'मानव बंधुत्व पर जायद पुरस्कार 2026' के आयोजक समिति के साथ पोप लियो 14वें 'मानव बंधुत्व पर जायद पुरस्कार 2026' के आयोजक समिति के साथ पोप लियो 14वें  (ANSA)

जायद पुस्कार समारोह के आयोजकों से पोप : शब्द काफी नहीं हैं

मानव बंधुत्व के लिए जायद पुरस्कार के आयोजकों को सम्बोधित करते हुए, पोप लियो 14वें ने विभाजित दुनिया में करूणा और उदारता की गवाही देने की जरूरत पर बात की, साथ ही भाईचारा लाने के लिए ठोस कदम उठाने पर भी जोर दिया।

वाटिकन न्यूज

वाटिकन सिटी, बृहस्पतिवार, 11 दिसम्बर 2025 (रेई) : वाटिकन में मानव बंधुत्व के लिए जायद पुरस्कार के आयोजकों से मिलते हुए, पोप लियो 14वें ने उस दल के साथ होने पर खुशी जाहिर की “जो अपनी काबिलियत, सोच और नैतिक विचारों को मानव बंधुत्व की नेक सेवा में लगाते हैं।”

जायद अवॉर्ड एक स्वतंत्र और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार है जो दुनियाभर के उन लोगों या संगठनों को पहचान देता है जो अक्सर अपनी कुर्बानी देकर, दूरियों को कम करने और सच्चे इंसान बनाने के लिए काम करते हैं।

मुलाकात में, पोप ने इस बात को याद किया कि कैसे जायद पुरस्कार पोप फ्राँसिस और ग्रैंड इमाम अहमद अल-तैयब के मानव बमधुत्व पर दस्तावेज पर हस्ताक्षर करने से शुरू हुआ, जिसे शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान ने समर्थन दिया था। पोप ने समझाया कि यह पुरस्कार शेख और दूसरे नेताओं की विरासत को दिखाता है।

इसके अलावा, पोप लियो ने कहा कि जायद पुरस्कार “इस बात पर जोर देता है कि हर इंसान और हर धर्म को भाईचारे को बढ़ावा देना है।” उन्होंने पोप फ्रांसिस के शब्दों को याद किया कि अलग-अलग धार्मिक परंपराएँ भाईचारा बढ़ाने में मदद कर सकती हैं।

दुनिया के मौजूदा हालात को मानते हुए, पोप ने सभी को “दया और उदारता के असली सबूत बनने की चुनौती दी ताकि हमें याद रहे कि हम सब भाई-बहन हैं।” लेकिन, उन्होंने चेतावनी दी, “सिर्फ शब्द काफी नहीं हैं।” ठोस कदम भी उठाने होंगे क्योंकि उनके बिना, हमारे सबसे अच्छे और सबसे उम्मीद वाले लक्ष्य भी “कमज़ोर पड़ जाएंगे और फीके हो जाएंगे।”

जायद पुरस्कार उन लोगों और संगठनों को पहचानने और सम्मानित करने में मदद करता है जो “करुणा और एकजुटता दिखाने के लिए ठोस कदम उठाते हैं, और इस बात के ठोस उदाहरण देते हैं कि हम आज इंसानी भाईचारे को कैसे बढ़ावा दे सकते हैं।”

पोप लियो ने अंत में आयोजकों को अपनी प्रार्थनाओं का भरोसा दिलाया और उन्हें “मानव परिवार की भलाई के लिए” उनके समर्पण को हिम्मत दी।

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11 दिसंबर 2025, 15:39