अगुस्तीनियानी धर्मबहनों से पोप : सच्चा आनन्द ख्रीस्त से संयुक्ति में
वाटिकन न्यूज
वाटिकन सिटी, बृहस्पतिवार, 13 नवम्बर 2025 (रेई) : पोप लियो 14वें ने इटली में अगुस्तीनियानी मठवासियों के संघ की संयुक्त आमसभा के प्रतिभागियों से बृहस्पतिवार को मुलाकात की।
अपने संबोधन में, पोप ने विभिन्न मठवासी समुदायों की एकता के साक्ष्य की सराहना की जिससे एक संघ बनता है तथा जो संत अगुस्तीन के नियमों के अनुसार जीवन जीने की अपनी प्रतिज्ञाओं से एकजुट हैं।
उन्होंने संगठन के धर्मसभा आयाम की ओर इशारा किया, जहाँ इटली भर में स्वायत्त कॉन्वेंटों में रहनेवाली धर्मबहनें अपने साझा करिश्मे की खोज के लिए एक साथ मिलती हैं।
उन्होंने आगे कहा कि एक-दूसरे की बात सुनना और विविधता में रहना, "उदारता का एक नबी के समान साक्ष्य प्रदान करता है, जिसकी विशेष रूप से एक ऐसे विश्व में आवश्यकता है जो कई मायनों में संवाद और साझा करने के लिए कम खुला होता जा रहा है।"
इसके बाद पोप लियो ने कलीसिया में चिंतनशील मठवासी के रूप में अगुस्तीनियानी धर्मबहनों के मिशन के तीन पहलुओं पर ध्यान केंद्रित किया।
उन्होंने उन्हें ईश्वर से संयुक्ति के आनन्द को जीने और उसका साक्ष्य देने का प्रोत्साहन दिया, इस बात पर गौर करते हुए कि संत अगुस्टीन ने इस बात की पुष्टी दी है कि प्रेम से प्रभु में आनन्द मनाना सच्ची खुशी प्रदान करता है।
उन्होंने कहा, "मानव व्यक्ति के लिए, और खासकर, ख्रीस्तियों के लिए, सच्चा आनंद प्रभु के साथ एकता में निहित है—स्वर्गीय दूल्हे के साथ उस आत्मीयता में, जिसे आप, अपनी बुलाहट के अनुसार, अपना पूरा जीवन समर्पित करते हैं।"
पोप ने मठवासी धर्मबहनों को पूरे मन से एकांत जीवन के लिए समर्पित होने, पवित्र मिस्सा, प्रार्थना, आराधना, ईश वचन पर ध्यान और सामुदायिक जीवन में पारस्परिक सहायता के अपने बुलावे को जीने के लिए आमंत्रित किया।
उन्होंने कहा, "इससे आपको शांति और सांत्वना मिलेगी, और आपके मठों के द्वार पर आनेवालों को आशा का एक ऐसा संदेश मिलेगा जो हजार शब्दों से भी ज्यादा प्रभावशाली होगा।"
पोप लियो ने धर्मबहनों द्वारा कलीसिया और दुनिया को दी जानेवाली उदारता के साक्ष्य पर प्रकाश डाला।
उन्होंने कहा कि संत अगुस्टीन के आदर्श को जीकर, वे "दुनिया में ईश्वर की सुगन्ध" फैलाते हैं और प्रार्थना के मौन में छिपे हुए, दुनिया के हर पुरुष और स्त्री से प्रेम करने का प्रयास करते हैं।
उन्होंने आग्रह करते हुए कहा, "बिना किसी शोर या दिखावे के, एक-दूसरे के प्रति देखभाल और ध्यान दिखाएँ, और जहाँ भी आवश्यकता हो और अनुकूल परिस्थितियाँ, सभी के प्रति करुणा का उदाहरण बनें।"
उन्होंने आगे कहा कि उनका "मौन और गुप्त प्रेम", हमारे समाज को यह दिखाने में मदद कर सकता है, जो दिखावे पर इतना अधिक केंद्रित है कि विनम्र, दैनिक उदारता का बहुत बड़ा मूल्य है।
उन्होंने आगे कहा कि उनका "मौन और छिपा हुआ प्रेम" यह दिखाने में मदद कर सकता है कि हमारा समाज, जो दिखावे पर इतना ज़्यादा केंद्रित है, विनम्र, दैनिक दान का भी बहुत महत्व है।
अंत में, पोप लियो ने अगुस्तीनियन संघ के कार्य को सही ठहराया, जो विभिन्न सदस्य कॉन्वेंटों के बीच पदों, कार्यों, वित्त और कभी-कभी धर्मबहनों के वितरण का समन्वय करता है।
पोप ने निष्कर्ष निकाला, "आइए, हम संत अगुस्टीन की कही बात याद करें। आप जो चाहते हैं वह सुंदर है, और प्रेम के सबसे योग्य है... इस उत्साह को आपको व्यवस्था को अस्वीकार करने के लिए नहीं, बल्कि उसे स्वीकार करने के लिए प्रेरित करें, क्योंकि व्यवस्था के बिना कोई उस चीज तक नहीं पहुँच सकता जिसे वह इतनी लगन से प्यार करता है।"
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