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महाधर्माध्यक्ष पौल गलाघेर महाधर्माध्यक्ष पौल गलाघेर  (un.org)

गलाघेर : शांति स्थापना केवल वार्ता के माध्यम संभव

रोम में एकत्रित यूनियन सुपीरियर्स जनरलों की एक सभा को संबोधित करते हुए, राज्यों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के संग संबंधों के अध्यक्ष महाधर्माध्यक्ष पौल गालाघेर ने कहा कि “हर कीमत पर” वार्ता ही स्थायी शांति का एकमात्र साधन है।

दिलीप संजय एक्का-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, गुरूवार, 24 नबम्बर 2022 (रेई) रोम के पास सैक्रोफानो के फ्रेटरना डोमस में होने वाली यूनियन ऑफ सुपीरियर्स जनरल (यूएसजी) की 98वीं सभा का उद्घाटन करते हुए महाधर्माध्य पौल गलाघेर ने कहा कि नई पीढ़ियों के लिए सामाजिक प्रगति को बढ़ावा देकर युद्ध को रोका जा सकता है

यूएसजी सम्मेलन

महाधर्माध्यक्ष ने कहा कि संत पापा फ्रांसिस का विश्व प्रेरितिक पत्र “तूत्ती फ्रात्तेली” हमें विश्व में “शांति के शिल्पकार हेतु बुलावा” देता है जो यूएसजी त्रिदवसीय चिंतन की विषयवस्तु है। संत पापा फ्राँसिस अपने प्रेरितिक पत्र में कहते हैं “दुनिया के कई हिस्सों में इसकी आवश्यकता है। खुले में घावों को ठीक करने के लिए शांति के मार्ग की जरुरत है।” यह इस बात पर भी जोर देता है कि “शांति निर्माताओं, पुरुषों और महिलाओं को उपचार और नए सिरे से मिलन की प्रक्रिया शुरू करने के लिए साहसपूर्वक और रचनात्मक रूप से काम करने के लिए तैयार रहने की भी आवश्यकता है"।

यह सम्मेलन दुनिया में शांति को बढ़ावा देने के लिए कलीसिया की प्रतिबद्धता पर ध्यान केंद्रित कर रही है, विशेष रूप से यूएसजी और यूआईएसजी (इंटरनेशनल यूनियन ऑफ वीमेन सुपीरियर्स जनरल) शांति, न्याय की स्थापना और सृष्टि की अखंडता के लिए प्रतिबद्धता पर जिसके लिए समर्पित नर और नारियों को प्रशिक्षण के माध्यम तैयार किया जायेगा।

शांति हेतु वार्ता जरुरी

सम्मेलन को संबोधित करते हुए महाधर्माध्यक्ष पौल गलाघेर ने शांति के संदर्भ में संत पापा पौल 6वें के विचारों को व्यक्त करते हुए कहा कि कलीसिया और कुछ नहीं बल्कि शांति की स्थापना हेतु प्रतिबद्ध है।“शांति की स्थापना आपसी संवाद के माध्यम से ही की जा सकती है।”

शांति युद्ध का अनुपस्थिति नहीं

महाधर्माध्यक्ष ने कहा कि शांति स्थापना सर्वप्रथम पूर्णरूपेण युद्ध को नकारना और किसी भी कीमत पर वार्ता की चाह रखना है। उन्होंने कहा, “हमें शांति की नींव सुनिश्चित करने की आवश्यकता है, शांति केवल युद्धों की अनुपस्थिति नहीं बल्कि राष्ट्रों के बीच विवादों का शांतिपूर्ण समाधान, मानव अधिकारों की रक्षा है, जिसमें विवेक और धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार शामिल है।” यूएसजी की बैठक शनिवार को वाटिकन में संत फ्रांसिस के संग भेंट द्वारा समाप्त होगी।

यूनियन ऑफ सुपीरियर्स जनरल

द यूनियन ऑफ सुपीरियर्स जनरल (यूएसजी) पुरुषों के धार्मिक संस्थानों के वरिष्ठ जनरलों या परमधर्मपीठीय जीवन, परमधर्मपीठीय अधिकार का एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है।

1952 के बाद से, जब पहली सुपीरियर जनरल मिले, यह एक अंतरराष्ट्रीय मंच बना, जहां वे अनुभवों को साझा करते, सूचनाओं का आदान-प्रदान करते हैं, और कलीसिया की सेवा में एक-दूसरे का सहयोग करते हैं।

यूएसजी का उद्देश्य “व्यक्तिगत संस्थानों के जीवन और प्रेरिताई को कलीसिया की सेवा में बढ़ावा देना है, जिससे उनके प्रेरितिक कार्य और अधिक प्रभावकारी हो सके साथ ही वाटिकन के संग धर्मसमाजों का संपर्क उचित रुप में बना रहे।” 

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24 November 2022, 16:16