उत्तरी किवु के नतोयो में हाल ही में हुआ एक हमला में ध्वस्त घर उत्तरी किवु के नतोयो में हाल ही में हुआ एक हमला में ध्वस्त घर  

पूर्वी डी.आर. कोंगो से पुकार: 'नरसंहार रोकें और शांति लाएँ'

कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य में जारी हिंसा के बीच, "मिशनरी फैमिलीस विदाउट बॉर्डर्स" संघ के निदेशक ने स्थानीय निवासियों के दर्द को साझा किया है, जब देश के पूर्वी भाग में लगभग प्रतिदिन नरसंहार हो रहा है।

वाटिकन न्यूज 

कोंगो, शुक्रवार, 19 सितंबर 2025 (रेई) : उत्तरी किवु के नतोयो में हाल ही में हुए एक हमले में कम से कम 89 लोग मारे गए और कई नागरिक विस्थापित हुए।

बुटेम्बो-बेनी के धर्माध्यक्ष मेलकिसेदेक सिकुली पलुकु ने इसे "एक और भीषण नरसंहार" कहा।

8 सितंबर की रात को, पास के एक जंगल से हथियारबंद लोग निकले और नतोयो के निवासियों पर हमला कर दिया जब वे एक अंतिम संस्कार के लिए इकट्ठा हुए थे। वहाँ ज्यादातर काथलिक और प्रोटेस्टेंट ख्रीस्तीय रहते हैं।

हमले में कम से कम 89 लोग मारे गए; दर्जनों घरों और वाहनों में आग लगा दी गई। इस हमले का आरोप एडीएफ (एलाइड डेमोक्रेटिक फोर्सेस) पर लगाया गया है, जो युगांडा में जन्मा एक विद्रोही समूह है और जिसने तथाकथित इस्लामिक स्टेट के प्रति निष्ठा की शपथ ली है।

यह पूर्वी डीआर कांगो के संघर्ष में कई सशस्त्र गुटों में से एक है, जो एम23 मिलिशिया (23 मार्च आंदोलन) के साथ अब अपने चौथे दशक में है, जिसके बारे में संयुक्त राष्ट्र के विशेषज्ञों का कहना है कि इसे कम से कम 4,000 रवांडा सैनिकों का समर्थन प्राप्त है—ऐसे आरोप जिन्हें किगाली ने लगातार नकारा है।

रोज हिंसा और विस्थापन

नतोयो हमले के बाद, लगभग 2,500 निवासी 7 किलोमीटर दूर, मंगुरेदजीपा की नज़दीकी खनन बस्ती में भाग गए, जहाँ कांगो सेना की इकाइयाँ—और, 2021 से, युगांडा के सैनिक—मौजूद हैं।

बुटेम्बो के जस्टिन मुहिंडो मसिंडा के अनुसार, "2014 से, हर हफ्ते, लगभग हर दिन, नरसंहार हो रहे हैं।"

"मिशनरी फैमिलीज विदाउट बॉर्डर्स" (सीमा रहित मिशनरी परिवार) संघ उत्तरी किवु में, जिसमें नतोयो गाँव भी शामिल है, शैक्षिक, स्वास्थ्य और मानवीय परियोजनाएँ चलाता है।

पिछले हफ्ते हुए हमले में, जस्टिन मुहिंडो मसिंडा का पारिवारिक घर जलकर खाक हो गया। अब वे अपने रिश्तेदारों समेत 23 नए विस्थापित लोगों को शरण दे रहे हैं।

उन्होंने वाटिकन न्यूज़ को बताया, "यह शोक मनाने का दिन था, जब लोग पारंपरिक रूप से शोक संतप्त लोगों को सांत्वाना देने के लिए इकट्ठे होते हैं। शाम होते-होते 'आतंकवादी' राइफलों और हथौड़ों से लैस होकर आ धमके और हत्याएँ शुरू कर दीं।"

उन्होंने कहा कि एडीएफ की हिंसा ने उत्तरी किवु और देश के पूर्वी हिस्से को "कई सालों से" तबाह कर रखा है।

उन्होंने आगे कहा कि इसके पीछे कई वजहें बताई जा रही हैं, जिनमें एम23 के साथ मिलकर खनिजों—खासकर सोना और कोल्टन—की तलाश शामिल है।

छापेमारी कैसे हुई

जस्टिन ने आगे कहा, "रविवार को बुटेम्बो में हम सभी विस्थापितों से मिले। कहानियाँ बहुत ही भयानक थीं। यह चमत्कार ही है कि वे जीवित हैं—कुछ लोग तो पहले से ही जल रहे अपने घरों से बचकर निकल आए। उन्होंने बताया कि आतंकवादियों का समूह बहुत बड़ा था, लगभग 70 लोग, जिनमें महिलाएँ और बच्चे भी शामिल थे, सैनिकों जैसे कपड़े पहने हुए थे। वे कुछ गाँववालों के नाम भी जानते थे, जिससे पता चलता है कि उन्होंने गाँव की स्थिति जानने के लिए पहले से ही उस पर नज़र रखी थी, बिना लोगों को पता चले।"

जस्टिन ने हाल के दिनों में आस-पास के गाँवों में हुए इसी तरह के हमलों का ज़िक्र किया, जो जुलाई में इतुरी के कोमांडा स्थित काथलिक गिरजाघर में यूखरिस्त आराधना के दौरान विश्वासियों और युवाओं पर हुए व्यापक हिंसा का हिस्सा थे।

उस समुदाय के प्रति पोप लियो 14वें ने अपनी गहरी संवेदना और गहरा दुःख व्यक्त किया और प्रार्थना की कि उन "शहीदों" का रक्त "संपूर्ण कोंगोवासियों के लिए शांति, मेल-मिलाप, भाईचारे और प्रेम का बीज" बने।

'हमें शांति चाहिए'

जस्टिन ने कहा, "लोगों को शांति चाहिए, क्योंकि तभी हम पढ़ाई कर सकते हैं, देखभाल पा सकते हैं और विकास के बारे में सोच सकते हैं। इसके बिना, हम खेतों में खेती करने नहीं जा सकते; कई बच्चे स्कूल नहीं जा सकते; कई अस्पताल और स्वास्थ्य केंद्र नष्ट हो गए हैं। हम अपने नेताओं और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से कहते हैं: हमें बस किसी ऐसे व्यक्ति की ज़रूरत है जो हमें बताए, 'मैं शांति लाऊँगा, और अब लोगों की हत्या नहीं होगी।'"

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19 सितंबर 2025, 11:17