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जॉर्डन घाटी में येसु का बपतिस्मा गिरजाघऱ के बाहर इकट्ठा हुए लोग जॉर्डन घाटी में येसु का बपतिस्मा गिरजाघऱ के बाहर इकट्ठा हुए लोग 

जॉर्डन में पवित्र भूमि समन्वय वार्षिक तीर्थयात्रा चल रही है

पवित्र भूमि समन्वय (एचएलसी) अपनी वार्षिक तीर्थयात्रा आयोजित कर रहा है। 11 देशों के धर्माध्यक्ष 14-19 जनवरी तक जॉर्डन में स्थानीय ख्रीस्तीय समुदाय से मिलने और उनकी एकजुटता लाने के लिए एकत्रित हुए हैं।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

जॉर्डन, बुधवार 18 जनवरी 2023 (वाटिकन न्यूज) : ग्यारह यूरोपीय और उत्तरी अमेरिकी देशों के धर्माध्यक्षों का एक प्रतिनिधिमंडल पवित्र भूमि समन्वय (एचएलसी) की वार्षिक एकजुटता यात्रा के लिए जॉर्डन में है। यह यात्रा 14 जनवरी से 19 जनवरी तक चलेगी।

प्रतिनिधिमंडल

काथलिक अरबी एजेंसी अबौना के अनुसार, प्रतिनिधिमंडल में इंग्लैंड, स्कॉटलैंड, आयरलैंड, संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा, फ्रांस, स्पेन, स्लोवाकिया, इटली, जर्मनी और आइसलैंड के धर्माध्यक्ष शामिल हैं, साथ ही यूरोप के धर्माध्यक्षीय सम्मेलन परिषद(सीसीईई) के प्रतिनिधि, द ऑर्डर ऑफ द होली सेपल्कर, एंग्लिकन चर्च और कई अंतरराष्ट्रीय कलीसियाओं के प्रतिनिधि भी शामिल हैं।

पवित्र भूमि के ख्रीस्तीय समुदायों का समर्थन करने के उद्देश्य से तीर्थयात्रा जनवरी 2000 से प्रतिवर्ष आयोजित की जाती रही है क्योंकि वे इस क्षेत्र में रहते हुए राजनीतिक और सामाजिक-आर्थिक कठिनाइयों का अनुभव करते हैं।

इस वर्ष समूह का नेतृत्व वेस्टमिंस्टर के सहायक धर्माध्यक्ष और इंग्लैंड एवं वेल्स के काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन (सीबीसीईडब्लयू) के सदस्य धर्माध्यक्ष निकोलस हडसन कर रहे हैं, उसे वार्षिक कार्यक्रम के आयोजन का जिम्मा सौंपा गया है।

इस यात्रा के लिए चुना गया विषय है: "जॉर्डन में ख्रीस्तीय समुदाय की भूमिका और महत्व"

रविवार, 15 जनवरी को धर्माध्यक्षों ने अम्मान और इर्बिड, अजलौन, जुबेहिया, फुहीस ई स्वेफीह के आसपास के शहरों की कई पल्लियों में ख्रीस्तयाग अर्पित कर तीर्थयात्रा की शुरुआत की, वहां उन्होंने स्थानीय कलीसियाई समुदायों से मुलाकात की।

जॉर्डन में ख्रीस्तियों  की चुनौतियाँ

बैठकों के दौरान उन्होंने जॉर्डन में ख्रीस्तियों के सामने आर्थिक संकट, क्षेत्र में चल रहे राजनीतिक तनाव, इस्लामी कट्टरवाद के डर और घटती ख्रीस्तीय आबादी सहित कई चुनौतियों पर उनकी कहानियों और चिंताओं को सुना।

देश में इस समय ख्रीस्तियों की आबादी लगभग 2 प्रतिशत है और 92 प्रतिशत सुन्नी मुसलमान हैं। पिछले वर्षों में देश ने इराक और सीरिया से ख्रीस्तीय शरणार्थियों के बढ़ते प्रवाह को देखा है।

