सन्त पापा लियो 14 वें पौल षष्टम भवन में छात्रों के साथ, 30.10.2025 सन्त पापा लियो 14 वें पौल षष्टम भवन में छात्रों के साथ, 30.10.2025 

विश्वास रहित जीवन जीवन नहीं है, सन्त पापा लियो 14 वें

वाटिकन में गुरुवार को सन्त पापा लियो 14 वें ने शिक्षा जगत के छात्रों से मुलाकात कर उन्हें अपना सन्देश दिया। इस अवसर पर उन्होंने जयन्ती वर्ष के दौरान सन्त घोषित किये गये इताली छात्र पियर जोर्जो फ्रास्साती को याद किया।

वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, गुरुवार, 30 अक्तूबर 2025 (रेई, वाटिकन रेडियो): वाटिकन में गुरुवार को सन्त पापा लियो 14 वें ने शिक्षा जगत के छात्रों से मुलाकात कर उन्हें अपना सन्देश दिया। इस अवसर पर उन्होंने जयन्ती वर्ष के दौरान सन्त घोषित किये गये इताली छात्र पियर जोर्जो फ्रास्साती को याद किया।

पियर जोर्जो फ्रास्साती

सन्त पापा ने कहा कि ईश्वर और पड़ोसी के प्रति अपने प्रेम के खातिर इस युवा संत पियर जोर्जो फ्रास्साती ने दो वाक्यांशों की रचना की थी जिन्हें वे अक्सर दोहराते थे, मानों ये उनके आदर्श वाक्य थे: "विश्वास के बिना जीना जीना नहीं है, बल्कि जीविका के लिये किसी तरह जीना है" और दूसरा था "सदैव ऊँचाइयों की ओर।" सन्त पापा ने कहा कि ये दो आदर्श वाक्य बिलकुल सत्य और उत्साहवर्धक हैं।

 उन्होंने कहा, इसीलिए प्रिय छात्रों, मैं आपसे भी कहता हूँ: जीवन को पूरी तरह जीने का साहस रखें। दिखावे या फैशन से संतुष्ट न रहें, क्योंकि क्षणिक घटनाओं तक सीमित जीवन हमें कभी संतुष्ट नहीं करता। इसके बजाय, आप में से प्रत्येक अपने हृदय में कहें: "हे प्रभु, मैं और सपने देखता हूँ, मैं और चाहता हूँ: मुझे प्रेरित करें!" यह इच्छा आपकी शक्ति है और उन युवाओं की प्रतिबद्धता को बखूबी व्यक्त करती है जो एक बेहतर समाज की योजना बनाते तथा केवल दर्शक बने रहने से इनकार करते हैं।

"ऊपर की ओर"

सन्त पापा ने छात्रों से कहा, "मैं आपको प्रोत्साहित करता हूँ कि आप निरंतर "ऊपर की ओर" दृष्टि  लगायें और इतिहास के अंधकारमय समय में आशा की किरण जलाते रहें। कितना अच्छा होगा यदि एक दिन आपकी पीढ़ी को "अतिरिक्त पीढ़ी" के रूप में मान्यता मिले, और कलीसिया और विश्व को आपके द्वारा दिए गए अतिरिक्त प्रोत्साहन के लिए याद किया जाए।"

उन्होंने आगे कहा, "प्रिय युवाओ, यह सिर्फ़ एक व्यक्ति का सपना नहीं रह सकता, अस्तु, आइए हम इसे साकार करने के लिए एकजुट होवें, प्रभु येसु में विश्वास करने के आनंद की एक साथ गवाही दें।" और ऐसा उन्होंने कहा कि केवल शिक्षा के माध्यम से हो सकता है जो दुनिया को बदलने के सबसे सुंदर और शक्तिशाली साधनों में से एक है। दिवंगत सन्त पापा फ्राँसिस का स्मरण करते हुए उन्होंने कहा, "पाँच वर्ष पूर्व, संत पापा फ्राँसिस ने वैश्विक शैक्षिक संधि की महान परियोजना का शुभारंभ किया था, जो उन सभी लोगों का एक गठबंधन है जो विभिन्न क्षमताओं द्वारा शिक्षा और संस्कृति के क्षेत्र में काम करते हैं ताकि युवा पीढ़ी को सार्वभौमिक भाईचारे में शामिल किया जा सके।"

