जीवित चरनी के प्रतिभागियों से मुलाकात करते संत पापा लियो 14वें जीवित चरनी के प्रतिभागियों से मुलाकात करते संत पापा लियो 14वें  (ANSA)

पोप : क्रिसमस हमारी दुनिया के लिए रोशनी का उपहार है, जिसे आशा की जरूरत है

संत मरिया मेजर महागिरजाघर में “जीवित चरनी” बनाने की परंपरा में हिस्सा ले रहे लगभग 1,000 लोगों से मुलाकात करते हुए, पोप लियो ने उन्हें यह संदेश फैलाने की चुनौती दी कि हम कभी अकेले नहीं हैं और “आशा के तीर्थयात्री, उन सभी के लिए सांत्वना और प्रेरणा देनेवाले बने रहें जिनसे वे मिलते हैं।”

वाटिकन न्यूज

वाटिकन सिटी, शनिवार, 13 दिसंबर 2025 (रेई) : आगमन काल का दूसरा जब सप्ताह हो रहा है और क्रिसमस निकट आ रहा है, तब पोप लियो 14वें ने एक खास परंपरा को प्रोत्साहन दी, जब उन्होंने वाटिकन में, “जीवित चरनी” में शामिल लगभग 1,000 लोगों का स्वागत किया, जो आज संत मरिया मेजर के महागिरजाघर जाएंगे।

उन्होंने कहा कि यह दल संत पेत्रुस महागरिजाघर की कब्र देखने के लिए पूरी दुनिया से आया है, जो उन तीर्थयात्रियों की पीढ़ियों को दिखाता है जो इस पवित्र जगह पर आने के लिए दुनियाभर से आए हैं। पोप से मिलने के बाद, दल संत मरिया मेजर महागिरजाघर जाकर पवित्र मिस्सा में भाग लेगा —जिसे “पश्चिम का बेथलहम” भी कहा जाता है क्योंकि यहाँ पवित्र चरनी सुरक्षित है।

पोप लियो ने इस बात की ओर ध्यान आकृष्ट किया कि “पवित्र भूमि की तीर्थयात्रा के साथ, चरनी पुराना अवशेष है जिसने संत फ्राँसिस असीसी को 1223 में ग्रेचो में प्रथम चरनी बनाने के लिए प्रेरित किया। जो चरनी बनाने की परम्परा की शुरूआत थी।”

उस समय से ही जिसका अब 800 साल हो चुका है, दुनिया के हर कोने के लोग चरनी बनाने की परम्परा को जारी रख रहे हैं।

एक आशा का संदेश जिसकी आज दुनिया को जरूरत

संत पापा ने क्रिसमस के इस प्रतीक पर अपने दो पूर्वाधिकारियों की बातों पर चिंतन किया। 2009 में, पोप बेनेडिक्ट 16वें ने चरणी को ईश्वर का बिना किसी हथियार या ताकत के आना बताया था ताकि “घमंड, हिंसा और मानव की हथियाने की चाह को जीत सकें।”

दस साल बाद, पोप फ्राँसिस ने समझाया कि चरणी के सामने, “जब हम क्रिसमस पर चिंतन करते हैं, तो हमें आध्यात्मिक रूप से एक यात्रा पर निकलने के लिए बुलाया जाता है, जो उनकी विनम्रता से प्रेरित होती है जो हर मानव से मिलने के लिए मानव बने।”

पोप लियो ने कहा, “यह बिल्कुल वैसा ही है,” जैसे बेथलहम की गुफा में, पवित्र परिवार खुद को “गरीबी को खत्म करते हुए” पाता है। यहीं पर “हम ख्रीस्त के पदचिन्हों पर चलते हुए एक नये जीवन की पुनः शरूआत करते हैं।”

जब “जीवित चरनी” के प्रतिभागी रोम की सड़कों से होते हुए महागिरजाघर की ओर बढ़ेंगे, वे येसु के शिष्य होने की खूबसूरती की “एक खुशी के चिन्ह” होंगे। संत पापा ने कहा, “यह आपके लिए — आज, और हमेशा, आपके दैनिक जीवन के लिए एक मिशन के तौर पर — उम्मीद की यात्रा है जो उन सभी के लिए सांत्वना और प्रेरणा देनेवाला बनाता है जिनसे आप मिलते हैं।”

उनका मिशन सभी के लिए एक समान है चाहे वे जवान, बूढ़े, सेहतमंद, बीमार, एकाकी और परेशान हों।

अंत में, पोप लियो ने जोर देकर कहा कि चरनी एक महत्वपूर्ण चिन्ह है कि “हम मुक्ति के एक खूबसूरत विस्मय के हिस्से हैं जिसमें हम कभी अकेले नहीं होते।” उन्होंने “जीवित चरनी” में हिस्सा लेनेवालों को यह संदेश फैलाने और इस परंपरा को जिदा रखने की चुनौती दी क्योंकि “यह हमारी दुनिया के लिए रोशनी का उपहार है, जिसे उम्मीद बनाए रखने की बहुत जरूरत है।”

Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here

13 दिसंबर 2025, 15:20