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प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर  (ANSA)

धर्माध्यक्ष ने पैरिश डकैती के बाद सुरक्षा सलाह जारी की

छत्तीसगढ़ में पुरोहित को हथियारबंद लुटेरों ने बंदूक की नोक पर पकड़ लिया और रूपये लेकर फरार हो गए।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

छत्तीसगढ़ राज्य के रायपुर महाधर्मप्रांत के महाधर्माध्यक्ष विक्टर हेनरी ठाकुर ने कलीसिया के संस्थानों को निशाना बनाने की नवीनतम घटनाओं में एक पुरोहित को बंदूक की नोक पर लूटने के बाद, धर्मसमाजी घरों और संस्थानों द्वारा सख्ती से पालन करने के लिए सुरक्षा दिशानिर्देश जारी किए हैं।

19 जून को निर्गत पत्र में महाधर्माध्यक्ष ठाकुर ने पुरोहितों, धर्मबहनों और लोकधर्मियों से आग्रह किया है कि वे “सचेत रहें, विशेष रूप से घृणा अभियानों की वर्तमान स्थिति में, और दिन तथा रात के दौरान अपने प्रवेश द्वारों और फाटकों को सुरक्षित रखें।”

दिशानिर्देश छत्तीसगढ़ राज्य के बागबाहरा शहर में अविलाओ पारिश के संत तेरेसा के पुरोहित फादर वर्गीस थेक्केकुट से हथियारबंद लोगों द्वारा 120,000 रुपये ($1,464) लूटे जाने के बाद जारी किया गया है।

महाधर्माध्यक्ष ने 21 जून को उका न्यूज को बतलाते हुए कहा, “हम रविवार को हुई दुखद और चौंकानेवाली घटना से बहुत दुःखी हैं... लेकिन हमें केवल इस बात की तसल्ली है कि उन्हें कोई शारीरिक नुकसान नहीं हुआ है।"

पत्र में उन्होंने एहतियात के तौर पर क्लोज-सर्किट टेलीविजन (सीसीटीवी) कैमरे लगाने और पड़ोस में निगरानी टीमों के गठन का सुझाव दिया है, इसके अलावा किसी भी दुर्भाग्यपूर्ण घटना के मामले में पुलिस को तत्काल सतर्क करने की भी सलाह दी है।

दिशानिर्देश में कहा गया है “किसी भी सबूत को नष्ट न करें, बल्कि घटना की जगह को सील कर दें… रात में दरवाजा खोलने से बचें, खासकर, जब अप्रत्याशित आगंतुक और अजनबी हों। यदि आप परिसर में और उसके आसपास किसी संदिग्ध व्यक्ति को देखते हैं, तो तुरंत स्थानीय पुलिस को सूचित करें और पल्लीवासियों से संपर्क करें।''

"यह एक खतरनाक प्रवृति है और हमें सतर्क रहना होगा"

ठाकुर ने कहा कि बागबाहरा की घटना कोई अकेली घटना नहीं है और वे महाधर्मप्रांत में, विशेषकर दूरदराज के स्थानों में काम करनेवाले पुरोहितों और धर्मसमाजियों की सुरक्षा को लेकर बहुत चिंतित हैं।

स्थानीय मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि छह नकाबपोश लोग 1 जून को पड़ोसी राज्य ओडिशा के संबलपुर धर्मप्रांत में अमलीखामन पल्ली गिरजाघर में घुसे जब पांच पुरोहित और एक लोकधर्मी चर्च स्थित पुरोहित आवास में सो रहे थे। उन्होंने उन्हें धमकी दी।

उसके बाद वे लगभग 600,000 रुपये लेकर भाग गये। भागने से पहले जब हथियारबंद लोगों ने उन पर हमला किया तो पल्ली पुरोहित फादर सुशील केरकेट्टा के सिर में चोट लग गई।

इसी तरह की घटनाएँ संबलपुर धर्मप्रांत की सीमा से लगे राउरकेला धर्मप्रांत के कहुचुआन और देवरापाड़ा पारिशों में भी दर्ज की गईं।

महाधर्माध्यक्ष ठाकुर ने कहा कि चिंता इस बात की है कि इस तरह की घटनाएँ पहले रिपोर्ट नहीं की गई थीं।

उन्होंने कहा, “जी हाँ, मंदिरों में लूटपाट की खबरें तो हम सुनते ही हैं, लेकिन अब गिरजाघरों को भी निशाना बनाया जा रहा है। यह एक खतरनाक प्रवृत्ति है और हमें सतर्क रहना होगा।”

धर्माध्यक्ष ने कहा कि बागबाहरा घटना की जांच कर रही पुलिस टीम को स्थानीय लोगों से एकत्र किए गए सीसीटीवी कैमरे के फुटेज से लुटेरों के बारे में कुछ सुराग मिले हैं।

मीडिया रिपोर्टों से पता चलता है कि तीन नकाबपोश लोग 18 जून को सुबह 11.30 बजे के आसपास अविला पैरिश गिरजाघर के संत तेरेसा में दाखिल हुए, जब थेक्केकुट रविवार को पवित्र मिस्सा के बाद अखबार पढ़ रहे थे। उन्होंने 69 वर्षीय पल्ली पुरोहित को बंदूक की नोक पर रखा और अंदर अलमारी में रखी रकम चुरा ली। भागने से पहले उन लोगों ने पुरोहित के हाथ-पैर बांध दिए और उसे एक कमरे में बंद कर दिया।

पुलिस उपाधीक्षक गरिमा दादर ने संवाददाताओं को बताया कि सीसीटीवी कैमरों से प्राप्त फुटेज और अन्य सुरागों के आधार पर जांच चल रही है।

मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि इस घटना ने शहर के 20,000 लोगों के बीच सुरक्षा संबंधी चिंताएं भी बढ़ा दी हैं, जिनमें से अधिकांश हिंदू हैं।

छत्तीसगढ़ की 23 मिलियन आबादी में से 98 प्रतिशत से अधिक लोग हिंदू हैं। मुसलमानों की आबादी 1 प्रतिशत है जबकि ईसाई, ज्यादातर आदिवासी लोग हैं, जिनकी आबादी का सिर्फ 0.7 प्रतिशत है।

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22 June 2023, 16:38