सन्त पापा ने युवा छात्रों को स्मरण दिलाया कि वास्तव में, वे न केवल शिक्षा के प्राप्तकर्ता हैं, बल्कि इसके अभिनायक भी हैं। अस्तु, उन्होंने कहा, "आज मैं आपका आह्वान करता हूँ कि आप  शिक्षा के एक नए युग की शुरुआत करने के लिए एकजुट होवें, जिसमें हम सभी - युवा और वृद्ध - सत्य और शांति के विश्वसनीय साक्षी बनें। यही कारण है कि मैं आपसे कहता हूँ: आपको सत्य-वक्ता, ईशवचन के अनुयायी और शांति-निर्माता बनने के लिए बुलाया गया है। अपने साथियों को सत्य की खोज और शांति के विकास में संलग्न करें, इन दोनों नेक भावनाओं को अपने जीवन, अपने शब्दों और अपने दैनिक कार्यों से व्यक्त करें।"

जॉन हेनरी न्यूमैन

सन्त पापा लियो ने फिर सन्त और विद्वान जॉन हेनरी न्यूमैन को याद किया जिन्हें जल्द ही कलीसिया के आचार्य घोषित किया जाएगा। जॉन हेनरी न्यूमैन कहा करते थे कि ज्ञान बाँटने से ज्ञान बढ़ता है, और मन की बातचीत से ही सत्य की ज्योति प्रज्वलित होती है। इस प्रकार, सन्त पापा ने कहा, सच्ची शांति तब जन्म लेती है जब अनेक जीवन, तारों की तरह, एक होकर एक प्रतिरूप बनाते हैं। छात्रों से उन्होंने कहा, "हम सब मिलकर ऐसे शैक्षिक नक्षत्र बना सकते हैं जो भविष्य का मार्गदर्शन करें।"

गणित और भौतिक विज्ञान के प्राध्यापक होने के नाते मैं आपको स्मरण दिलाना चाहता हूँ कि दृश्यमान ब्रह्मांड में तारों की संख्या प्रभावशाली और अद्भुत है। अगर हम इन्हें पृथ्वी के 8 अरब निवासियों में बाँट दें, तो प्रत्येक व्यक्ति के पास सैकड़ों अरब तारे होंगे। उन्होंने कहा कि आकाश में हालाँकि अरबों-खरबों तारे हैं, हम केवल निकटतम तारामंडल ही देख पाते हैं: लेकिन ये हमें दिशा दिखाते हैं, जैसे समुद्र में नौकायन करते समय। यात्रियों ने हमेशा तारों में अपना रास्ता खोजा, ठाक वैसे ही जैसे तीन ज्ञानी पुरुषों ने बालक येसु के जन्म का स्थल खोजा था।

भविष्य के मार्गदर्शक

सन्त पापा ने कहा कि जिस तरह तारों ने युगों से रास्ता दिखाया है उसी आपको रास्ता दिखानेवाले हैं, आपके माता-पिता, आपके शिक्षक, आपके मित्र और सखा तथा आपकी प्रेरितिक देखभाल करनेवाले पुरोहित। उनकी तरह, आपको भी अपने आस-पास के लोगों के लिए चमकते हुए गवाह बनने के लिए बुलाया गया है। उन्होंने कहा कि एक तारा जब तक अकेला रहता है तब तक एक अलग बिंदु ही रहता है। हालाँकि, जब वह दूसरों के साथ जुड़ता है, तो एक तारामंडल बनाता है। इसी आप युवा छात्र आप में से प्रत्येक एक तारा है, और साथ मिलकर आपको भविष्य को आकार देने के लिए बुलाया गया है, क्योंकि शिक्षा लोगों को जीवंत समुदायों में एकजुट करती है और विचारों को सार्थक तारामंडलों में व्यवस्थित करती है।

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30 अक्तूबर 2025, 12:21