पोप लियो और प्राधिधर्माध्यक्ष बार्थोलोम्यू ने ईश्वर के नाम पर हिंसा को खारिज किया

पोप लियो 14वें ने तुर्की में अपनी चार दिवसीय प्रेरितिक यात्रा के तीसरे दिन संत जॉर्ज महागिरजाघर में डोक्सोलॉजी ईश स्तुतिगान समारोह में भाग लिया तथा संयुक्त घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर की।

वाटिकन न्यूज

इस्तंबुल, शनिवार, 29 नवंबर 2025 (रेई) : तुर्की में पोप लियो 14वें इस्तांबुल में संत जॉर्ज प्राधिधर्माध्यक्षीय महागिरजाघर गए, जहाँ वे ख्रीस्तीय एकता प्राधिधर्माध्यक्ष बार्थोलोम्यू प्रथम के साथ ईश्वर का स्तुतिगान समारोह में भाग लिया तथा एक संयुक्त घोषणापत्र पर हस्ताक्षर किये, जो पूरी तरह से एकता बहाल करने के रास्ते के लिए उनकी साझा प्रतिबद्धता और हिंसा को सही ठहराने के लिए धर्म की किसी भी अपील को एक साथ खारिज करने की पुष्टि करता है।

संयुक्त घोषणापत्र में कहा गया है, “हम हिंसा को सही ठहराने के लिए धर्म और ईश्वर के नाम के किसी भी इस्तेमाल को खारिज करते हैं।”

संत जॉर्ज प्राधिधर्माध्यक्षीय महागिरजाघर की स्थापना 1720 में हुई है। महागिरजाघर में गुंबद नहीं है, जो शहर पर जीत के बाद ओटोमन्स के बनाए नियम के मुताबिक है, क्योंकि गुंबदों को मस्जिदों और इस्लामी परंपरा से जुड़ी इमारतों का खास अधिकार माना जाता था। गिरजाघर में प्राचीन कॉन्स्टंटिनोपल के कुछ सबसे सम्मानित संतों, के अवशेष रखे गये हैं।

ऑर्थोडॉक्स कलीसिया में लगभग 225 मिलियन विश्वासी हैं, जो ज्यादातर दक्षिण-पूर्वी और पूर्वी यूरोप में मौजूद हैं। यह अलग-अलग प्राधिधर्माध्यक्षीय कलीसियाओं से बना है, जो विश्वास की भावना में एकजुट रहते हुए भी अपनी आजादी बनाए रखते हैं।

"ऑर्थोडॉक्स" शब्द सबसे पहले ग्रीक ईसाइयों ने 4थी शताब्दी में अपनाया था ताकि विहित विश्वास को विधर्मिक सिद्धांतों से अलग किया जा सके। कुछ पूर्वी कलीसियाएँ जो 5वीं शताब्दी में मोनोफिसाइट विवाद के बाद अलग हो गए थे, उन्हें भी ऑर्थोडॉक्स कहा जाता है। ऑर्थोडॉक्स कलीसियाओं को एक प्राधिधर्माध्यक्ष संचालित करते हैं, यह धर्मपद रोम, कॉन्स्टंटिनोपल, एलेक्जांड्रिया, अंतियोख और येरूसालेम के पहले पांच कलीसियाओं से जुड़ा है। बाद में, इस पद 16वीं शताब्दी में मोस्को के मेट्रोपॉलिटन, 20वीं शताब्दी की शुरुआत में सर्बिया और बुल्गारिया के महाधर्माध्यक्ष और 10वीं सदी के बीच रोमानिया की कलीसिया के शीर्ष के रूप में बढ़ा दिया गया, जबकि जॉर्जिया की पुरानी कलीसिया के शीर्ष को "कथोलिकोस प्राधिधर्माध्यक्ष" कहा जाता है। अर्मेनियाई प्रेरितिक कलीसिया का संचालन एक कथोलिकोस लीड करते हैं। ऑर्थोडॉक्स पदानुक्रम में तीन पुराने ऑर्डर शामिल हैं - डीकन, पुरोहित और धर्माध्यक्ष: आर्कडीकन एक उपयाजक होता है; आर्किमंड्राइट एक पुरोहित होता है; मेट्रोपॉलिटन, महाधर्माध्यक्ष और प्राधिधर्माध्यक्ष बिशप होते हैं।

पोप लियो 14वें संत जॉर्ज महागिरजाघर पहुँचे, जहाँ प्राधिधर्माध्यक्ष बरथोलोमियो प्रथम ने उनका स्वागत किया। उसके बाद दोनों एक साथ महागिरजाघर के प्रवेश द्वार की ओर बढ़े। प्रवेश करने से पहले उन्होंने एक मोमबत्ती जलायी।

ईश्वर की स्तुतिगान के पश्चात् प्राधिधर्माध्यक्ष बरथोलोमियो प्रथम ने अपने सम्बोधन में पोप लियो 14वें का स्वागत करते हुए ख्रीस्तीय एकता मजबूत करने पर अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।

