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स्लोवाकिया  के सास्तिन मरियम तीर्थ पर सन्त पापा फ्राँसिस, तस्वीर-15.09.2021 स्लोवाकिया के सास्तिन मरियम तीर्थ पर सन्त पापा फ्राँसिस, तस्वीर-15.09.2021 

सन्त पापा की स्लोवाकिया यात्रा बनी चिन्तन का सुन्दर स्रोत

सन्त पापा फ्राँसिस की स्लोवाकिया में चार दिवसीय यात्रा पर वाटिकन न्यूज़ से बातचीत करते हुए स्लोवाकियाई काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के प्रवक्ता फादर मार्टिन क्रमारा ने कहा कि इस प्रेरितिक यात्रा ने स्लोवाकिया के लोगों में चिन्तन के सुन्दर प्रेरक छोड़े हैं।

जूलयट जेनेवीव क्रिस्टफर-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, गुरुवार, 16 सितम्बर 2021 (वाटिकन न्यूज़): सन्त पापा फ्राँसिस की स्लोवाकिया में चार दिवसीय यात्रा पर वाटिकन न्यूज़ से बातचीत करते हुए स्लोवाकियाई काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के प्रवक्ता फादर मार्टिन क्रमारा ने कहा कि इस प्रेरितिक यात्रा ने स्लोवाकिया के लोगों में चिन्तन के सुन्दर प्रेरक छोड़े हैं। 12 से 15 सितम्बर तक सन्त पापा फ्राँसिस ने हंगरी एवं स्लोवाकिया की प्रेरितिक यात्रा सम्पन्न की। यह यात्रा सन्त पापा फ्राँसिस की 34 वीं विदेश यात्रा थी।

सन्त पापा की उपस्थिति हर्ष का कारण

राष्ट्र में सन्त पापा की उपस्थिति से स्लोवाकिया के लोगों में व्याप्त आनन्द को अभिव्यक्ति प्रदान करते हुए फादर क्रमारा ने कहा, "सन्त पापा की यात्रा ने हममें आनन्द और उमंग की भावनाओं को प्रस्फुटित किया है तथा चिन्तन के लिये सुन्दर भावों को हमारे दिलों में छोड़ दिया है।" उन्होंने कहा, "प्रभु ईश्वर ने उन दिनों में हमें अच्छे मौसम का वरदान दिया और इसीलिये सन्त पापा हज़ारों की तादाद में तीर्थयात्रियों को ग्रहण कर पाये।"

स्लोवाकिया की प्रेरितिक यात्रा में सन्त पापा ने राजधानी ब्रातिस्लावा के अतिरिक्त प्रेसोव तथा कोसिके शहरों के कलीसियाई समुदायों का दौरा किया।

विश्वास गत्यात्मक, नबूवती हो

फादर क्रमारा ने ध्यान आकर्षित कराया कि कोविद-महामारी सम्बन्धित जटिलताओं के बावजूद लगभग 60,000 श्रद्धालु सास्तिन में सन्त पापा फ्राँसिस द्वारा सम्पादित ख्रीस्तयाग समारोह में शामिल हुए। उन्होंने कहा कि धर्माध्यक्षों एवं कलीसियाई याजकवर्ग के साथ भी सन्त पापा फ्राँसिस की मुलाकातें फलप्रद सिद्ध हुईं। उन्होंने कहा कि सन्त पापा के शब्द "अति समृद्ध" एवं प्रोत्साहन देने वाले थे।

फादर क्रमारा ने बताया कि सन्त पापा फ्राँसिस ने स्लोवाकिया के याजकवर्ग से आग्रह किया है कि वे "ऐसे विश्वास को जियें जो कठोर न होकर गत्यात्मक हो। ऐसा विश्वास जो साक्षात्कार के लिये तत्पर हो, नबूवती हो, जो संख्याओं एवं सत्ता की अभिव्यक्तियों पर केन्द्रित न हो अपितु छोटी-छोटी बातों में भी भरोसा करता हो।" उन्होंने बताया कि सन्त पापा ने स्लोवाकिया के याजकवर्ग से यह भी आग्रह किया है कि वे सुसमाचार का यथार्थ साक्ष्य प्रस्तुत करें तथा कभी भी स्वार्थ एवं उथलेपन के प्रलोभन में न पड़ें।

 

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16 September 2021, 11:17