यद्यपि जॉर्डन में शांतिपूर्ण धार्मिक सह-अस्तित्व की परंपरा है और ख्रीस्तीय स्वतंत्रता का आनंद लेते हैं, हाल के वर्षों में पड़ोसी सीरिया, लेबनान, इराक, फिलिस्तीन और इज़राइल में राजनीतिक स्थिति और आर्थिक कठिनाइयों ने हाशमाइट साम्राज्य की राजनीतिक स्थिरता पर दबाव डाला है अधिक से अधिक जॉर्डन ख्रीस्तियों, विशेष रूप से युवा लोगों को प्रवासन के लिए मजबूर किया है।

अम्मान के 20 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में फ़ुहिस के ईसाई गढ़ में एक पल्ली पुरोहित ने रविवार को प्रतिनिधिमंडल को बताया कि जॉर्डन के नागरिक जो स्थानीय ईसाई आबादी का 25 प्रतिशत हिस्सा हुआ करते थे, अब घटकर 2 प्रतिशत रह गया है।

इसके अलावा, जो एक सुरक्षित देश हुआ करता था, वह इस्लामी कट्टरवाद के संपर्क में आ गया है, जिसके परिणामस्वरूप असुरक्षा बढ़ गई है। यही कारण है कि जॉर्डन में काथलिक स्कूल युवाओं को संवाद और सहिष्णुता की शिक्षा को बहुत महत्व देते हैं, ताकि देश में धार्मिक उग्रवाद को रोका जा सके और इसके बहुलतावादी सामाजिक ताने-बाने को संरक्षित किया जा सके।

एचएलसी तीर्थयात्रा का कार्यक्रम

एचएलसी यात्रा के दौरान निर्धारित अन्य कार्यक्रमों में जॉर्डन की काथलिक कलीसिया और कारितास जॉर्डन के नेताओं के साथ, युवा लोगों के साथ और इराक एवं सीरिया के ख्रीस्तीय शरणार्थियों के साथ बैठकें शामिल हैं, जिन्हें विश्वव्यापी कलीसिया द्वारा समर्थित कई कार्यक्रमों के माध्यम से स्थानीय कलीसिया द्वारा सहायता प्रदान की जाती है।

इसके अलावा एजेंडे में पवित्र भूमि में व्यापक विकास पर चर्चा करने के लिए राजनयिकों और संसद के ख्रीस्तीय सदस्यों के साथ बैठकें और जॉर्डन नदी पर बपतिस्मा स्थल, माउंट नेबो और विकलांगों के लिए बने शांति की माता सेंटर का दौरा शामिल है।

यात्रा के अंत में गुरुवार को पवित्र भूमि समन्वय द्वारा अंतिम बयान जारी किए जाने की उम्मीद है।

प्रार्थना, तीर्थयात्रा और अनुनय

पवित्र भूमि समन्वय 1990 के दशक के अंत में परमधर्मपीठ के निमंत्रण पर स्थापित किया गया था। इसकी क्रिया तीन "पी" पर केंद्रित है: (प्रेयर, पिलग्रिमेज एंड परसुएशन) प्रार्थना, तीर्थयात्रा और अनुनय।

"प्रार्थना" वार्षिक सभा का ढाँचा है, जिसमें अक्सर अलग-अलग संस्कारों में पवित्र युखारिस्त समारोह मनाया जाता है। स्थानीय काथलिक समुदायों के लिए "तीर्थयात्रा" बैठक का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसमें धर्माध्यक्ष कभी-कभी स्थानीय राजनीतिक नेताओं से भी मिलते हैं।

अंत में, "अनुनय" उनके काम को संदर्भित करता है जब वे अपने संबंधित देशों में वापस जाते हैं, अर्थात् पवित्र भूमि में ख्रीस्तियों के जीवन को प्रभावित करने वाले मुद्दों की एक विस्तृत श्रृंखला के बारे में अपनी सरकारों, सांसदों, इजरायल और फिलिस्तीनी राजदूतों और मीडिया से बात करते हैं।

कोविद-19 महामारी के कारण तीर्थयात्रा को 2020 और 2021 में निलंबित कर दिया गया था और पिछले साल मई में इज़राइल और फिलिस्तीन की यात्रा के साथ फिर से शुरू किया गया।

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18 January 2023, 16:52