2025.10.17सिस्टर एम्माकोलेट मुथोनी, संत फ्राँसिस की छोटी बहनों के धर्मसमाज (एलओएसएसएफ) की सदस्य 2025.10.17सिस्टर एम्माकोलेट मुथोनी, संत फ्राँसिस की छोटी बहनों के धर्मसमाज (एलओएसएसएफ) की सदस्य 

केन्याई अदालतों में न्याय की रक्षा कर रही है एक वकील काथलिक धर्मबहन

जब लोग किसी काथलिक धर्मबहन की कल्पना करते हैं, तो उनकी कल्पना एक ऐसी महिला की होती है जो किसी सिस्टर की खास वेश-भूषा में हो, शायद पढ़ा रही हो, किसी गिरजाघर में चुपचाप प्रार्थना कर रही हो, या बीमारों की देखभाल कर रही हो। बहुत कम लोग किसी धर्मबहन की कल्पना करते हैं जो अदालत में पेशेवर पोशाक पहने, किसी न्यायाधीश के सामने खड़ी हो, और अपना परिचय न केवल "वकील एम्माकोलेट मुथोनी" के रूप में दे रही हो, बल्कि "सिस्टर एम्माकोलेट" के रूप में दे रही हो।

सिस्टर क्रिस्टीन मासीवो, सीपीएस

वाटिकन सिटी, मंगलवार 04 नवंबर 2025 (वाटिकन न्यूज) : सिस्टर एम्माकोलेट मुथोनी, संत फ्राँसिस की छोटी बहनों के धर्मसमाज (एलओएसएसएफ) की सदस्य, न केवल एक धर्मबहन है, बल्कि केन्या उच्च न्यायालय की एक वकील भी है। साथ ही, वह पूर्वी अफ्रीका के काथलिक विश्वविद्यालय में एक कानूनी अधिकारी, राष्ट्रीय प्रशिक्षण प्राधिकरण द्वारा मान्यता प्राप्त प्रशिक्षक और केन्या लॉ सोसाइटी द्वारा मान्यता प्राप्त एक कानूनी लेखा परीक्षक भी हैं।

उपाधियों से परे, वह गरिमा की रक्षक और आशा की साक्षी हैं, जो यह साबित करती हैं कि न्याय का सुसमाचार केवल वेदी तक ही सीमित नहीं है; यह अदालतों में भी बोलता है।

फिर भी, वह एक शांत, दृढ़ और उज्ज्वल छवि प्रस्तुत करती हैं, जो दो ऐसी दुनियाओं को जोड़ती हैं जिनके बारे में कई लोग सोचते हैं कि वे एक साथ नहीं रह सकतीं: धार्मिक जीवन और कानून का अभ्यास।

एक आह्वान के भीतर एक आह्वान

उनकी कहानी कानून से नहीं, बल्कि राजनीति विज्ञान के एक युवा सपने से शुरू हुई। फिर, धार्मिक प्रशिक्षण और मानदंडों ने उनके मार्ग को बदल दिया।

उन्हें बताया गया था कि राजनीति विज्ञान पक्षपातपूर्ण लड़ाइयों में बहुत उलझा हुआ है। हालाँकि, कानून ने धार्मिक बुलाहट से समझौता किए बिना न्याय पाने का एक रास्ता पेश किया, एक ऐसा जीवन जिसकी वह बचपन से सेवा करना चाहती थीं।

वाटिकन न्यूज़ के साथ एक साक्षात्कार में, वह हँसते हुए कहती हैं, "मुझे लगता था कि कानून कम बुरा है और आज तक मुझे वकील होने का कोई पछतावा नहीं है।"

सिस्टर एम्माकोलेट के लिए, कानून और धार्मिक जीवन अलग-अलग आह्वान नहीं हैं; वे एक ही मिशन के दो पहलू हैं।

वे कहती हैं, "धार्मिक जीवन मुझे प्रार्थना, दृढ़ता और करुणा की नींव पर रखता है। कानून मुझे उन मूल्यों पर कार्य करने का मंच देता है। साथ मिलकर, वे वास्तविक परिवर्तन लाने के लिए एक-दूसरे के पूरक हैं।"

मानवीय चेहरे वाला न्याय

उनके द्वारा निपटाए गए प्रत्येक मामले में कानूनी वज़न से कहीं अधिक महत्व होता है; इसमें एक मानवीय आत्मा होती है, एक ऐसा व्यक्ति जो कभी टूटा हुआ होता है, अक्सर अनसुना होता है, और सबसे बढ़कर, हमेशा सम्मान का हकदार होता है।

"यह केस जीतने या हारने के बारे में नहीं है," वे दृढ़ विश्वास के साथ कहती हैं। "यह लोगों के साथ यात्रा करने के बारे में है, यहाँ तक कि उन लोगों के साथ भी जो हार जाते हैं और यह सुनिश्चित करने के बारे में है कि न्याय न केवल हो बल्कि महसूस भी किया जाए।"

उनका विश्वास उनके व्यवहार को आकार देता है। जहाँ दूसरे प्रक्रिया देखते हैं, वहाँ वे करुणा, जहाँ दूसरे संघर्ष देखते हैं, वहाँ संवाद और जहाँ दूसरे हार देखते हैं, वहाँ वे आशा लाती हैं।

उन्हें एक कार्यक्रम में "सिस्टर एम्माकोलेट, एक वकील" के रूप में अपना परिचय याद है।