पोप लियो 14वें का सम्बोधन

पोप लियो ने अपने अभिवादन भाषण में कहा, “ख्रीस्त में प्यारे भाई, महामहीम, सबसे पहले, मैं आपके गर्मजोशी से स्वागत और अभिवादन के सुन्दर शब्दों के लिए अपना शुक्रिया अदा करना चाहता हूँ। मैं पवित्र धर्मसभा के सदस्यों, याजकों और विश्वासियों को भी धन्यवाद देता हूँ, जिनके साथ हम आज शाम की प्रार्थना कर रहे हैं।"

गिरजाघर में प्रवेश करते हुए, मैंने अत्यन्त भावुकता महसूस की, क्योंकि मुझे मालूम है कि मैं पोप पॉल 6वें, पोप जॉन पॉल द्वितीय, पोप बेनेडिक्ट 16वें और पोप फ्राँसिस के पद चिन्हों का अनुसरण कर रहा हूँ।”  

मुझे यह भी पता है कि महामहीम को मेरे आदरणीय पूर्वाधिकारियों से व्यक्तिगत मिलने का मौका मिला है, और उनके साथ एक सच्ची और भाईचारे वाली दोस्ती बनाने का भी मौका मिला है, जो एक जैसे विश्वास और कलीसिया एवं दुनिया के सामने आनेवाली कई प्रमुख चुनौतियों के बारे में एक जैसी सोच पर आधारित थी। मुझे यकीन है कि हमारी यह मुलाकात हमारी दोस्ती के रिश्तों को और मजबूत करने में भी मदद करेगी, जो रोम के धर्माध्यक्ष के रूप में मेरे काम की शुरुआत में हमारी पहली मुलाकात से ही गहरी होने लगी है, खासकर पवित्र यूखरिस्त समारोह के दौरान, जिसमें महामहीम ने उपस्थित रहने की मेहरबानी की।

कृपा का अनुभव

संत पापा ने कहा, “कल और फिर आज सुबह हमने कृपा के असाधारण अवसर को महसूस किया है, जब हमने प्रथम नाइसीन महासभा की 1700वीं वर्षगाँठ विश्वास में सभी भाइयों एवं बहनों के साथ मिलकर मनाया।”

उस अत्यन्त महत्वपूर्ण घटना को याद करके, और येसु की प्रार्थना से प्रेरित होकर कि उनके सभी शिष्य एक हो जाएँ (यो. 17:21), हम सभी ख्रीस्तीयों के बीच पूरी तरह से एकता बहाल करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता में हिम्मत पाते हैं, यह एक ऐसा काम है जिसे हम ईश्वर की मदद से कर सकते हैं। एकता की इस इच्छा से प्रेरित होकर, हम कुस्तुनतुनिया की कलीसिया के संरक्षक संत, प्रेरित अंद्रेयस का पर्व मनाने की तैयारी कर रहे हैं। आज शाम की प्रार्थना में, उपयाजक ने ईश्वर से “पवित्र कलीसियाओं की स्थिरता और सभी की एकता के लिए” प्रार्थना की। यही प्रार्थना कल के पवित्र मिस्सा बलिदान में भी दोहराई जाएगी। ईश्वर, हमारे प्रभु येसु ख्रीस्त के पिता, हम पर दया करें और उस प्रार्थना को सचमुच पूरा करें।

अंत में, संत पापा ने उनके स्वागत के लिए पुनः धन्यवाद दिया तथा प्राधिधर्माध्यक्ष एवं उपस्थित सभी लोगों को संरक्षक संत के पर्व की शुभकामनाएँ अर्पित की।

संयुक्त घोषणापत्र पर हस्ताक्षर

स्तुतिगान समारोह के समापन पर पोप लियो एवं प्राधिधर्माध्यक्ष बरथोलोमियो एक साथ महागिरजाघर से बाहर निकले तथा प्राधिधर्माध्यक्षीय आवास की ओर बढ़े जहाँ उनकी मुलाकात प्रतिनिधिमंडल से हुई।

उसके बाद संयुक्त पत्र पर हस्ताक्षर किया गया। पोप लियो और प्राधिधर्माध्यक्ष ने अपने अपने दल के प्रतिनिधियों का परिचय दिया। दोनों दल के प्रतिनिधियों ने एक-दूसरे को उपहार भेंट किये। पोप लियो ने मोजाईक से बने येसु ख्रीस्त की एक तस्वीर भेंट की, वहीं प्राधिधर्माध्यक्ष ने उन्हें एक स्टोल एवं क्रूस भेंट की। मुलाकात का अंत पोप एवं प्राधिधर्माध्यक्ष की व्यक्तिगत बातचीत से हुई।

उसके बाद ख्रीस्तयाग समारोह के लिए पोप लियो 14वें कार द्वारा वोक्सवैगन अरेना गये।

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29 नवंबर 2025, 14:59