संत पेत्रुस महागिरजाघर में गरीबों की जयन्ती पर ख्रीस्तयाग अर्पित करते हुए संत पेत्रुस महागिरजाघर में गरीबों की जयन्ती पर ख्रीस्तयाग अर्पित करते हुए  (ANSA)

पोप : विश्व नेताओं को गरीबों की पुकार सुननी चाहिए, न्याय के बिना शांति नहीं

पोप लियो 14वें ने गरीबों की जयन्ती मनाने के लिए समारोही ख्रीस्तयाग अर्पित की और राष्ट्रों के नेताओं से अपील दोहराई कि वे सबसे गरीब की पुकार सुनें, क्योंकि वे हमें याद दिलाते हैं कि न्याय के बिना शांति संभव नहीं है।

वाटिकन न्यूज

वाटिकन सिटी, रविवार, 16 नवंबर 2025 (रेई) : गरीबों के 9वें विश्व दिवस पर, पोप लियो 14वें ने गरीबों की जयंती मनाने के लिए संत पेत्रुस महागिरजाघर में आयोजित ख्रीस्तयाग की अध्यक्षता की, जिसमें लगभग 6,000 तीर्थयात्री शामिल हुए।

ख्रीस्तयाग से पहले उन्होंने संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में उपस्थित करीब 20,000 विश्वासियों का अभिवादन किया।इस बात पर ध्यान देते हुए कि हम सभी ख्रीस्त में एक हैं, उन्होंने उन्हें ख्रीस्तयाग में बड़े प्रेम और गहरे विश्वास के साथ भाग लेने के लिए आमंत्रित किया, जो स्क्रीन पर ख्रीस्तयाग में भाग ले रहे थे।

संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में उपस्थित विश्वासियों का अभिवादन करते संत पापा लियो 14वें
संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में उपस्थित विश्वासियों का अभिवादन करते संत पापा लियो 14वें

गरीबों की जयन्ती के अवसर पर 16 नवम्बर को पोप लियो 14वें ने वाटिकन स्थित संत पेत्रुस महागिरजाघर में समारोही ख्रीस्तयाग अर्पित किया।

संत पापा ने अपने उपदेश में कहा, “प्यारे भाइयो एवं बहनो, धर्मविधिक वर्ष का अंतिम रविवार हमें इतिहास के अंतिम लक्ष्य की ओर देखने के लिए आमंत्रित करती है। पहले पाठ में नबी मलाकी "प्रभु के दिन" के आगमन को एक नए युग की शुरुआत के रूप में देखते हैं। इसे ईश्वर का समय बताया गया है, जब धार्मिकता के सूर्य को प्रकट करनेवाली भोर की तरह, गरीबों और दीन-दुखियों की आशाओं को प्रभु से अंतिम और निर्णायक उत्तर मिलेगा, एवं दुष्टों और उनके अन्याय के कुकर्म, खासकर, असहायों और गरीबों के विरुद्ध, तिनके की तरह मिटाए और जला दिए जाएँगे।

संत पापा ने कहा, “जैसा कि हम जानते हैं, धार्मिकता का यह उदयमान सूर्य स्वयं येसु हैं। वास्तव में, प्रभु का दिन न केवल इतिहास का अंतिम दिन है; बल्कि यह एक ऐसा राज्य है जो ईश्वर के पुत्र के आगमन द्वारा प्रत्येक व्यक्ति के निकट आता है। सुसमाचार में, अपने समय की विशिष्ट आलंकारिक भाषा का प्रयोग करते हुए, येसु इस राज्य की घोषणा और उद्घाटन करते हैं। वे स्वयं ईश्वर की शक्ति हैं, जो इतिहास की नाटकीय घटनाओं में उपस्थित और सक्रिय हैं। इन घटनाओं से शिष्यों को भयभीत नहीं होना चाहिए, बल्कि उन्हें अपनी गवाही में दृढ़ रहने में सक्षम बनना चाहिए, क्योंकि वे जानते हैं कि येसु की प्रतिज्ञा हमेशा जीवित और विश्वसनीय है: "तुम्हारे सिर का एक बाल भी बाँका नहीं होगा।" (लूका 21:18)

संत पापा ने कहा, “भाइयो एवं बहनो, जीवन में कभी-कभी आनेवाली दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं के बावजूद, हम इसी आशा में दृढ़ हैं। आज भी, "कलीसिया, 'एक अजनबी की तरह, एक विदेशी भूमि में, संसार के उत्पीड़न और ईश्वर की सांत्वनाओं के बीच आगे बढ़ रही है,' तथा प्रभु के क्रूस और मृत्यु की घोषणा तब तक करेंगी जब तक वे नहीं आते।" (लुमेन जेंसियुम, 8) और जब सारी मानवीय आशाएँ समाप्त होती प्रतीत होती हैं, तो यह निश्चितता, जो स्वर्ग और पृथ्वी से भी अधिक स्थिर है, और भी प्रबल हो जाती है, क्योंकि प्रभु हमारे सिर का एक बाल भी बाँका नहीं होने देंगे।

