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संत पापा फ्राँसिस संत पापा फ्राँसिस  

स्वर्ग की रानी प्रार्थना में पोप : येसु रक्षा करते, जानते और प्यार करते हैं

पास्का के चौथे रविवार को स्वर्ग की रानी प्रार्थना का पाठ करने हेतु संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में उपस्थित विश्वासियों को सम्बोधित कर संत पापा फ्राँसिस ने बतलाया येसु, भले चरवाहे, हरेक व्यक्ति की रक्षा करते, उन्हें जानते एवं प्यार करते हैं।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, रविवार, 25 अप्रैल 21 (रेई)- वाटिकन स्थित संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में रविवार, 25 मार्च को संत पापा फ्राँसिस ने विश्वासियों के साथ स्वर्ग की रानी प्रार्थना का पाठ किया जिसके पूर्व उन्होंने विश्वासियों को सम्बोधित कर कहा, अति प्रिय भाइयो एवं बहनो, सुप्रभात।

पास्का के इस चौथे रविवार, जिसको भला चरवाहा का रविवार कहा जाता है, सुसमाचार पाठ (यो.10,11-18) येसु को एक सच्चे चरवाहे के रूप में प्रस्तुत करता है जो अपनी भेड़ों की रक्षा करता, उन्हें पहचानता एवं प्यार करता है।

येसु रक्षा करते हैं

वे, भले चरवाहे, मजदूर द्वारा विरोध किये जाते हैं, जो भेड़ों की चिंता नहीं करता क्योंकि वे उसकी नहीं हैं। वह सिर्फ मजदूरी पाने के लिए काम करता है और उनकी रक्षा करने के लिए चिंता नहीं करता। जब एक भेड़िया आता है तब वह भाग जाता और उन्हें छोड़ देता है।(12-13) जबकि येसु सच्चा चरवाहा हमारी रक्षा करते और हमें विभिन्न कठिनाइयों एवं खतरनाक परिस्थितियों से अपने वचन के प्रकाश और अपनी उपस्थिति की शक्ति द्वारा, जिसको हम हमेशा महसूस करते हैं और यदि हम चाहें तो प्रतिदिन सुन सकते हैं।  

येसु पहचानते हैं

दूसरा आयाम है कि येसु भले चरवाहे, जो अपनी भेड़ों को जानते हैं – पहला आयाम है रक्षा करना और दूसरा, पहचानना- भेड़ें उन्हें पहचानती हैं। (14) यह कितना सुन्दर एवं सांत्वनादायक है कि येसु हमें एक-एक कर पहचानते हैं, हम उनके लिए अनजान नहीं हैं। हम उनके लिए समूह या भीड़ नहीं हैं। हम खास व्यक्ति हैं हरेक की अपनी कहानी है, हरेक का अपना मूल्य है क्योंकि प्रत्येक जन ख्रीस्त के द्वारा बचाये गये हैं। हम प्रत्येक जन कह सकते हैं येसु मुझे जानते हैं। यह सच है यह ऐसा ही है। वे हमें इतना जानते हैं जितना कोई दूसरा नहीं जानता। केवल वे ही जानते हैं कि हमारे हृदय में क्या है, हमारा इरादा क्या है, हमारी छिपी भावनाएँ क्या हैं। येसु हमारी गुणों एवं कमजोरियों को जानते हैं और हमेशा इसपर ध्यान देने के लिए तैयार हैं। वे प्रचुर मात्रा में अपनी करुणा से हमारी गलतियों के घावों को चंगा करना चाहते हैं। उनमें हम नबियों द्वारा प्रस्तुत लोगों के चरवाहे की छवि को पूरा होता हुआ पाते हैं : वे अपनी भेड़ों की चिंता करते हैं, उन्हें एकत्रित करते उनके घावों पर पट्टी बांधते और बीमारियों को चंगा करते हैं। जिसको हम नबी एजेकिएल के ग्रंथ में पढ़ते हैं। (एजे 34, 11-16)

