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प्रोपागांडा फिदे का संग्राहालय प्रोपागांडा फिदे का संग्राहालय 

कार्डि. ताग्ले ˸ कहानियाँ व कहानी सुनाना आपको योग्य बनाते हैं

कार्डिनल लुईस अंतोनियो ताग्ले ने कहानी और कहानी सुनाने की क्षमता के आठ बिन्दुओं पर चिंतन किया तथा प्रोपागांडा फिदे (विश्वास के प्रचार) सम्मेलन के प्रतिभागियों से अपील की कि वे इस क्षमता को अपने समुदाय एवं संस्थानों में प्रयोग करें।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

प्रोपागांडा फिदे की चौथी शताब्दी मनाने के लिए आयोजित अंतरराष्ट्रीय अध्ययन सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए वाटिकन के सुसमाचार प्रचार विभाग के अध्यक्ष कार्डिनल लुईस अंतोनियो ताग्ले ने उस तथ्य पर चिंतन किया कि सम्मेलन के दौरान धर्मसंघ के इतिहास के बारे में कई कहानियाँ बताई जाएँगी।

उन्होंने कहा, "कहानियों के बिना मानव जीवन अकल्पनीय है।" और इसी विचार के साथ कार्डिनल ने कहानी और कहानी बतलाने के कुछ पहलुओं पर प्रकाश डाला।

अच्छी कहानियाँ अनुभव पर आधारित होती हैं

कार्डिनल ने कहा, "कहानियाँ अच्छी होती हैं और बुरी भी लेकिन उसे बताने या कहानी अंत करने के तरीके पर अंतर निर्भर नहीं करता। हम उत्तम कहानियाँ बतलाते हैं जब यह हमारा अपना अनुभव होता है, जब इसमें सच्चाई होती है और अच्छा इतिहास प्रत्यक्षदर्शियों की कहानियों में होती हैं।"  

कहानियाँ व्यक्तिगत परिचय देतीं और पहचान बनाती हैं

कार्डिनल ताग्ले ने उल्लेख किया कि "कहानियाँ प्रकट करती हैं कि हम कौन हैं, हमारे जीवन के महत्व और हम कहा जा रहे हैं। इन सबके ऊपर, मैं जो हूँ सो हूँ क्योंकि मैं दूसरे लोगों की कहानियों एवं अपने समय की कहानियों में शामिल हूँ। यदि मैं उसे इंकार या अस्वीकार करता हूँ तो मेरे पास बताने के लिए व्यक्तिगत कहानी नहीं होगी।"

कहानियाँ गतिशील हैं, पुनः बतलाने के लिए खुले और परिवर्तनकारी

कार्डिनल ने जोर देते हुए कहा कि व्यक्तिगत पहचान को दुनिया के साथ बातचीत द्वारा स्मृति में रखा जाता है। इसे ध्यान में रखते हुए उन्होंने बतलाया कि आत्मज्ञान के लिए यादगारी महत्वपूर्ण है। अपनी कहानी याद करते हुए हम महसूस करते हैं कि अतीत स्थिर नहीं है और यह हमें अब भी आकार प्रदान करता है। कहानियों के द्वारा हम देख सकते हैं कि हम कितने बदल गये हैं और हमें कितना अधिक बदलना है।

प्रतीकों को समझने के लिए कहानियाँ पृष्टभूमि

कार्डिनल ने कहा कि कहानियाँ आध्यात्मिक, धर्मसैद्धांतिक एवं नैतिक प्रतीकों को समझने के लिए पृष्टभूमि हैं। कहानियाँ व्यक्ति अथवा समुदाय के मूल्यों, नैतिक नियमों और प्राथमिकताओं का खुलासा करती हैं। कहानी समुदाय का निर्माण करती है।

