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पाकिस्तान ख्रीस्तीय समुदाय पाकिस्तान ख्रीस्तीय समुदाय  (AFP or licensors)

पाक अल्पसंख्यक दिवसः जबरन धर्मांतरण कमजोर लोगों के लिए “अभिशाप”

पाकिस्तान ने 11 अगस्त को वार्षिक राष्ट्रीय अल्पसंख्यक दिवस मनाते हुए, जबरन धर्मांतरण की चल रही वास्तविकता की ओर ध्यान आकर्षित कराया।

दिलीप संजय एक्का-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, शुक्रवार, 12 अगस्त 2022 (रेई) “आइए हम जबरन धर्मांतरण से शुरूआत करें जो पाकिस्तान के अल्पसंख्यक समुदाय हेतु एक अभिशाप है”, उक्त बातें लोकधर्मियों के प्रतिनिधि पीटर जेकब ने गुरुवार को दक्षिण एशियाई राष्ट्र के, राष्ट्रीय अल्पसंख्यक दिवस के अवसर पर अपने विचारों को व्यक्त करते हुए कही। 

श्री जेकब ने फिदेस समाचार को बतलाया कि जबरन धर्मांतरण का मुद्दा पाकिस्तान में धार्मिक अल्पसंख्यकों के सबसे कमजोर और गरीब सदस्यों को प्रभावित करता है।

“यह दर्दनाक मानसिकता मौलिक मानवाधिकारों के उल्लंघन, भेदभाव, गरीबी और कानूनी शासन की अनुपस्थिति जैसे अत्यंत चिंताजनक बातों के साथ-साथ चलती है”। उन्होंने कहा, “इन मुद्दों पर सरकार की निष्क्रियता अपराधियों को अपने विश्वास का उपयोग करते हुए अल्पसंख्यक महिलाओं के खिलाफ अपराधों की लीपा-पोती करने को प्रोत्साहित करता है”।

श्री जेकब सामाजिक न्याय केंद्र के प्रमुख है, इसके पूर्व उन्होंने काथलिक न्याय और शांति आयोग के कार्यकारी सचिव स्वरूप अपनी सेवा दी थी। मानवाधिकारों के कार्यकर्ता ने इस बात की ओर ध्यान आकर्षित कराया कि अल्पसंख्यकों के खिलाफ भेदभाव के मुद्दे को पाकिस्तानियों के ध्यान में लाया जाना चाहिए और सरकार से न्याय की मांग सुनिश्चित करनी चाहिए।

श्री जेकब ने कहा, “अल्पसंख्यक अधिकारों के दुरुपयोग की समस्या को पर्याप्त कानून के माध्यम से पहचाना और संबोधित किया जाना चाहिए ताकि महिलाओं को विशिष्ट रूप से सुरक्षा मिल सके।

उन्होंने कहा,“इस संदर्भ में हमें जनचेतना और शिक्षा के कार्यक्रम को आवश्यक रूप से संचालित करने की जरुरत है जिसे देश के अल्पसंख्यकों और हाशिए पड़े लोगों को पाकिस्तानी समाज में सुरक्षा और जागरूकता लाई जा सके”।

जबरन धर्मांतरण में उठापटक

सामाजिक न्याय क्रेन्द के आकड़ों अनुसार सन् 2021 में करीबन 78 युवा धार्मिक अल्पसंख्यक नारियाँ का अपहरण करते हुए उन्हें धर्म परिवर्तन करने को मजबूर किया गया। यह संख्या 2020 की तुलना में 80 प्रतिशत बढ़ोतरी की बात कहती है। श्री जेकब ने कहा कि यह अधिकारिक रूप में दर्ज किये गये आकड़ों का हवाला है वहीं कई असंख्य ऐसी घटनाएं असूचित रह जाती हैं।

सरकारी निदान

पाकिस्तान अल्पसंख्यक दिवस हेतु दिये गये एक संदेश में, प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने “बिना किसी डर या पक्षपात के” अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताई। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी सरकार ने सरकारी सेवाओं में अल्पसंख्यकों के लिए नौकरियों का 5 प्रतिशत कोटा आरक्षित रखा है।

“इस अवसर पर” उन्होंने अपने संदेश में लिखा,“मैं राष्ट्र निर्माण के सभी प्रयासों में अल्पसंख्यकों द्वारा निभाई गई विशिष्ट भूमिका की सरहाना करता हूँ। मैं विकास और हमारी समृद्धि की यात्रा में उनके द्वारा दिए गए बलिदानों से अच्छी तरह वाकिफ हूँ”। 

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12 August 2022, 16:44