हमारे व्यक्तिगत जीवन और समाज में उत्पीड़न, पीड़ा, संघर्ष और अत्याचार के बीच, ईश्वर हमें नहीं छोड़ते। वे स्वयं हमारा पक्ष लेते हैं। धर्मग्रंथ इसी सुनहरे धागे से बुना हुआ है जो ईश्वर की कहानी बताता है, जो हमेशा बच्चों, अनाथों, परदेशियों और विधवाओं के पक्ष में रहते हैं। (विधिविवरण 10:17-19) और अपने पुत्र, येसु में, ईश्वर की निकटता प्रेम के शिखर तक पहुँचती है। इसी कारण, मसीह की उपस्थिति और वचन सबसे गरीब लोगों के लिए आनंद और जयन्ती बन जाते हैं, क्योंकि वे गरीबों को सुसमाचार सुनाने और प्रभु के अनुग्रह के वर्ष का प्रचार करने आए थे। (लूका 4:18-19)

ख्रीस्तयाग अर्पित करते संत पापा लियो 14वें
ख्रीस्तयाग अर्पित करते संत पापा लियो 14वें   (ANSA)

संत पापा ने कहा, हम भी आज इस विश्व दिवस पर, गरीबों की जयंती मनाते हुए, इस अनुग्रह वर्ष में एक विशेष तरह से भाग ले रहे हैं। जहाँ पूरी कलीसिया आनंदित और उल्लासित है, वहीं प्रिय भाइयो और बहनो, मैं खासकर आपके लिए, स्वयं प्रभु येसु के अटल वचनों की घोषणा करना चाहता हूँ: "दिलेक्सी ते, मैंने तुमसे प्रेम किया है।" जी हाँ, हमारी तुच्छता और दरिद्रता के सामने, ईश्वर हमें अद्वितीय दृष्टि से देखते हैं और हमें अनंत प्रेम से प्रेम करते हैं। और उनकी कलीसिया, आज भी, शायद विशेष रूप से हमारे समय में, गरीबी के पुराने और नए रूपों से त्रस्त, "गरीबों की माता, स्वागत और न्याय का स्थान" बनने की आशा करती है। (प्रेरितिक उपदेश दिलेक्सी ते, 39)

गरीबी के बहुत सारे रूप हमारी दुनिया को पीड़ित करते हैं! इसका सबसे बड़ा और खास रूप है भौतिक गरीबी, लेकिन नैतिक और आध्यात्मिक गरीबी भी हैं, जो अक्सर युवाओं को विशेष रूप से प्रभावित करती हैं। इन सबके बीच जो त्रासदी है वह है अकेलापन। यह हमें गरीबी को समग्र रूप से देखने की चुनौती देता है, क्योंकि जहाँ कभी-कभी तात्कालिक जरूरतों पर प्रतिक्रिया देना जरूरी होता है, वहीं हमें ध्यान देने की संस्कृति भी विकसित करनी होगी, ठीक उसी तरह जैसे अकेलेपन की दीवारें ढह जाती हैं। तो आइए, हम इस दृष्टिकोण को दूसरों के प्रति, हर व्यक्ति के प्रति, हम जहाँ भी हों, जहाँ भी हम रहते हों, फैलायें; अपने परिवारों में, कार्यस्थल और शैक्षणिक वातावरण में, विभिन्न समुदायों में, डिजिटल दुनिया में, हर जगह इसे जीएँ, हाशिए पर पड़े लोगों तक पहुँचें और ईश्वर की कोमलता के साक्षी बनें।

आज, दुर्भाग्य से दुनिया के विभिन्न क्षेत्रों में मौजूद युद्ध के परिदृश्य, विशेष रूप से इस बात की पुष्टि करते प्रतीत होते हैं कि हम असहायता की स्थिति में हैं। फिर भी, असहायता का वैश्वीकरण एक झूठ से, इस विश्वास से उत्पन्न होता है कि इतिहास हमेशा से ऐसा ही रहा है और बदल नहीं सकता। दूसरी ओर, सुसमाचार हमें याद दिलाता है कि इतिहास की उथल-पुथल के दौरान ही प्रभु हमें बचाने आते हैं। और आज, एक ख्रीस्तीय समुदाय के रूप में, हमें गरीबों के साथ मिलकर इस मुक्ति का जीवंत प्रतीक बनना चाहिए।

