पाकिस्तान के  चमन बार्डर पर अफगानिस्तान के निवासी पाकिस्तान के चमन बार्डर पर अफगानिस्तान के निवासी 

यूरोपीय संघ ने अफगानिस्तान सरकार पर रुख तय किया

यूरोपीय संघ और ब्रिटेन यह कहते हुए संयुक्त राज्य अमेरिका में शामिल हुए हैं कि वे तालिबान से निपटेंगे, वे उन्हें अफगानिस्तान की सरकार के रूप में नहीं देखेंगे।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

ब्रसेल्स, शनिवार 4 सितम्बर 2021 (वाटिकन न्यूज) : अफगानिस्तान के तालिबान से निपटने के लिए यूरोपीय संघ और ब्रिटेन संयुक्त राज्य अमेरिका में शामिल हुए हैं। यूरोपीय संघ के विदेश नीति प्रभारी श्री जोसेप बोरेल ने कहा कि कोई भी जुड़ाव सख्त शर्तों के अधीन होगा और केवल अफगान लोगों का समर्थन करने के लिए होगा।

बोरेल ने कहा कि ब्रसेल्स अमेरिका, जी7, जी20 और अन्य संगठनों के साथ समन्वय स्थापित करेगा और यह देश के पड़ोसियों के साथ सहयोग का एक क्षेत्रीय राजनीतिक मंच शुरू करेगा। यह कदम तब आया है जब तालिबान यह घोषणा करने की तैयारी कर रहा है कि उसकी सरकार में कौन होगा।

उधर, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा है कि अफगानिस्तान से अमेरिका की वापसी तबाही थी और इससे मानवीय आपदा हुई है। काबुल में रूसी राजदूत ने कहा है कि मास्को तालिबान की नई सरकार के संभावित सदस्यों के संपर्क में है।

अफगान ध्वज वाहक, एरियाना एयरलाइंस, बाद में काबुल हवाई अड्डे से घरेलू उड़ानें फिर से शुरू करेगी। पिछले महीने तालिबान के काबुल पर कब्जा करने के बाद से हवाईअड्डे को वाणिज्यिक यातायात के लिए बंद कर दिया गया है।

अफगानियों की मदद हेतु सम्मेलन का आयोजन

संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी  ने शुक्रवार को आगाह करते हुए कहा है कि अफगानिस्तान में, मौजूदा हालात को देखते हुए और नाज़ुक हालात का सामना कर रहे अफगानियों द्वारा सीमापार शरण मांगने के मद्देनजर अनिश्चितता की स्थिति में, एक बहुत बड़ा मानवीय संकट मंडराता नजर आ रहा है। संयुक्त राष्ट्र ने इस संकट का सामना करने के प्रयासों के तहत धन इकट्ठा करने की ख़ातिर, 13 सितम्बर को जिनीवा में, एक सम्मेलन आयोजित करने की घोषणा की है।

संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता स्तेफ़ान दुजैरिक ने शुक्रवार को जारी एक वक्तव्य में कहा, “इस सम्मेलन के ज़रिये, धन इकट्ठा करने के प्रयासों में तेज़ी की हिमायत की जाएगी ताकि मानवीय सहायता अभियान जारी रह सकें।"

"साथ ही निर्बाध मानवीय सहायता जारी रखने देने की अपील भी की जाएगी ताकि ज़रूरमन्द अफगान लोगों को ज़रूरी सेवाएँ हासिल होती रहें।”

यूएन प्रवक्ता ने कहा कि ये विश्व संगठन, अफगानिस्तान में, लाखों ज़रूरतमन्द लोगों के लिये मानवीय सहायता मुहैया कराने के लिये प्रतिबद्ध है। “अभी तक हासिल किये गए विकास लाभों को सहेजना भी होगा ताकि उन्हें अफगानिस्तान में मध्यम व दीर्घकालीन स्थिरता से जोड़ा जा सके।"

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04 September 2021, 14:34