वे कहती हैं, "एक महिला, जो अन्याय से त्रस्त थी और कानूनी व्यवस्था से डरती थी, मेरे सामने खुल गई क्योंकि मैं एक धर्मबहन थी। मैंने उसके साथ कानूनी प्रक्रिया में, निःशुल्क, तब तक यात्रा की जब तक उसे न्याय और उपचार नहीं मिल गया। इसने इस बात की पुष्टि की कि किसी की आशा को बहाल करने में कानून और विश्वास का मिलन कितना शक्तिशाली हो सकता है।"

सिस्टर एम्माकोलेट एक साथी वकील से जिरह करती हुई
सिस्टर एम्माकोलेट एक साथी वकील से जिरह करती हुई

रूढ़िवादिता को तोड़ना

उनकी दोहरी भूमिका संदेह से रहित नहीं रही है। अदालत में कुछ सहयोगियों ने उन्हें कानूनी लड़ाई के लिए "बहुत नरम" कहकर खारिज कर दिया है। कुध धर्मसमाजियों ने आश्चर्य जताया है कि एक धर्मबहन "सेकुलर कार्यों में क्यों डूबी रहती है", लेकिन उन्होंने अपने परिणामों और निरंतरता को बोलने देना सीख लिया है।

"लोग यह समझने लगे हैं कि सिस्टर और वकील दोनों होने से गहराई और विश्वसनीयता आती है। यह उन रूढ़ियों को चुनौती देता है कि एक आस्थावान महिला पेशेवर क्षेत्र में क्या योगदान दे सकती है," वह बताती हैं।

"जब मैं अदालत में अपना परिचय 'सिस्टर एम्माकोलेट, मुवक्किल की ओर से पेश' के रूप में देती हूँ, तो यह उपाधि अक्सर विरोधियों को निहत्था कर देती है, तनाव को कम करती है, और यहाँ तक कि बातचीत और अदालत के बाहर समझौते के लिए भी जगह बनाती है," वे स्वीकार करती हैं।

वे याद करते हुए हँसती हैं, "मुझे सबसे बड़ी चुनौती यह मिलती है कि जब भी मैं अदालत भवन में प्रवेश करती हूँ, तो मजिस्ट्रेट पूछते हैं कि क्या मुझे यकीन है कि मैं एक वकील हूँ और मेरा प्रैक्टिसिंग सर्टिफिकेट नंबर पूछते हैं, और कहते हैं कि उन्हें धर्मबहनों को वकील के रूप में देखने की आदत नहीं है।"

सुसमाचार प्रचार का एक नया चेहरा

सिस्टर एम्माकोलेट अफ़्रीकी कलीसिया में एक शांत क्रांति का हिस्सा हैं। वे उस बात का प्रतीक हैं जिसका आग्रह संत पापा फ़्राँसिस और कई धार्मिक संस्थापक लंबे समय से करते रहे हैं: "समय के संकेतों" को समझना और ईश्वर व मानवता की सेवा के नए तरीक़ों को अपनाना।

संत पापा लियो 14वें ने धार्मिक पुरुषों और महिलाओं को अपने करिश्मे में दृढ़ रहने और समय के संकेतों के प्रति सचेत रहने के लिए प्रोत्साहित किया है, जैसा कि उनके संस्थापक करते थे। उन्होंने कहा, "आपके संस्थापक चौकस, मूल्यांकनशील और प्रेमी थे और फिर भी, भारी कष्ट और असफलता के जोखिम को झेलते हुए, दूसरों की वास्तविक ज़रूरतों को पूरा करने के लिए, अपने पड़ोसियों की गरीबी में ईश्वर की आवाज़ को पहचानते हुए, आगे बढ़े।"

सिस्टर एम्मकोलेट ज़ोर देकर कहती हैं, "सुसमाचार प्रचार केवल उपदेश देने के माध्यम से नहीं होता। यह न्याय, करुणा और ईमानदारी जैसे सुसमाचार के मूल्यों को अन्य माध्यमों से भी जीना है। चाहे क़ानून, मीडिया, या कोई अन्य क्षेत्र हो, धर्मबहनें अपने पेशे में अपने विश्वास को चमका सकती हैं और उन्हें ऐसा करना भी चाहिए।"

उनका सपना है कि वे और भी धर्मबहनों को कानून, प्रशासन और उन पेशेवर क्षेत्रों में सेवा करते देखें जिन्हें कभी "सेकुलर" माना जाता था और अफ्रीका में धार्मिक जीवन पुरानी सीमाओं को तोड़ते हुए और न्याय व्यवस्था को सुसमाचार की भावना से आकार देते हुए देखें।

वे कहती हैं, "मुझे उम्मीद है कि मैं कानून की अपनी पढ़ाई को आगे बढ़ाकर नीतियों को प्रभावित करूँगी और समुदायों को बड़े पैमाने पर सशक्त बनाऊँगी।"

हमारे समय की साक्षी

सिस्टर एम्माकोलेट का जीवन हमें याद दिलाता है कि जब धार्मिक महिलाएँ साहसपूर्वक न्याय के क्षेत्र में कदम रखती हैं, तो कलीसिया जीवंत, रचनात्मक और भविष्यसूचक होता है।

जब वह अपनी रोजरी माला और कानूनी पुस्तकें लेकर अदालत में एक वकील और गिरजाघर में धर्मबहन दोनों की वेशभूषा में जाती हैं, तो वह विश्वास और तर्क के सामंजस्य का प्रतीक होती हैं।

उनका मिशन, जैसा कि वह नबी मीका को उद्धृत करती हैं, "न्यायपूर्ण जीवन जीना, दया से प्रेम करना और ईश्वर के साथ विनम्रतापूर्वक चलना" है।

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04 नवंबर 2025, 12:51