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2019 में थाईलैंड की यात्रा के दौरान धर्माध्यक्षों से मुलाकात करते संत पापा फ्रांँसिस 2019 में थाईलैंड की यात्रा के दौरान धर्माध्यक्षों से मुलाकात करते संत पापा फ्रांँसिस  (Vatican Media)

एशियाई धर्माध्यक्षों के सम्मेलन का उद्घाटन 22 अगस्त को

एशियाई काथलिक धर्माध्यक्षों के संघ ने विश्वासियों से प्रार्थना की मांग की है जिसके 50वेँ सम्मेलन का उद्घाटन 22 अगस्त को होगा। सम्मेलन का उद्देश्य है आगामी वर्षों के लिए दिशानिर्देश तैयार करना।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

एशियाई धर्माध्यक्षों के संघ (एफएबीसी) के सम्मेलन का उद्घाटन 22 अगस्त को, थाईलैंड के बैंकॉक स्थित धन्य निकोलस बुनकेर्ड कितबमरंग तीर्थस्थल पर होगा।   

एफएबीसी

एशिया के काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलनों के संघ की स्थापना 1970 ई. में संत पापा पौल छटवें के मनिला यात्रा के दौरान हुई थी, जब एशियाई धर्माध्यक्ष पहली बार एक साथ मिले थे।

मुलाकात ने एशिया के धर्माध्यक्षों के बीच एकता को मजबूत करने और द्वितीय वाटिकन महासभा के आलोक में "एशिया में कलीसिया" होने का अर्थ व्यक्त करने की इच्छा को प्रेरित किया था। इसके बाद, एशिया धर्माध्यक्षीय सम्मेलनों के संघ (फेडरेशन ऑफ एशियन बिशप्स कॉन्फ्रेंस) का जन्म हुआ था।

2020 में, संघ ने उस महत्वपूर्ण क्षण की 50वीं वर्षगांठ मनायी, और इस मील के पत्थर को मनाने के लिए, एफएबीसी एक सम्मेलन में "आनेवाले वर्षों के लिए दिशानिर्देश तैयार करने हेतु एकत्रित हो रहा है।

प्रार्थना की मांग

एफएबीसी ने आगामी सम्मेलन के लिए एशिया के विश्वासियों से प्रार्थना करने की अपील की है। इसके लिए धर्माध्यक्षों ने एक प्रार्थना तैयार की है जिसको विभिन्न भाषाओं में अनुवाद किया गया है। इसके साथ ही एक गाना भी तैयार किया गया है।  

एशिया के धर्माध्यक्षों ने आशा व्यक्त की है कि प्रार्थना और गाना एशिया के विस्तृत क्षेत्र के लोगों के बीच सहभागिता के लिए जागरूकता एवं रूचि उत्पन्न करने में मदद करेंगे।  

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18 August 2022, 17:07