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लातीनी अमरीकी सेमिनरी के रेक्टरों एवं प्रशिक्षकों से मुलाकात करते पोप फ्राँसिस लातीनी अमरीकी सेमिनरी के रेक्टरों एवं प्रशिक्षकों से मुलाकात करते पोप फ्राँसिस  (VATICAN MEDIA Divisione Foto)

पोप फ्राँसिस ˸ सुसमाचार प्रचार के केंद्र में पुरोहितीय प्रशिक्षण

संत पापा फ्राँसिस ने बृहस्पतिवार को लातीनी अमरीकी सेमिनरी के रेक्टरों एवं प्रशिक्षकों के कोर्स में भाग ले रहे प्रतिभागियों को सम्बोधित किया। जिसमें लातीनी अमरीका महादेश एवं करेबियन के करीब सभी देश आते हैं। पोप ने भावी पुरोहितों की उच्च गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण की अवश्यकता पर प्रकाश डाला।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, बृहस्पतिवार, 10 नवम्बर 2022 (रेई) ˸ कोर्स का आयोजन वाटिकन के याजक विभाग ने किया है।

संत पापा ने कहा, "सभी प्रकार के पुरोहितों का प्रशिक्षण, खासकर भावी पुरोहितों, सुसमाचार प्रचार के केंद्र में है, चूँकि आनेवाले दशकों में वे ही हैं जो अपनी बुलाहट का प्रत्युत्तर देते हुए ईश्वर की पवित्र प्रजा को संचालित करेंगे एवं उन्हें मार्गदर्शन देंगे।"

ताकि वे ईश्वर एवं सारी मानव जाति के साथ उनकी एकता के गहरे संबंध के चिन्ह एवं माध्यम ख्रीस्त से संयुक्त रह सकें। यही कारण है कि उन लोगों के लिए गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण की अति आवश्यकता है जो झुण्ड के बीच प्रभु की उपस्थिति के चिन्ह होंगे तथा वचन एवं संस्कारों द्वारा उन्हें पोषित एवं देखभाल करेंगे।

संत पापा ने रेक्टरों एवं प्रशिक्षकों के सामने प्रेरितिक प्रबोधन पास्तोरेस दाबो वोबिस को रखा जिसका प्रकाशन संत पापा जोन पौल द्वितीय ने 30 साल पहले की थी।

यह प्रबोधन एक स्पष्ट अभिन्न मानवशास्त्रीय दृष्टिकोण प्रदान करता जो सेमिनरी छात्रों के चार आयामों को प्रस्तुत करता है ˸ मानवीय, बौद्धिक, आध्यात्मिक और प्रेरितिक आयाम। संत पापा फ्राँसिस ने अपने पूर्वाधिकारी संत पापा बेनेडिक्ट 16वें के विचार में सहमति दिखायी जिनकी सोच थी कि सेमिनरी छात्रों का प्रशिक्षण पुरोहित बनने के बाद भी जारी रहता है।

पोप फ्राँसिस ने कहा कि वर्तमान अनुपात मूल सिद्धांतों के महान योगदानों में से एक यह है, प्रशिक्षण की चार विशेषताओं से शुरू करते हुए सेमिनरी काल से ही पुरोहितों को प्रशिक्षण प्रक्रिया के बारे बतलाना, जिसको अद्वितीय, अभिन्न, समुदाय और मिशनरी के रूप में प्रस्तुत किया जाता है।

शिष्यों का समुदाय

संत पापा फ्राँसिस ने विशेष रूप से प्रशिक्षण के सामुदायिक पहलू पर चिंतन किया जिसके लिए पर्याप्त प्रशिक्षकों और सेमिनरी के छात्रों की जरूरत है कि वे एक वास्तविक समुदाय का निर्माण कर सकें। अंतरधर्मप्रांतीय, प्रांतीय या क्षेत्रीय सेमिनरी के निर्माण या उसे मजबूत करने के लिए अक्सर अधिक प्रतिबद्धता की जरूरत होती है।

संत पापा ने प्रशिक्षण के मानवीय आया के महत्व की याद दिलायी, इस बात पर गौर करते हुए कि सेमिनरी छात्र या भावी पुरोहित हर ख्रीस्तीय विश्वासी की तरह "साथी शिष्य हैं" जिनमें मानवीय आवश्यकताएँ एवं कमजोरियाँ हैं।  

पुरोहिताई का प्रशिक्षण, मानव कमजोरी एवं दिव्य कृपा दोनों को स्वीकार करने एवं आत्मसात् करने का निमंत्रण है। ईश्वर के पुत्र के पदचिन्हों पर, सेमिनरी के छात्रों को विश्वास एवं पूर्ण परिपक्वता की यात्रा में आगे ले जाना है।  

ख्रीस्तीय उदाहरण

संत पापा ने प्रशिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका पर ध्यान दिया जो शब्दों की अपेक्षा अपने जीवन से (अपने उदहरणों) अधिक शिक्षा देते हैं। इसके लिए मानवीय परिपक्वता की जरूर होती है। संत पापा ने प्रशिक्षकों को याद दिलाया कि वे ख्रीस्त की छवि प्रकट करने के लिए लगातार प्रयास करें।

आध्यात्मिक और मानवीय परिपक्वता के एक संकेतक के रूप में, पोप ने "सुनने की क्षमता और संवाद की कला" की ओर इशारा किया, जो प्रार्थना में ईश्वर के साथ संवाद से शुरू होता है। उन्होंने प्रशिक्षकों को एक बार फिर याद दिलाया कि उनका अपना जीवन "मौलिक कारक" हैं जिनके द्वारा वे सेमिनरी के छात्रों एवं अन्य पुरोहितों की सेवा को प्रभावी बना सकते हैं।

जीवन की सेवा एवं वार्ता

अंत में, संत पापा फ्राँसिस ने सेमिनरी के रेक्टरों की भूमिका के बारे में बात की, जिन्हें विशेष रूप से प्रशिक्षण दल के सदस्यों की देखभाल के लिए बुलाया जाता है।

उन्होंने कहा, "रेक्टर को चाहिए कि वह खुली वार्ता एवं सच्ची बातचीत के द्वारा हरेक प्रशिक्षक के जीवन एवं उसकी सेवा की लगातार चिंता करे। वह उन्हें प्रेरिताई की चुनौतियों से आनेवाली कठिनाई से ऊपर उठने में मदद दे।  

संत पापा ने सभी प्रशिक्षकों को कलीसिया की ओर से धन्यवाद दिया जो भावी पुरोहितों को तैयार करने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। उन्होंने उन्हें प्रोत्साहन दिया कि वे धर्माध्यक्षों के मार्गदर्शन में मनुष्यों के सच्चे मछुआरों के रूप में सुसमाचार के जाल डालें। उन्होंने उनके लिए सर्वोच्च पुरोहित की माता मरियम से प्रार्थना की। 

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10 November 2022, 17:13