आम अनुभव और स्मृतियाँ

"एक समान अनुभव और यादें, व्यक्तियों को एक संशक्त ईकाई में बांधती हैं।" कार्डिनल ने बतलाया कि "एक समुदाय की विशिष्ट मान्यताएँ, रीति-रिवाज, उत्सव और जीवन शैली हमें तभी समझ में आते हैं जब हम उन कहानियों पर वापस जाते हैं जो उस समुदाय के सदस्य साझा करते और संजोते हैं"।

कहानियाँ सुननेवालों को बदल सकती हैं

कार्डिनल ताग्ले ने तब उपस्थित लोगों को याद दिलाया कि "जब हम कुछ महत्वपूर्ण अनुभव करते हैं, तो हम इसे किसी को बताने के लिए इंतजार नहीं कर सकते"। उन्होंने समझाया कि "यह हमें बतलाता है कि कहानी बतलाने के लिए एक श्रोता की जरूरत होती है, जिसके साथ उसे साझा किया जा सके"। वास्तव में, किसी व्यक्ति की कहानी एक श्रोता में समान अनुभूतियों की यादें जगा सकती है, "नये अर्थों को खोल सकती है, आश्चर्य पैदा कर सकती है, और निष्क्रियता से जागा सकती है"।

कहानी बतलाने के कई तरीके हैं

कार्डिनल ताग्ले ने कहा, "कहानियाँ कई तरह से बताई जा सकती हैं, यहाँ तक कि उस समय भी जब वे वास्तव में कहानी नहीं कही जा रही होतीं। मौखिक वर्णन अभी भी सबसे आम है, लेकिन कहानियों को पत्र, उपन्यास या कविताओं के माध्यम से बताया जा सकता है"। इसी तरह, तस्वीरें और वीडियो, हावभाव, तौर-तरीके, आवाज़ के स्वर, चेहरे की आकृतियाँ और शरीर की मुद्राएँ भी कहानी प्रकट करती हैं। और मौन भी "कहानी कहने का एक शक्तिशाली तरीका" हो सकता है।

कहानियों को दबाया जा सकता है

कार्डिनल ताग्ले ने अंत में कहा कि "भले ही कहानियाँ सुनाना हमारे लिए स्वतः आता हो, कुछ कारक कहानी सुनाने को दबा सकते हैं"। उन्होंने समझाया कि एक दर्दनाक स्मृति, शर्म या अपराधबोध के कारण होनेवाला दर्द पीड़ितों को अपनी कहानी बताने से रोक सकते हैं या उन्हें इस बात से इनकार करने के लिए प्रेरित कर सकते हैं कि कहानी उनकी स्मृति का हिस्सा नहीं है।"तानाशाह लोगों के भ्रष्टाचार, उत्पीड़न, हत्या और विनाश की कहानियाँ लोगों को बताने से रोकते हैं, वे मीडिया के लोगों को रिश्वत देते हैं और उन लोगों को धमकाते हैं जो सच्चाई को उजागर करना चाहते हैं, वे एक आधिकारिक राष्ट्रीय इतिहास थोपते हैं जो उन यादों को मिटा देता है जो उन्हें खराब रोशनी में डालती हैं"। उन्होंने कहा, "कुछ कहानियों को बताना बहुत खतरनाक होता है, लेकिन उपचार संभव है"।

अंत में, कार्डिनल ताग्ले ने सम्मेलन में भाग लेनेवालों को आमंत्रित किया कि वे इन सभी बिंदुओं को एक समुदाय या संस्थान जैसे प्रोपेगैंडा फाइड पर लागू करें। और उन्होंने उनसे पूछा: "क्या प्रोपेगैंडा फिदे का इतिहास हमें कृत्रिम और डिजिटल बुद्धिमत्ता, अतिवाद, ध्रुवीकरण, धार्मिक उदासीनता, जबरन आप्रवासन, जलवायु आपदाओं के नाम पर समकालीन दुनिया में प्रवेश करने के लिए प्रेरित करेगा? ऐसी दुनिया में येसु की कहानी को कैसा बताया जा सकेगा? येसु की कहानी को कौन बताएगा? एयूंतस इन मुंदुम उनीवेरसुम"।

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17 November 2022, 17:38