तेहरान कार्डिनल ने तनावों के बीच बातचीत का किया आग्रह
वाटिकन सिटी
तेहरान, शनिवार, 14 जून 2025 (वाटिकन न्यूज़): ईरान और इस्राएल के बीच तनावों के सघन होने की पृष्ठभूमि में, तेहरान-इस्फहान में लातीनी रीति के काथलिक महाधर्माध्यक्ष कार्डिनल डोमिनिक जोसेफ मैथ्यू ने शांति और वार्ता की अपील की है तथा लगातार पूर्व-प्रतिरोधक सैन्य कार्रवाई के खिलाफ चेतावनी दी है।
निवारक कार्रवाई पर दुख
एशिया न्यूज़ से बातचीत में कार्डिनल डोमिनिक जोसेफ मैथ्यू ने हाल ही में हुई हिंसा पर दुख व्यक्त किया, जिसमें ईरानी ठिकानों पर इस्राएली हमले और उसके बाद तेहरान से जवाबी ड्रोन हमला हुआ। कार्डिनल मैथ्यू ने कहा, "हमें यह देखकर दुख हो रहा है कि पिछले कुछ घंटों में एक बार फिर से बातचीत की मेज पर बैठकर शांति की तलाश के बजाय निवारक हमलों के माध्यम से शांति का आशा की जा रही है।"
कार्डिनल की अपील कथित तौर पर इस्राएली सैन्य अभियान, ऑपरेशन राइजिंग लॉयन के मद्देनजर आई, जिसमें प्रमुख ईरानी परमाणु स्थलों तथा वैज्ञानिक और सैन्य नेताओं को निशाना बनाया गया। इसी बीच तेहरान की प्रतिक्रिया में इस्राएली क्षेत्र की ओर सौ से अधिक ड्रोन लॉन्च करना शामिल रहा।
व्यापक संघर्ष की चेतावनी
कार्डिनल मैथ्यू ने आगे कहा, "हम प्रार्थना करते हैं कि आम सहमति के आधार पर बातचीत के माध्यम से शांति स्थापित हो। पवित्र आत्मा इस प्रक्रिया का मार्गदर्शन करे।" क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय चिंताओं के बीच, कार्डिनल मैथ्यू ने मध्य पूर्व में व्यापक संघर्ष के जोखिम की चेतावनी देते हुए कहा, "जिस भयावह वृद्धि की आशंका थी, वह साकार होती दिख रही है।"
ईरान की कुल आबादी नौ करोड़ 23 लाख है जिनमें काथलिकों की संख्या मात्र 22,000 हज़ार है। देश में खलदैई ख्रीस्तीय, आर्मेनियाई ख्रीस्तीय तथा अन्य ख्रीस्तीय सम्प्रदायों के अनुयायियों का भी वास है जो एकजुट होकर ईरान की जनता की सेवा में सक्रिय हैं। कार्डिनल मैथ्यू ने कहा कि चुनौतियों के बावजूद, ईरान की काथलिक कलीसिया एवं यहाँ के सभी ख्रीस्तीय उदारता एवं भाईचारे को बढ़ावा देने से सम्बन्धित मिशन में पूरी तरह से लगे हैं।
प्रार्थना की ज़रूरत
अंतरधार्मिक संवाद के प्रति सन्त पापा फ्रांसिस की प्रतिबद्धता तथा विशेष रूप से क़ोम के शिया नेताओं के साथ उनकी बैठक को याद करते हुए, कार्डिनल मैथ्यू ने कलीसिया की भूमिका को “राष्ट्र के विभिन्न स्तरों पर” एकीकरण और उपस्थिति के रूप में वर्णित किया। उन्होंने कहा, “कभी-कभी, दरवाजे बंद लग सकते हैं, लेकिन फिर भी ऐसे लोग हैं जो जुड़े हुए हैं, जो उन दरवाजों के सामने भी प्रार्थना करते हैं।” उन्होंने कहा, ऐसे क्षणों में, “प्रार्थना के अलावा कई चीजों का और कोई समाधान नहीं हो सकता।”
कलीसिया द्वारा सांस्कृतिक और धार्मिक सीमाओं के पार पुलों के निर्माण जारी रखने की आवश्यकता पर कार्डिनल मैथ्यू ने बल दिया।
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