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इसराएल के ग्रैण्ड रब्बी का प्रतिनिधिमण्डल वाटिकन में, फाईल तस्वीर इसराएल के ग्रैण्ड रब्बी का प्रतिनिधिमण्डल वाटिकन में, फाईल तस्वीर  (Vatican Media)

अन्तरधार्मिक संवाद 'समय का एक संभावित संकेत' सन्त पापा फ्राँसिस

अंतरधार्मिक परामर्श सम्बन्धी अंतर्राष्ट्रीय यहूदी समिति का अभिवादन करते हुए सन्त पापा फ्राँसिस ने पश्चिमी समाज में व्याप्त नकारात्मक प्रवृत्तियों का मुकाबला करने के लिए ख्रीस्तीय एवं यहूदी धर्मानुयायियों के एक साथ मिलकर काम करने के महत्व को रेखांकित किया।

जूलयट जेनेवीव क्रिस्टफर-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, शुक्रवार, 1 जुलाई 2022 (रेई, वाटिकन रेडियो): अंतरधार्मिक परामर्श सम्बन्धी अंतर्राष्ट्रीय यहूदी समिति का अभिवादन करते हुए सन्त पापा फ्राँसिस ने पश्चिमी समाज में व्याप्त नकारात्मक प्रवृत्तियों का मुकाबला करने के लिए ख्रीस्तीय एवं यहूदी धर्मानुयायियों के एक साथ मिलकर काम करने के महत्व को रेखांकित किया।  

सन्त पापा फ्राँसिस की ओर से उनके प्रतिनिधि कार्डिनल कुर्ट कॉख द्वारा गुरुवार को उनका सन्देश अंतरधार्मिक परामर्श सम्बन्धी  अंतर्राष्ट्रीय यहूदी समिति के समक्ष पढ़ा गया।   

एक साथ गवाही देने के लिए बुलाये गये

सन्त पापा ने उक्त सन्देश में कहा कि अन्तरधार्मिक संवाद 'हमारे समय का एक संभावित संकेत' है तथा यह "एक भावी चिन्ह है, इस अर्थ में कि स्वयं ईश्वर ने, अपनी प्रज्ञावान योजना में, धार्मिक नेताओं और कई अन्य लोगों में, अपनी-अपनी धार्मिक परम्पराओं में अन्तर के बावजूद, एक दूसरे से मुलाकात करने और एक दूसरे को जानने की इच्छा को प्रेरित किया है।"

इस तथ्य की ओर ध्यान आकर्षित कराते हुए कि यहूदी एवं ख्रीस्तीय दोनों धर्मों के अनुयायियों से मांग की जाती है कि वे समस्त व्यक्तियों की देखभाल करनेवाले प्रभु ईश्वर की दया एवं उनके न्याय की गवाही दें, सन्त पापा ने कहा कि यह निर्णायक है कि कि यहूदी एवं ख्रीस्तीय धर्मानुयायी आपसी वार्ताओं एवं परस्पर बातचीत हेतु एक साथ बारम्बार मिले तथा एक साथ मिलकर कार्य करें ताकि  पश्चिमी समाज में व्याप्त नकारात्मक प्रवृत्तियों का मुकाबला किया जा सके।

हिंसा और घृणा का बहिष्कार

सन्त पापा ने कहा कि ख्रीस्तीय एवं यहूदी दोनों धर्म हिंसा और घृणा को विश्वास के तथ्यों से असंगत मानते हैं। उन्होंमने इस तथ्य की पुष्टि की कि "हमारी धार्मिक परंपराएं हमें असहमति, मतभेदों और संघर्षों को टकराव के तरीके से नहीं, बल्कि बिना पूर्वाग्रह के, शांतिपूर्ण तरीकों से और सभी के लिए स्वीकार्य समझौतों को खोजने के उद्देश्य से संबोधित करने का आह्वान करती हैं।"

इस बात पर बल देते हुए कि दयावान एवं कृपालु ईश्वर के साथ हिंसा एवं घृणा तर्कहीन और असंगत है, सन्त पापा ने  "हर तरह की सामीवाद विरोधी भावनाओं के विरोध हेतु" काथलिक कलीसिया की प्रतिबद्धता को नवीकृत किया। उन्होंने कहा कि अन्तरधार्मिक सम्वाद "हमारे विश्व में भाईचारे और शांति के विकास के लिए एक विशेषाधिकार प्राप्त मार्ग है," जो हर प्रकार के अतिवाद और यहाँ तक कि धर्मान्धता से भी निपटने में मदद कर सकता है।

सन्देश के अन्त में सन्त पापा फ्राँसिस ने प्रार्थना का आह्वान किया कि "प्रभु ईश्वर संवाद और बंधुत्व के इस पथ पर हमारा मार्गदर्शन करते रहेंगे।"

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01 July 2022, 10:40