ब्राज़ील के बेलेम शहर में यूएन नेताओं की पूर्णकालिक सभा, 06.11.2025 ब्राज़ील के बेलेम शहर में यूएन नेताओं की पूर्णकालिक सभा, 06.11.2025  (AFP or licensors)

कॉप 30 में परमधर्मपीठ: दिशा परिवर्तन की आवश्यकता है

ब्राज़ील के बेलेम शहर में संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन कॉप30 में वाटिकन राज्य सचिव कार्डिनल पियेत्रो पारोलीन के साथ भाग ले रहे प्रतिनिधिमण्डल के मान्यवर जियामबतिस्ता दिक्वात्रो ने पारिस्थितिक परिवर्तन में निर्णायक गति लाने का आह्वान किया।

वाटिकन सिटी

ब्राज़ील, बेलेम, शुक्रवार, 7 नवम्बर 2025 (रेई, वाटिकन रेडियो): ब्राज़ील के बेलेम शहर में संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन कॉप30 में वाटिकन राज्य सचिव कार्डिनल पियेत्रो पारोलीन के साथ भाग ले रहे प्रतिनिधिमण्डल के मान्यवर जियामबतिस्ता दिक्वात्रो ने पारिस्थितिक परिवर्तन में निर्णायक गति लाने का आह्वान किया।

उन्होंने कहा, "हमें आशा का एक ठोस संकेत प्रदान करने की आवश्यकता है। यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मोड़ होना चाहिए जो एक स्पष्ट और ठोस राजनीतिक इच्छाशक्ति का प्रदर्शन करे जिससे कुशल, बाध्यकारी और आसानी से निगरानी किए जाने वाले उपायों के माध्यम से पारिस्थितिक परिवर्तन में निर्णायक तेजी लाई जा सके।"

कॉप 30

ब्राज़ील के बेलेम शहर में 10 से 21 नवम्बर तक आयोजित कॉप 30 जलवायु सम्मेलन में सन्त पापा लियो 14 वें एवं परमधर्मपीठ के दस सदस्य वाले प्रतिनिधिमण्डल का नेतृत्व वाटिकन राज्य सचिव कार्डिनल पियेत्रो पारोलीन कर रहे हैं। उन्होंने आशा व्यक्त की कि "अंतर्राष्ट्रीय समुदाय जलवायु संकट पर तत्काल कार्रवाई करेगा और गर्म होते तापमान जैसी वैश्विक चुनौतियों का प्रभावी ढंग से सामना करेगा।"

सम्मेलन में वाटिकन प्रतिनिधिमंडल के उप-प्रमुख ब्राज़ील के परमधर्मपीठीय प्रेरितिक राजदूत मान्यवर जियामबतिस्ता दिक्वात्रो है, जिन्होंने वाटिकन मीडिया के साथ संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन की आशाओं, अपेक्षाओं और संभावनाओं को साझा किया।

परमधर्मपीठ की उपस्थिति पर

राजदूत द्क्वात्रो ने कहा कि समग्र पारिस्थितिकी में परमधर्मपीठ अपना ध्यान शिक्षा पर केंद्रित कर रही है, जो जलवायु संकट से निपटने के लिए एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है। उन्होंने कहा कि शिक्षा का मुद्दा तेज़ी से उभर रहा है, क्योंकि कई देश 2035 तक अपने राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (एनडीसी) में शैक्षिक आयाम को शामिल कर रहे हैं।

दूसरा पहलू, उन्होंने कहा, COP28 में अपनाए गए ग्लोबल स्टॉकटेक (GST) के कार्यान्वयन और जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम करने की संबंधित प्रतिबद्धता से संबंधित है। परमधर्मपीठ इस उपकरण के निरंतर अनुप्रयोग की आवश्यकता पर बल देती है, और इस बात की पुनरावृत्ति करती है आगामी समीक्षा चरण में पेरिस समझौते के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए शिक्षा एक आवश्यक स्तंभ है।

न्यायसंगत परिवर्तन आवश्यक

उन्होंने कहा कि एक और मुद्दा: वैश्विक वित्तीय ढाँचे में सुधार और जलवायु वित्त से संबंधित है। एक अंतरराष्ट्रीय बहस विदेशी ऋण और पारिस्थितिक ऋण के बीच संबंध पर प्रकाश डालती है, जिसका ज़िक्र जयंती के आदेशपत्र, "स्पेस नॉन कॉन्फुन्दिस" में पहले ही किया जा चुका है। साथ ही उन्होंने कहा कि एक और विषय होगा न्यायसंगत परिवर्तन, जिसे एक निष्पक्ष परिवर्तन के रूप में समझा जाता है, जिसमें न केवल आर्थिक मानदंड, बल्कि सामाजिक और पर्यावरणीय मानदंड भी शामिल होने चाहिए।

Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here

07 नवंबर 2025, 11:11