संत पापा फ्राँसिस नोट्रे-डेम-डे-ला-गार्डे महागिरजाघर में कार्डिनलों, धर्माध्यक्षों, धर्मप्रांतीय पुरोहितों, धर्मसंघियों, धर्मबहनों और सेमिनरियों के साथ संध्या प्रार्थना करते हुए संत पापा फ्राँसिस नोट्रे-डेम-डे-ला-गार्डे महागिरजाघर में कार्डिनलों, धर्माध्यक्षों, धर्मप्रांतीय पुरोहितों, धर्मसंघियों, धर्मबहनों और सेमिनरियों के साथ संध्या प्रार्थना करते हुए   (ANSA)

संत पापा ने मार्सिले के पुरोहितों से कहा: दूसरों पर येसु की दृष्टि लायें

शुक्रवार शाम को मरियम को समर्पित प्रार्थना में, संत पापा फ्राँसिस ने मार्सिले के धर्मप्रांतीय पुरोहितों को अपने भाइयों और बहनों पर ईश्वर की दृष्टि लाने, उनकी प्यास को ईश्वर तक लाने और सुसमाचार का आनंद फैलाने के लिए आमंत्रित किया।

वाटिकन न्यूज

मार्सिले, शनिवार 23 सितंबर 2023 (वाटिकन न्यूज, रेई) : संत पापा फ्राँसिस की शुक्रवार को मार्सिले के नोट्रे-डेम-डे-ला-गार्डे ("रखवाली करने वाली माता मरिया") महागिरजाघर में कार्डिनलों, धर्माध्यक्षों, धर्मप्रांतीय पुरोहितों, धर्मसंघियों, धर्मबहनों और सेमिनरियों के साथ संध्या प्रार्थना करते हुए अपनी प्रेरितिक यात्रा की शुरुआत की।

संध्या प्रार्थना के दौरान अपने संबोधन में,संत पापा ने  कार्डिनल जोन मार्क अवेलिन के स्वागत भाषण के लिए धन्यवाद दिया। संत पापा ने याद किया कि जिस महागिरजाघर में वे अपस्थित हैं, उसकी स्थापना किसी चमत्कार या दर्शन के परिणाम के रूप में नहीं की गई, बल्कि मार्सिले में ईश्वर के लोगों ने "उनकी पवित्र माँ की आँखों के माध्यम से..... प्रभु की उपस्थिति को यहां खोजा और पाया।”

संत पापा ने कहा, मार्सिले आने पर, मैं खुद को महान तीर्थयात्रियों की संगति में पाता हूँ: बालक येसु की संत तेरेसा, चार्ल्स डी फौकॉल्ड और संत पापा जॉन पॉल द्वितीय और कई अन्य जो खुद को "नोट्रे डेम डे ला गार्डे" (रखवाली करने वाली माता मरिया) को सौंपने के लिए यहां आए थे। हम आपके दिलों की अपेक्षाओं और उम्मीदों के साथ, "भूमध्यसागरीय बैठक" के फल को उसके आंचल में रखते हैं।”

येसु की कोमल दृष्टि

संत पापा ने कहा, येसु सभी पुरुषों और महिलाओं को कोमलता से देखते हैं, हमारा मूल्यांकन नहीं करते बल्कि दीनों को ऊपर उठाते हैं। उन्होंने कहा कि कलीसिया के प्रेरितिक कार्यकर्ता प्रभु की कोमलता और दयालुता का अनुभव करने और उनपर चिंतन करने के लिए बुलाये गये हैं ताकि वे दूसरों के प्रति दयालु पुरुष और महिला बन सकें।

संत पापा ने उन्हें प्रोत्साहित करते हुए कहा, "आइए, हम अपनी नम्रता, दयालुता और प्रभु के चेहरे की स्वीकृति को दिखाने के लिए न केवल अपने गिरजाघऱों और मठों के, बल्कि विशेष रूप से हृदय के दरवाजे खोलें।"

संत पापा फ्राँसिस ने पुरोहितों को हमेशा ईश्वर की क्षमा प्रदान करने और "संस्कारों के माध्यम से जीवन को रोशन करने की खुशी" को फिर से खोजने के लिए प्रोत्साहित किया। और उन्होंने उन्हें हर किसी के करीब रहने के लिए प्रोत्साहित किया, खासकर गरीबों और कम भाग्यशाली लोगों के करीब।

उन लोगों के लिए मध्यस्थता करना जो येसु की ओर मुड़ते हैं

संत पापा ने कहा कि कलीसिया के प्ररितिक कार्यकर्ताओं के मध्यस्थ के रूप में उनकी भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा, "उन महिलाओं और पुरुषों के बीच मध्यस्त बनना चाहिए जो ईश्वर की ओर मुड़ते हैं।"

काना की विवाह भोज में माता मरिया की तरह, वे "दूसरों के लिए मध्यस्थता की आवाज बनने के लिए बुलाये गये है।" संत पापा ने उन्हें यह सुनिश्चित करने का कहा कि जब वे रोजरी प्रार्थना करते हैं,  पवित्र संस्कार के सामने आराधना में समय बिताते है, तो वे अपने साथ उन सभी लोगों की जरूरतों को लाये जिनसे उन्होंने मुलाकात की है।

महागिरजाघर में स्थित माता मरिया की तीन छवियाँ

संत पापा ने महागिरजाघर में स्थित माता मरिया की तीन छवियों की ओर इशारा करके अपने विचारों को संक्षेप में प्रस्तुत किया। पहलाः मरिया की महान प्रतिमा जो महागिरजाघर के ऊंचे शिखर में रखी गई है, पुरोहितों को "हर जगह येसु का आशीर्वाद और शांति लाने" की याद दिलाती है। दूसराः बालक येसु और फूलों के गुलदस्ते को पकड़े हुए माता मरिया की एक छवि दर्शाती है कि कैसे माता मरिया येसु को हमारे सामने प्रस्तुत करती है और हमें भी, फूलों के गुलदस्ते की तरह, उसके सामने प्रस्तुत करती है। और अंत में, वेदी पर माता मरिया की छवि की "भव्यता" ख्रीस्तियों को येसु के संदेश को दूसरों के साथ साझा करने के लिए "एक जीवित सुसमाचार बनने" के लिए आमंत्रित करती है।

संत पापा ने अपने संदेश को समाप्त करते हुए कहा, “आइए हम अपने भाइयों और बहनों पर ईश्वर की दृष्टि लाये, आइए हम उनकी प्यास को ईश्वर तक लाएँ, आइए, हम सुसमाचार का आनंद फैलाएँ। यही हमारा जीवन है, कठिनाइयों और असफलताओं के बावजूद, यह अविश्वसनीय रूप से सुंदर है। आइए, हम सब मिलकर हमारी माता मरियम से प्रार्थना करें, कि वे हमारा साथ दे और हमारी रक्षा करें।”

 

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23 सितंबर 2023, 16:33