलाकात, अप्रत्याशित का आश्चर्य, मन-परिवर्तन, प्रतिभा और मुक्त प्रेम आदि। "सिगनीस" संचार के क्षेत्र में काथलिक पेशेवरों का एक अंतराष्ट्रीय संघ है।  

इस वर्ष इस सम्मेलन की विषयवस्तु है, "डिजिटल दुनिया में शांति"। यह दक्षिणी कोरिया की राजधानी सियोल में आयोजित की गई है और इसका समापन 19 अगस्त को होगा।  

वाटिकन संचार के अध्यक्ष ने याद किया कि तकनीकी मानव प्रतिभा का फल है, जो उन वास्तविकताओं को सक्षम कर दिया है जो कुछ दशक पहले अकल्पनीय थे, उदाहरण के लिए, टेलीकांफ्रेंसिंग, टेलीमेडिसिन, ई-कॉमर्स आदि।

उन्होंने कहा, "किन्तु हमारे समय का विरोधाभास है कि हम बहुत अधिक जुड़े हुए हैं और अकेले भी हैं।" "समस्या यहीं है ˸ जब बातचीत नहीं होती, सिर्फ जुड़े रहते हैं, तब हमें अपने आप से सवाल करने की जरूरत है, अकेले और सामूहिक रूप से अंतःकरण की जाँच करने की आवश्यकता है।" उन्होंने कहा कि कुछ सवालों का जवाब तलाशना आवश्यक है।  

"बहुत अधिक जुड़ाव और बहुत अकेले होना कैसे संभव है? हमारे सम्पर्क में किस चीज की कमी है जो हमारे अकेलेपन को दूर कर सकती है और समय के साथ सहने के लिए काफी है?"

पाओलो रूफिनी ने कहा, "तकनीकी की चुनौतियों का जवाब देने का एक ही रास्ता है कि इसे एक मूर्ति के रूप में नहीं सोचा जाए, न ही खतरे के रूप में देखा जाए। यह नहीं मान लिया जाए कि इसे मानवता को बचाने की जिम्मेदारी है और न ही यह सोचा जाए कि उसका विनाश इसी के द्वारा तय है।"

खुशी खरीदी नहीं जा सकती   

रूफिनी ने यह भी याद किया कि संत पापा फ्राँसिस ने जब 2014 में दक्षिणी कोरिया की प्रेरितिक यात्रा की थी तब उन्होंने युवाओं के साथ एक मुलाकात में एक लड़की को जवाब दिया था। जिसमें उन्होंने जोर दिया था कि "खुशी खरीदी नहीं जा सकी।"

उन्होंने कहा, "जब कभी आप खुशी खरीदते हैं, आप महसूस करते हैं कि यह तुरन्त समाप्त हो जाती...जो खुशी आप खरीदते हैं वह नहीं टिकती। केवल प्रेम की खुशी टिकाऊ होती है।"

"उपभोक्तावाद, थोड़े समय की खुशी देकर, हमें गहरी और अधिक टिकाऊ खुशी देने के भ्रम में डालता है। हम जानते हैं कि हम केवल उपभोगी नहीं हैं, जो केवल चीजों का उपभोग करता। हम यह ठीक से जानते हैं कि सिर्फ संबंध - प्रेम पर आधारित सम्पर्क ही हमारे अकेलेपन को कम कर सकता, हमारी खुशी को बनाये रख सकता एवं हमें आनन्द प्रदान कर सकता है।"

उन्होंने गौर किया कि प्रेम इस बड़ी दुर्बलता पर आधारित है कि प्रेम की आवश्यकता है; प्रेम करना और प्रेम किया जाना; देना और दिया जाना। यही संचार का मूल है। यही कारण है कि जुड़ाव काफी नहीं है।   

सोशल नेटवर्क समुदाय का खतरा

अपने सम्बोधन में रूफिनी ने सोशल नेटवर्क पर भी प्रकाश डाला। जैसा कि संत पापा फ्राँसिस ने 53वें सामाजिक संचार दिवस के लिए प्रकाशित अपने संदेश में लिखा है, ये नेटवर्क खुद ब खुद समुदाय के पर्याय नहीं हैं ˸ "अक्सर उनकी पहचान समूह के बाहर के व्यक्ति के विरोध पर आधारित होती है।"  

बहुत बार हम अपने आपको उस बात से परिभाषित करते हैं जो हमें जोड़ने के बदले विभाजित करती। जो संदेह बढ़ाती एवं हर प्रकार के पूर्वाग्रह को हवा देती है। और दुनिया की खिड़की होने के बजाय, व्यक्तिगत संकीर्णता प्रदर्शित करने हेतु एक प्रदर्शनी बन जाती है।"

एक नई मानवता

उत्तम संचार की चुनौतियाँ जो सिगनीस की भी चुनौतियाँ हैं, नये संचार के लिए नये रास्तों की खोज करना, विचारों के विपणन के बजाय संवाद पर ध्यान केंद्रित करके, भीड़ की कट्टर नैतिकता के बजाय एक नैतिक श्रेणी के रूप में बुद्धि पर ध्यान केंद्रित करके" शैलियों और भाषाओं को शामिल करना।

उन्होंने केबेक में संत पापा फ्राँसिस की रचनात्मता के लिए प्रोत्साहन की याद करते हुए कहा, "यह रचनात्मकता की मांग करता है, लोग जहाँ जीते हैं वहाँ तक पहुँचने की क्षमता, सुनने, बातचीत करने और मिलने के लिए अवसर खोजना। हमें प्रेरित चरित की सादगी और उत्साह की ओर लौटना है।"  

सभी काथलिक संप्रेषकों, काथलिक पत्रकारों और भली इच्छा रखनेवाले लोगों से अपील करते हुए वाटिकन संचार विभाग के अध्यक्ष ने कहा, "संचार के कठिन और विस्तृत क्षेत्र में प्रवेश करें। हम नये मानवता के नायक बन सकते हैं, जो सक्रियता और सहभागितापूर्ण संचार में व्यक्त होता है। हम नागरिकता के एक नये विचार को बुन सकते हैं।"

सिगनीस विश्व सम्मेलन

इस वर्ष की सिगनीस विश्व सम्मेलन, विशेष रूप से सोशल मीडिया सहित मीडिया के उपयोग पर व्यक्तिगत बैठकों और आभासी सम्मेलनों की ओर उन्मुख है।

संत पापा फ्राँसिस ने सिगनीस को प्रेषित अपने संदेश में कहा है कि "डिजिटल मीडिया खासकर, सोशल मीडिया के प्रयोग ने कई गंभीर नैतिक मुद्दों को सामने लाया है जिसके लिए संचारकों और मानवीय संबंधों की प्रामाणिकता और गुणवत्ता से संबंधित सभी अधिकारियों की ओर से बुद्धिमान और विवेकपूर्ण निर्णय की आवश्यकता है।"

"कभी-कभी और कुछ स्थलों में, मीडिया साइट विषाक्तता, अभद्र भाषा और फेक न्यूज के स्थान बन गए हैं। इस चुनौती का सामना करने में, सिगनीस मीडिया शिक्षा, काथलिक मीडिया नेटवर्किंग और झूठ तथा गलत सूचना का मुकाबला करने के माध्यम से एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।"

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16 August 2022, 16:16