संत पापा ने देश के नेताओं से अपील करते हुए कहा, “गरीबी ख्रीस्तीयों को चुनौती देती है, लेकिन यह उन सभी लोगों को भी चुनौती देती है जो समाज में जिम्मेदार पदों पर हैं। मैं राष्ट्राध्यक्षों से आग्रह करता हूँ कि वे सबसे गरीब लोगों की पुकार सुनें। न्याय के बिना शांति नहीं हो सकती, और गरीब हमें कई तरीकों से इसकी याद दिलाते हैं, प्रवास के माध्यम से और साथ ही अपनी पुकार के माध्यम से, जो अक्सर कल्याण और प्रगति के मिथक से दब जाती है जो सभी को ध्यान में नहीं रखता, और वास्तव में कई व्यक्तियों को भूल जाता है, उन्हें उनके भाग्य पर छोड़ देता है।

धर्मार्थ कार्यकर्ताओं, इतने सारे स्वयंसेवकों और उन सभी के प्रति, जो सबसे गरीब लोगों की स्थिति को कम करने का प्रयास करते हैं, मैं अपना आभार व्यक्त करता हूँ, और साथ ही, समाज की आलोचनात्मक अंतरात्मा बने रहने के लिए अपना प्रोत्साहन भी देता हूँ। आप अच्छी तरह जानते हैं कि गरीबों का प्रश्न हमारे विश्वास के सार की ओर ले जाता है, क्योंकि वे मसीह के शरीर हैं, न कि केवल एक समाजशास्त्रीय श्रेणी (दिलेक्सी ते, 110)। इसीलिए, "कलीसिया, एक माँ की तरह, उन लोगों के साथ चलती है जो आगे बढ़ रहे हैं। जहाँ दुनिया खतरे देखती है, वहाँ वह बच्चों को देखती है; जहाँ दीवारें खड़ी होती हैं, वहाँ वह पुल बनाती है।" (दिलेक्सी ते, 75)

गरीबों की जयन्ती पर संत पेत्रुस महागिरजाघर में ख्रीस्तयाग
गरीबों की जयन्ती पर संत पेत्रुस महागिरजाघर में ख्रीस्तयाग   (ANSA)

आइए हम सब मिलकर इस प्रतिबद्धता में शामिल हों। जैसा कि प्रेरित पौलुस ने थेसलोनिका के मसीहियों को लिखा था (2 थेसलो.3:6-13): प्रभु के महिमामय आगमन की प्रतीक्षा करते हुए, हमें अपने आप में सिमटा हुआ, धार्मिक एकांत में जीवन नहीं जीना चाहिए जो हमें दूसरों से और इतिहास से अलग कर दे। इसके विपरीत, ईश्वर के राज्य की खोज में मानव सह-अस्तित्व को बिना किसी अपवाद के सभी के लिए भाईचारे और सम्मान के वातावरण में बदलने की इच्छा निहित है। भटके हुए पथिकों की तरह जीने का निरंतर खतरा बना रहता है, जो अंतिम गंतव्य के बारे में बेपरवाह होते हैं और उन लोगों में रुचि नहीं रखते जो हमारे साथ यात्रा में भागीदार हैं।

गरीबों की इस जयंती पर, आइए हम उन संतों के साक्ष्य से प्रेरित हों जिन्होंने सबसे जरूरतमंदों में मसीह की सेवा की और विनम्रता एवं त्याग के मार्ग पर उनका अनुसरण किया। विशेषकर, मैं संत बेनेडिक्ट जोसेफ लाब्रे का उल्लेख करना चाहूँगा, जिनका जीवन "ईश्वर के आवारा" के रूप में, उन्हें बेघरों के संरक्षक संत के रूप में चित्रित करता है। कुँवारी मरियम, अपनी महिमामय प्रार्थना के माध्यम से, हमें ईश्वर के विकल्पों की याद दिलाती रहती हैं और उन लोगों की आवाज बन गई हैं जिनकी कोई आवाज नहीं है। मरियम हमें राज्य के नए चिंतन को अपनाने में मदद करें, ताकि हमारे ईसाई जीवन में ईश्वर का प्रेम, जो स्वागत करता है, घावों पर पट्टी बाँधता है, क्षमा करता है, सांत्वना देता है और चंगा करता है, सदैव विद्यमान रहे।

विश्वासियों का अभिवादन करते संत पापा लियो 14वें
विश्वासियों का अभिवादन करते संत पापा लियो 14वें   (ANSA)

 

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17 नवंबर 2025, 10:13