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यूक्रेन के लिए प्रार्थना यूक्रेन के लिए प्रार्थना  (ANSA)

रूस व यूक्रेन की कलीसियाओं से पोलिश धर्माध्यक्ष ˸ शांति हेतु प्रार्थना करें

पोलैंड के ऑर्थोडॉक्स धर्माध्यक्ष ने रूस तथा यूक्रेन के काथलिकों से युद्ध को रोकने के लिए आध्यात्मिक शक्ति एकजुट करने का आह्वान किया है।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

पोलैंड, मंगलवार, 15 फरवरी 2022 (वीएनएस) ˸ पोलैंड के धर्माध्यक्ष ने रूस एवं यूक्रेन के विश्वासियों को आध्यात्मिक रूप से एकजुट होने का आह्वान करते हुए कहा है, "आइये, हम अपनी आध्यात्मिक शक्ति को एकजुट करें ताकि, और एक युद्ध की आशंका को टाला जा सके।"   

पोलैंड के ऑर्थोडॉक्स धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के अध्यक्ष महाधर्माध्यक्ष स्तानिसलाव गंदेस्की ने एक अपील जारी करते हुए कहा, "आइये हम ख्रीस्तीय विश्वासी रूस, यूक्रेन और पोलैंड के विभिन्न ख्रीस्तीय समुदायों के रूप में अपनी आध्यात्मिक शक्ति को एकजुट करें ताकि हमारे क्षेत्र में युद्ध की आशंका को टाला जा सके।"

उन्होंने पत्र में लिखा, "मैं आप सभी को रूस और यूक्रेन दोनों निकटवर्ती देशों के रूप में सम्बोधित करता हूँ। हम एक आम इतिहास एवं एक पवित्र ख्रीस्तीय विश्वास से जुड़े हैं। अतः आइये हम रूस, यूक्रेन एवं पोलैंड में, विभिन्न ख्रीस्तीय समुदायों के ख्रीस्तीय विश्वासी के रूप में अपनी आध्यात्मिक शक्ति को मजबूत करें, शांतिदाता की ओर एक साथ अपना प्रार्थनामय हृदय उठायें, ताकि हमारे क्षेत्र में किसी दूसरे युद्ध को टाला जा सके।"    

उन्होंने लिखा, "हमारी प्रार्थना, हजारों निर्दोष मानव प्राणी की पीड़ा और मृत्यु को रोकने के लिए एक प्रयास हो, खासकर, जो सबसे कमजोर एवं असहाय हैं, जिन्हें युद्ध शुरू होने पर बचकर भागने की शक्ति और अवसर नहीं होगा।"

पोलैंड के धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के अध्यक्ष ने यूक्रेन में सशस्त्र संघर्ष के दौरान संचार मीडियो पर गंभीर खतरा बताया है और इस बात पर जोर दिया है कि "हर युद्ध मानवता के लिए एक त्रासदी है" और दोनों ओर हजारों लोगों की मौत हो जाती और स्थिति खराब हो जाती है। रूस एवं यूक्रेन के बीच युद्ध के नाटक में इस बात पर भी गौर किया जा सकता है कि दोनों ओर ख्रीस्तीय एवं स्लाव लोग रहते हैं। मानवीय दृष्टिकोण एवं ईश्वरीय न्याय से, ये दोनों लोग अधिक एक समान हैं और वे एक-दूसरे से घृणा करना नहीं चाहते बल्कि आपसी सम्मान एवं मित्रता में बढ़ना चाहते हैं।"

महाधर्माध्यक्ष ने कहा, "एक अपरिहार्य की स्थिति है, हालांकि, लोगों के अधिकारों के प्रति सम्मान है, जिनमें आत्मनिर्णय और क्षेत्रीय अखंडता शामिल है।"

पिछली सदी में हुए दो युद्धों की याद करते हुए उन्होंने संत पापा जॉन पौल द्वितीय के शब्दों की याद की जिसको उन्होंने 2000 में विश्व शांति दिवस के संदेश में कहा था, " युद्ध अक्सर अन्य युद्धों के कारण होते हैं क्योंकि वे अत्यधिक नफरत को पोषित करते हैं, अन्याय की स्थिति उत्पन्न करते तथा लोगों की प्रतिष्ठा एवं अधिकार को रौंद देते हैं। आमतौर पर, वे उन समस्याओं का समाधान नहीं करते जिनके लिए लड़ा जाता है। अतः भयावह रूप से हानिकारक होना व्यर्थ है। हर युद्ध एक पागलपन है।"

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15 February 2022, 16:42