येसु प्यार करते हैं

येसु भले चरवाहे अपनी भेड़ों की रक्षा करते, उन्हें जानते और सबसे बढ़कर उन्हें प्यार करते हैं। इसलिए वे उन्हें अपना जीवन अर्पित करते हैं। (यो.10,15) भेड़ के प्रति प्रेम अर्थात् हम सभी के प्रति प्रेम ने उन्हें क्रूस पर मरने के लिए प्रेरित किया, क्योंकि यह पिता की इच्छा थी कि कोई भी न खोए। ख्रीस्त का प्रेम पक्षपाती नहीं है यह हरेक को अपनाता है। इस बात को वे स्वयं आज के सुसमाचार पाठ में याद दिलाते हैं जब वे कहते हैं, "मेरी और भी भेड़ें हैं जो इस भेड़शाला की नहीं हैं। मुझे उन्हें भी ले आना है। वे भी मेरी आवाज सुनेंगी तब एक ही झुण्ड होगा और एक ही गड़ेरिया। (यो.10,16) ये शब्द दिखलाते हैं कि वे सभी की चिंता करते हैं: वे सभी के चरवाहे हैं। येसु चाहते हैं कि सभी लोग पिता के प्रेम को प्राप्त कर सकें और ईश्वर से मुलाकात कर सकें।

ख्रीस्त का मिशन

कलीसिया ख्रीस्त के इस मिशन को आगे ले जाने के लिए बुलायी गई है। हमारे समुदायों में सहभागी होनेवालों के अलावा अनेक लोग हैं, अधिकांश लोग, जो विशेष अवसरों में भाग लेते अथवा कभी भाग नहीं लेते। इसका अर्थ यह नहीं होता कि वे ईश्वर के बेटे बेटियाँ नहीं हैं, उन्हें भी पिता ने ख्रीस्त भले चरवाहे को सौंप दिया है। येसु प्रत्येक व्यक्ति के लिए अपना जीवन अर्पित करते हैं।

संत पापा ने कहा, "भाइयो एवं बहनो, येसु हम सभी की रक्षा करते, हमें जानते और प्रेम करते हैं। अति कुँवारी मरियम हमें उनके मिशन के आनन्द में सहयोग देने हेतु भले चरवाहे का स्वागत करने एवं उनका अनुसरण करने में मदद दे।"  

स्वर्ग की रानी प्रार्थना के पूर्व संत पापा का संदेश

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25 April 2021, 13:06

दूत-संवाद की प्रार्थना एक ऐसी प्रार्थना है जिसको शरीरधारण के रहस्य की स्मृति में दिन में तीन बार की जाती है : सुबह 6.00 बजे, मध्याह्न एवं संध्या 6.00 बजे, और इस समय देवदूत प्रार्थना की घंटी बजायी जाती है। दूत-संवाद शब्द "प्रभु के दूत ने मरियम को संदेश दिया" से आता है जिसमें तीन छोटे पाठ होते हैं जो प्रभु येसु के शरीरधारण पर प्रकाश डालते हैं और साथ ही साथ तीन प्रणाम मरियम की विन्ती दुहरायी जाती है।

यह प्रार्थना संत पापा द्वारा रविवारों एवं महापर्वों के अवसरों पर संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में किया जाता है। देवदूत प्रार्थना के पूर्व संत पापा एक छोटा संदेश प्रस्तुत करते हैं जो उस दिन के पाठ पर आधारित होता है, जिसके बाद वे तीर्थयात्रियों का अभिवादन करते हैं। पास्का से लेकर पेंतेकोस्त तक देवदूत प्रार्थना के स्थान पर "स्वर्ग की रानी" प्रार्थना की जाती है जो येसु ख्रीस्त के पुनरूत्थान की यादगारी में की जाने वाली प्रार्थना है। इसके अंत में "पिता और पुत्र और पवित्र आत्मा की महिमा हो..." तीन बार की जाती है।

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