ख्रीस्तयाग में पोप : लेबनान में शांति और न्याय लाने के लिए अपने दिलों को निरस्त्र करें
वाटिकन न्यूज
बेरूत, मंगलवार, 2 दिसंबर 2025 (रेई) : बेरूत वॉटरफ्रंट, पर्यटक बंदरगाह और राजधानी के सिटी सेंटर के बीच का तटीय इलाका है। इस जमीन को समुद्र से लिया गया है, इसके लिए बेरूत शहर के मलबे का इस्तेमाल किया गया था, जिसे (2006) में लेबनान युद्ध के अंत में,पुनःनिर्माण शुरू होने से पहले तोड़ा गया था।
ख्रीस्तयाग के आरम्भ में अंतियोख के ग्रीक मेलकाईट प्राधिधर्माध्यक्ष एस. बी. योसेफ अबसी ने पोप लियो का स्वागत किया। उन्होंने पूर्वी रीति के काथलिकों की देखभाल करने और लेबनान में खुशी एवं शांति का संदेश लाने के लिए पोप को धन्यवाद दिया।
संत पापा ने अपने उपदेश में कहा, प्यारे भाइयो एवं बहनो, इन व्यस्त दिनों के अंत में, जिनको हमने एक साथ सहर्ष व्यतीत किया है, हम प्रभु को धन्यवाद देते हैं, उनकी अच्छाई के विभिन्न वरदानों के लिए, हमारे बीच उनकी उपस्थिति के लिए, प्रचुर मात्रा में अर्पित उनके वचनों के लिए और हमें एक साथ आने का अवसर देने के लिए।
जैसे कि हमने सुसमाचार में सुना है, येसु भी पिता को धन्यवाद के शब्द प्रकट करते हैं और उनसे प्रार्थना करते हैं, "पिता! स्वर्ग और पृथ्वी के प्रभु! मैं तेरी स्तुति करता हूँ।” (लूक. 10: 21)
संत पापा ने कहा, “लेकिन स्तुति हमेशा हमारे अंदर जगह नहीं पाती। कभी-कभी, जिदगी की मुश्किलों के बोझ तले दबे हुए, अपने आस-पास की कई समस्याओं को लेकर परेशान, बुराई के सामने लाचार होकर और इतने सारे मुश्किल हालात से चिंतित होकर, हम आश्चर्य करने और शुक्रगुजार होने के बजाय हार मान लेते हैं एवं शोक मनाने लगते हैं।”
उन्होंने कहा, “लेबनान के प्यारे विश्वासियों, मैं आपको हमेशा स्तुति और धन्यवाद का मनोभाव अपनाने के लिए आमंत्रित करता हूँ। आपके पास वह अनोखी खूबसूरती है जिससे प्रभु ने आपकी भूमि को सजाया है। साथ ही, आप इस बात के गवाह और शिकार भी हैं कि कैसे बुराई, अपने अलग-अलग रूपों में, इस शान को छिपा सकती है।"
समुद्र के ऊपर इस खुली जगह से, मैं भी लेबनान की उस खूबसूरती के बारे में चिंतन करता हूँ जिसके बारे में धर्मग्रंथों में गाया गया है। प्रभु ने यहाँ अपने ऊँचे देवदार के पेड़ लगाए, उन्हें पानी दिया और उनकी देखभाल की (स्तोत्र 104:16)। उन्होंने सुलेमान के सर्वश्रेष्ठ गीतों में, दुल्हन के कपड़ों को, इस भूमि की सुगंध से महकाया हुआ (सुलेमान का सर्वश्रेष्ठ गीत 4:11), और येरूसालेम में, जो मसीहा के आगमन के प्रकाश से ढका हुआ पवित्र शहर था, घोषणा की, “लेबानोन की महिमा तेरे यहाँ आयेगी- सनोवर, देवदार और चीड़। वे मेरे मन्दिर की शोभा बढ़ायेंगे। मैं अपने पावदान को महिमान्वित करूँगा।” (इसा. 60:13)
इसके बावजूद यह खूबसूरत भूमि पीड़ा की छाया से ढका है। पोप ने कहा, “लेकिन, यह खूबसूरती गरीबी, तकलीफों, और आपके इतिहास के जख्मों के आगे दब जाती है। इसी सिलसिले में, मैं अभी धमाके वाली जगह पर प्रार्थना करने के लिए पोर्ट गया था। देश की खूबसूरती कई अन्य समस्याओं के आगे भी दब जाती है जो आपको परेशान करती हैं, वे है नाजुक और अस्थिर राजनीतिक माहौल, बड़ा आर्थिक संकट और हिंसा, एवं झगड़े जिसने पुराने डर को फिर से जगा दिया है।
ऐसी परिस्थिति में आभार, सहज ही निराशा में बदल जाता है, स्तुति के गीत दिल की उदासी में कोई जगह नहीं पाते और उम्मीद अनिश्चितता एवं उलझन से सूख जाती है।
फिर भी, प्रभु का वचन हमें निमंत्रण देता है कि हम रात के मध्य जलते छोटे दीये को खोजें, जिससे हम कृतज्ञता के लिए खुद को खोल सकें और इस देश के लिए एक आम प्रतिबद्धता हेतु प्रेरित हो सकें।
