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महाधर्माध्य पौल गलाघेर महाधर्माध्य पौल गलाघेर  (ANSA)

गलाघेर: हर बच्चे के सर्वोत्तम हितों का ख्याल रखें

वाटिकन के संग राष्ट्रों और अंतरऱाष्ट्रीय संबंधों के अध्यक्ष, महाधर्माध्य रिचर्ड गलाघेर ने बचपन की देख-रेख और शिक्षा के संबंध में कहा कि वाटिकन बच्चों की परवरिश के लिए एक “समग्र दृष्टिकोण” का समर्थन करता है।

दिलीप संजय एक्का-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, शुक्रवार, 18 नवम्बर 2022 (रेई) महाधर्माध्यक्ष पौल रिचर्ड गलाघेर ने अर्ली चाइल्डहुड केयर एंड एजुकेशन (WCECCE) पर विश्व सम्मेलन के अवसर पर अपने एक संबोधन में कहा, “वाटिकन बच्चों के अभिन्न विकास को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से एक समग्र दृष्टिकोण का समर्थन करता है।"

कलीसिया की देख-रेख

देशों और अंतरऱाष्ट्रीय संबंधों के वाटिकन अध्यक्ष ने दुनिया भर में कलीसिया द्वारा संचालित लगभग 20,000 अनाथालयों और नर्सरी द्वारा की जाने वाली सेवा के कार्य के संबंध में कहा कि हम यह सुनिश्चित करें कि “कोई बच्चा न छूटे।”

उन्होंने कहा, “हमें अपने प्रेरितिक कार्यों में लड़कियों के लिए शिक्षा को बढ़ावा देना; गली में रहने वाले बच्चों, विकलांगों को मानवीय सम्मान देने की आवश्यकता है जिसे कलीसिया बाखूबी पूरा कर रही है।” हम भोजन, स्वच्छता और बुनियादी स्वास्थ्य आवश्यकताओं की पूर्ति करते हुए बच्चों की शारीरिक और मनोवैज्ञानिक अखंडता के लिए सम्मान की संस्कृति को बढ़ावा देते हैं।

बच्चों के सर्वोत्तम हितों का ख्याल

महाधर्माध्यक्ष गलाघेर ने इस बात पर जोर देकर कहा कि “'कोई बच्चा न छूटे” का अर्थ है सभी बच्चों के सर्वोत्तम हितों का ध्यान रखना, उन्हें सीखने, बढ़ने, विचारशील होने और दूसरों के साथ मिलसारिता और प्रेमपूर्ण वातावरण में विकास करने हेतु सक्षम बनाना है” इस विषय में उन्होंने वाटिकन की चिंता को व्यक्त किया कि “वैचारिक अलगाव” बच्चों के सर्वोत्तम हितों की समझ” से समझौता कर सकता है।

परिवार और माता-पिता की भूमिका

महाधर्माध्यक्ष ने इस बात पर भी जोर दिया कि बच्चों की देख-रेख हेतु “माता-पिता, विशेष रूप से माताओं की भागीदारी अविभाज्य होनी चाहिए,” और इस संदर्भ में उन्होंने “प्रारंभिक शिक्षा के रूप में परिवार के महत्व को दोहराया और देखभाल पर जोर दिया।”

अपने संबोधन से अंत में धर्माध्यक्ष ने कहा कि यह देशों का एक कर्तव्य है कि वे बच्चों के उचित विकास हेतु शारीरिक, भावनात्मक, बौद्धिक और आध्यात्मिक स्थितियों की गारंटी दें। उन्होंने कहा कि देशों को कलीसिया सहित अन्य योग्य संगठनों के साथ सहयोग करने की आवश्यकता है जिससे “बच्चों की उपयुक्त शिक्षा हेतु सभी जरूरतमंद शैक्षिक प्रणाली की पूर्ण व्यवस्था सुनिश्चित की जा सके।”

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18 November 2022, 15:21