संत पापा: एकता के रास्ते पर, 2033 की जुबली के लिए येरूसालेम तक
वाटिकन न्यूज़
इस्तांबुल, शनिवार 29 नवंबर 2025 : एकता के रास्ते पर साथ चलते रहने के लिए लगातार प्रार्थना करें। यह भरोसा संत पापा लियो 14वें ने, 29 नवंबर को इस्तांबुल में मोर एफ्रेम के सीरियाई ऑर्थोडॉक्स गिरजाघऱ में कलीसियाओं और ख्रीस्तीय समुदायों के नेताओं और प्रतिनिधियों के साथ हुई मीटिंग के अंत में दिया। यह खबर वाटिकन प्रेस कार्यालय ने दी।
यह मीटिंग ब्लू मस्जिद के दौरे के बाद हुई, जब संत पापा लियो तुर्की शहर के यूरोपियन हिस्से में येसिलकोय में मौजूद मोर एफ़्रेम सिरियाई ऑर्थोडॉक्स गिरजाघऱ गए। यह गणराज्य की स्थापना के बाद से तुर्की में बना पहला और अब तक का एकमात्र गिरजाघऱ है। यह सीरियाई एफ़्रेम को समर्पित है। इसे बनने में दस साल लगे, जिसमें से सात साल प्रशासनिक दिक्कतों की वजह से लगे। कोविद -19 महामारी और तुर्की और सीरिया में 2023 के भूकंप की वजह से इसके खुलने में देरी हुई।
मोर एफ़्रेम सिरियाई ऑर्थोडॉक्स गिरजाघऱ के परिसर में संत पापा लियो 14वें का स्वागत सिरिएक ऑर्थोडॉक्स कलीसिया के प्राधिधर्माध्यक्ष बारथोलोम प्रथम और इस्तांबुल, अंकारा और इज़मिर धर्मप्रांत के लिए एंटिओक के मेट्रोपॉलिटन ने किया। प्राधिधर्माध्यक्ष और संत पापा लियो गिरजाघर में प्रवेश किये और गिरजाघऱ में पहले से ही उपस्थित धार्मिक नेताओं के साथ ग्रुप फ़ोटो लिया। फिर गाना बजाने वालों का ग्रुप पवित्र आत्मा की प्रार्थना का भजन गाया और सभी नेता गोल मेज़ पर अपनी सीट पर बैठ गये। मीटिंग बंद दरवाज़ों के पीछे हुई, जिसमें हर नेता को कुछ देर बोलने का अवसर मिला और संत पापा ने अपना संदेश दिया।
नई मुलाकातें और धर्मसार की घोषणा
वहाँ मौजूद कुछ लोग कल इज़निक में नाइसीन महासभा की 1700वीं सालगिरह के मौके पर हुए समारोह में भी थे। मोर एफ्रेम गिरजाघऱ में मीटिंग के दौरान, संत पापा लियो ने खास तौर पर इज़निक में कल के जश्न का ज़िक्र किया, "जिसका मुख्य बिन्दु शब्द का देहधारण था।" फिर उन्होंने उम्मीद जताई कि "जैसे हमने अनुभव किए, वैसे ही नई मुलाकातें और पल आएंगे, उन कलीसियाओं के साथ भी जो मौजूद नहीं हो पाए।" फिर उन्होंने "सुसमाचार प्रचार और धर्मसार की घोषणा की अहमियत को याद किया और याद दिलाया कि कैसे ख्रीस्तियों के बीच फूट उनकी गवाही में एक रुकावट है।"
2033 में येरुसालेम की आध्यात्मिक यात्रा
आखिर में, उन्होंने सभी को 2033 में मुक्ति की जयंती तक की आध्यात्मिक यात्रा पर एक साथ चलने के लिए बुलाया, ताकि येरुसालेम, ऊपरी कमरे, जहाँ येसु ने अपने शिष्यों के साथ आखिरी खाना खाया था, जहाँ उन्होंने उनके पैर धोए थे, और पेंतेकोस्त की जगह पर वापस जा सकें। यह यात्रा पूरी एकता की ओर ले जाती है, जिसमें उनके धर्माध्यक्ष के आदर्श वाक्य: "इन इलो ऊनो उनम" “उस एक में एक” का ज़िक्र किया गया।
अंत में, अंतियोक के सिरिएक ऑर्थोडॉक्स कलीसिया के प्राधिधर्माध्यक्ष विकर की अगुवाई में प्रभु की प्रार्थना का पाठ किया गया।
हमारे विश्वास का नवीनीकरण
मीटिग समाप्त होने के बाद संत पापा लियो ने मोर एफ्रेम सिरियाई ऑर्थोडॉक्स गिरजाघर के बुक ऑफ़ ऑनर पर का लिखा, “इस ऐतिहासिक मौके पर जब हम नाइसीन महासभा के 1700 साल पूरे होने का समारोह मना रहे हैं, हम सच्चे ईश्वर और सच्चे इंसान, येसु ख्रीस्त में अपने विश्वास को नया करने के लिए एकत्रित हुए हैं, उस विश्वास का समारोह मनाते हुए जिसे हम सब एक साथ साझा करते हैं। मैं यहां एकत्रित हुए सभी लोगों और उन सभी समुदायों पर बहुत सारी दुआएं करता हूँ जिनका वे प्रतिनिधित्व करते हैं।”
मोर एफ़्रेम सिरियाई ऑर्थोडॉक्स गिरजाघऱ से निकलने के बाद, संत पापा प्रेरितिक प्रलिनिधि भवन गये।
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