येसु पिता को इसलिए धन्यवाद नहीं देते हैं कि वे असाधारण काम करते, बल्कि इसलिए क्योंकि वे अपनी महानता खास तौर पर छोटों और दीन लोगों के सामने दिखाते हैं, उन लोगों के सामने जो ध्यान नहीं खींचते और जिनकी कोई अहमियत नहीं है और जिनकी कोई आवाज भी नहीं है। जिस राज का उद्घाटन करने येसु आये, वह असल में नबी इसायस द्वारा बताई गई विशेषताओं से पहचाना जाता है: यह एक टहनी है, एक तने से निकलने वाली एक छोटी टहनी (इसा. 11:1)। यह उम्मीद की एक छोटी निशानी है जो नए जन्म का वादा करती है जब सब कुछ समाप्त हो जाने के समान लगता है। वास्तव में, मसीहा के आने की घोषणा एक छोटी टहनी के रूप में की गई थी, क्योंकि उन्हें सिर्फ छोटों द्वारा पहचाना जा सकता है, जो दीनतापूर्वक एक खोई हुई कहानी में छिपी बातों और ईश्वर के निशानों को पहचानना जानते हैं।
संत पापा ने कहा कि यह हमारे लिए भी एक संकेत है ताकि हमारे पास भी ऐसी आँखें हों जो उस छोटी टहनी को देख सकें जो मुश्किल समय में भी प्रस्फूटित होती और बढ़ती है। यहाँ और अभी भी, हम रात में चमकनेवाली छोटी बत्तियों, प्रस्फूटित होनेवाली छोटी टहनियों और इतिहास के इस दौर में सूखे बगीचे में बोए गए छोटे बीजों को देख सकते हैं।” उन्होंने कहा, “मैं आपके सच्चे और वफादार विश्वास के बारे में सोचता हूँ, जो आपके परिवारों में बसा है और ख्रीस्तीय स्कूलों से पोषित होता है। मैं लोगों के सवालों और जरूरतों को पूरा करने के लिए पल्ली, धर्मसंघ और आंदोलनों के लगातार काम के बारे में सोचता हूँ। मैं उन कई पुरोहितों और धर्मसंघियों की याद करता हूँ जो कई मुश्किलों के बीच अपने मिशन के लिए खुद को समर्पित करते हैं, और उन लोकधर्मियों के बारे में जो समाज में उदार कार्यों और सुसमाचार को बढ़ावा देने के लिए समर्पित हैं। इन दीयों के लिए जो रात के अंधेरे को रोशन करने की कोशिश करती हैं, और उन छोटी और अनदेखी टहनियों के लिए जो भविष्य के लिए उम्मीद जगाती हैं, आज हम येसु के साथ यह कहते हैं: “हम आपकी स्तुति करते हैं, पिता!” हम आपको धन्यवाद देते हैं क्योंकि आप हमारे साथ हैं और हमें डगमगाने नहीं देते।
लेकिन इस कृतज्ञता को सिर्फ अपने बारे में सोचने और धोखा देनेवाली तसल्ली बनकर नहीं रहना चाहिए। बल्कि इसे हमें दिल बदलने, जीवन में परिवर्तन लाने और यह एहसास दिलाने की ओर ले जाना चाहिए कि ईश्वर ने हमें खास तौर पर विश्वास की रोशनी, उम्मीद के वादे और दया की खुशी में जीने के लिए बनाया है। इसलिए, हम सभी इन टहनियों को बढ़ाने, हिम्मत न हारने, हिंसा के तर्क और पैसे की पूजा के आगे न झुकने एवं फैलती बुराई के सामने हार न मानने के लिए बुलाये जा रहे हैं।
इसके लिए हरेक को अपनी भूमिका निभानी होगी और हमें अपने प्रयासों को एक साथ लाना होगा ताकि यह भूमि अपनी पहले की गरिमा को पुनः प्राप्त कर सके। अपने दिलों को हथियार से मुक्त करना ही, ऐसा करने का एकमात्र तरीका है। आइए, हम अपने जातीय और राजनीतिक मतभेदों के कवच को उतार फेंकें, अपने धार्मिक विश्वासों को आपसी मेलजोल के लिए खोलें और अपने दिलों में एकजुट लेबनान का सपना फिर से जगाएँ। एक ऐसा लेबनान जहां शांति और न्याय का राज हो, जहां सभी एक-दूसरे को भाई-बहन के रूप में पहचानें, और अंत में, जहां नबी इसायस के शब्द पूरे हो सकें: “भेड़िया मेमने के साथ रहेगा, तेंदुआ बकरी के बच्चे के साथ लेटेगा, बछड़ा और शेर एक साथ चरेंगे।” (इसा. 11:6)
यह वह सपना है जो आपको सौंपा गया है; जो शांति के ईश्वर ने आपके हाथों में दिया है। लेबनान, खड़े हो जाओ! न्याय और भाईचारे का घर बनो! पूरे लेवेंट के लिए शांति की नबी के चिन्ह बनो!
संत पापा ने कहा, “भाइयो और बहनो, मैं भी येसु के शब्दों को दोहराना चाहता हूँ: "पिता! स्वर्ग और पृथ्वी के प्रभु! मैं तेरी स्तुति करता हूँ।” मैं इन दिनों को आपके साथ बिताने के लिए प्रभु का शुक्रिया अदा करता हूँ। मैं आपके दुःख और उम्मीदों को अपने दिल में रखते हुए प्रार्थना करता हूँ कि लेवेंट की यह भूमि हमेशा न्याय के सूरज, येसु ख्रीस्त में विश्वास से रोशन रहे। मैं प्रार्थना करता हूँ कि ख्रीस्त की कृपा से, लेबनान उस उम्मीद में बना रहे जो निराश नहीं करती।
ख्रीस्तयाग समारोह के अंत में अंतियोख के मरोनाईट कार्डिनल बेकारा बोत्रोस राई ने पोप लियो को धन्यवाद दिया और पोप ने उन्हें उपहार के रूप में एक चैलीस भेंट की।
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