विश्व जल दिवस, हैदराबाद में पीने का भरते लोग, 22.03.2024 विश्व जल दिवस, हैदराबाद में पीने का भरते लोग, 22.03.2024  (AFP or licensors)

जल संबंधित बीमारियों से मरते हैं प्रतिदिन 1,000 से अधिक बच्चे

संयुक्त राष्ट्र संघीय बाल निधि यूनीसेफ ने विश्व जल दिवस के उपलक्ष्य में एक रिपोर्ट जारी कर बताया है कि प्रतिदिन पाँच वर्ष की उम्र से कम 1,000 से अधिक बच्चों की मौत पानी से सम्बन्धित बीमारियों के कारण हो जाया करती है।

वाटिकन सिटी

न्यू यॉर्क, शुक्रवार, 22 मार्च 2024 (रेई, वाटिकन  रेडियो): संयुक्त राष्ट्र संघीय बाल निधि यूनीसेफ ने विश्व जल दिवस के उपलक्ष्य में एक रिपोर्ट जारी कर बताया है कि प्रतिदिन पाँच वर्ष की उम्र से कम 1,000 से अधिक बच्चों की मौत पानी से सम्बन्धित बीमारियों के कारण हो जाया करती है।

जल सम्बन्धित मौतें  

22 मार्च को संयुक्त राष्ट संघ द्वारा घोषित विश्व जल दिवस है। जल दिवस के उपलक्ष्य में जारी अपनी रिपोर्ट में संयुक्त राष्ट्र संघीय बाल निधि यूनीसेफ ने स्मरण दिलाया कि हर दिन, 5 वर्ष से कम उम्र के 1,000 से अधिक बच्चे अपर्याप्त पानी और स्वच्छता से जुड़ी बीमारियों से मर जाते हैं, जिसकी अर्थ है कि प्रति वर्ष 14 लाख से अधिक लोग केवल जल सम्बन्धी बीमारियों से मरते हैं।

रिपोर्ट में कहा गया कि विश्व स्तर पर, लगभग 1 अरब बच्चे उच्च या अत्यधिक उच्च स्तर के जल तनाव के संपर्क में हैं। इनमें से 24 करोड़ बच्चे तटीय बाढ़ के अत्यधिक जोखिम में हैं और 33 करोड़ बच्चे नदियों में बाढ के कारण अत्यधिक जोखिम में हैं।

इस बात की ओर भी ध्यान आकर्षित कराया गया कि विश्व में चार में से एक व्यक्ति के पास पीने के पानी का सुरक्षित प्रबंध नहीं है। इसके अलावा, 5 में से 2 लोगों के पास अभी भी सुरक्षित रूप से प्रबंधित स्वच्छता यानि शौचालय आदि नहीं है और 4 में से 1 के पास बुनियादी जल सुविधाएं, जैसे हाथ धोने की सुविधाएं नहीं हैं।

भारी असमानताएं

प्रस्तुत आँकड़ों से भारी असमानताएं उजागर होती हैं, सबसे ग़रीब और ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए बुनियादी सेवा का उपयोग करने की संभावना सबसे कम है।

यह भी बताया गया कि अधिकांश देशों में, जल संग्रहण का बोझ मुख्य रूप से महिलाओं और लड़कियों पर पड़ता है। विश्व स्तर पर, 3 में से 2 घरों में पानी ढोने की मुख्य ज़िम्मेदारी महिलाएँ की होती हैं। दुनिया की 16% आबादी या 1.8 अरब लोग घर के बाहर स्थित स्रोतों से पानी इकट्ठा करते हैं। इनमें से 63% महिलाएँ जल परिवहन के लिए जिम्मेदार हैं, जबकि 26% पुरुष।

रिपोर्ट में इस तथ्य को रेखांकित किया गया कि पेयजल या पीने के पानी तक सार्वभौमिक पहुंच एक मूलभूत आवश्यकता और मानव अधिकार है। सभी लोगों के लिए स्वच्छ पानी की पहुंच सुनिश्चित करने से बीमारियों और मौतों को कम करने में मदद मिलेगी, खासकर बच्चों में, जिसके लिये सरकारों को प्रतिबद्ध होनी चाहिये।

 

Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here

22 March 2024, 11:05