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फ्रांस में आग का कहर फ्रांस में आग का कहर 

अग्नि से जूझता फ्राँस यूरोप में ताप का असर

फ्रांस के जंगलों में लगी आग ने यूरोप के देशों को तपाया है।

दिलीप संजय एक्का-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, शुक्रवार, 12 अगस्त 2022 (रेई)फ्रांस जंगल की आग से बचने हेतु अंतरराष्ट्रीय मदद की अपील करने वाला नया यूरोपीय राष्ट्र बन गया है, अधिकारियों की जानकारी के मुताबिक पहले ही लगभग 7,000 हेक्टेयर या 17,300 एकड़ जंगल नष्ट हो चुके हैं।

फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रोंन ने कहा कि कई देश पहले से ही फ्रांस की मदद कर रहे हैं ताकि आग पर काबू किया जा सके। जंगली आग की यह घटना तब लगी है जब पूरा यूरोप महाद्वीप रिकॉर्ड तापमान और सूखे की मार से ग्रस्ति है,  अधिकारियों का कहना है कि इस आग के कारण कम से कम 1,000 लोग मारे गए हैं।

बोर्डो शहर का प्रांत वर्तमान में युद्ध ग्रस्ति क्षेत्र की तरह दिखाई देता है जहाँ जंगली आग को “दैत्य” की संज्ञा दी गई है जिस पर काबू पाने के लिए करीबन एक हजार अग्निशामक कर्मी जूझ रहे हैं। अधिकारियों ने इस बात की जानकारी दी है कि इस भयंकर आग ने कई घरों को नष्ट कर दिया है जिसके कारण करीबन दस हजार स्थानीय लोगों को भागने में विवश होना पड़ा है।

अग्निशमक कार्यकर्ता आग फैलने की स्थिति को रोकने हेतु युद्ध स्तर पर कार्यरत हैं लेकिन तेज हवा और उच्च तापमान उनके इस कार्य में कठिनाई उत्पन्न कर रहे हैं।
बोर्डो का दक्षिण-पूर्वी भाग, जो फ्रांस के गिरोंडे क्षेत्र में लगभग 30 किलोमीटर की दूरी पर लैंडिरस के कम्यून का हिस्सा है बिगत दो दिनों से भीषण जंगली आग से भड़क रहा है। इस बचाव कार्य में तीव्रता लाने हेतु फ्रांसीसी अग्निशामकों को अन्य दूसरे क्षेत्रों से प्रभावित प्रांतों पर तैनात करना पड़ा है। उन्हें विशेषज्ञ विमानों से सहायता पहुँचाया जा रही है जो पानी और आग बुझाने वाले द्रव्य का छिड़काव कर रहे हैं।

आग के लपटों की विकट परिस्थिति को देखते हुए, फ्रांस राष्ट्रपति मैकोन ने आस्ट्रिया, जर्मनी, यूनान, पोलैण्ड और रोमानिया से आग्रह किया है कि वे आग पर काबू पाने के उस युद्ध भरी स्थिति में “हाथ बटायें”। उन्होंने सामाजिक संचार माध्य में इसे “यूरोपीय एकात्मकता कार्य” कहा है।

स्थिति नियंत्रण से बाहर

इन सारे अंतरराष्ट्रीय प्रयासों के बावजूद जंगली आग गुरूवार को नियंत्रण से बाहर थी। गर्मी के इस समय में फ्रांस और बहुत से यूरोपीय देशों को जंगलों में लगी भयंकर आग का सामना करना पड़ा रहा है जो सुखाड़ और तापमान में बढ़ोतरी के कारण हुए हैं। यूरोप में गर्म हवा के कारण यूनान, स्पेन और इटली में जंगली आग की घटनाएं हुई हैं।   

विदित हो कि पुर्तगाल और स्पेन में लू के कारण मरने वालों की संख्या एक हजार से अधिक बतलाई गई है। वहीं पूरे यूरोप में इस आंकड़े में निश्चित रुप में वृद्धि के अनुमान हैं।

ब्रिटेन में, अत्यधिक गर्मी की चेतावनी जारी की गई है, अगले चार दिनों में कुछ क्षेत्रों का तापमान 37 डिग्री सेल्सियस या 99 फ़ारेनहाइट तक पहुंचने का अनुमान है, जो द्वीप राष्ट्र के लिए असामान्य रूप से एक उच्च तापमान है।

गर्मी और जंगलों में लगी आग के कारणों के बारे में विशेषज्ञों के बीच चर्चा जारी है। कई वैज्ञानिक उन्हें जलवायु परिवर्तन से जोड़ते हैं, अन्य विशेषज्ञों का कहना है कि पूरे यूरोप के लिए इसे एक मात्र कारण मानना अभी कठिन है।

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12 August 2022, 16:37