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वाटिकन के संचार विभाग के कर्मचारियों से मुलाकात करते संत पापा फ्राँसिस वाटिकन के संचार विभाग के कर्मचारियों से मुलाकात करते संत पापा फ्राँसिस  (Vatican Media)

पोप : दिल से संवाद करने से युद्ध को बढ़ने से रोका जा सकता है

संत पापा फ्राँसिस ने 24 जनवरी को संत फ्राँसिस डी सेल्स के पर्व दिवस के अवसर पर सामाजिक संचार के 57वें विश्व दिवस हेतु अपना संदेश प्रकाशित किया। विश्व संचार दिवस की विषयवस्तु है, “हम प्रेम से प्रेरित होकर सत्य बोलें।”(एफे 4:15) सामाजिक संचार के 57वें विश्व दिवस को पेंतेकोस्त के पहले रविवार को मनाया जाएगा, जो इस साल 21 मई को पड़ेगा।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, मंगलवार, 24 जनवरी 2023 (रेई) – संत पापा फ्राँसिस ने 24 जनवरी को संत फ्राँसिस डी सेल्स के पर्व दिवस के अवसर पर सामाजिक संचार के 57वें विश्व दिवस हेतु अपना संदेश प्रकाशित किया।

विश्व संचार दिवस की विषयवस्तु है, “हम प्रेम से प्रेरित होकर सत्य बोलें।”(एफे 4:15) सामाजिक संचार के 57वें विश्व दिवस को पेंतेकोस्त के पहले रविवार को मनाया जाएगा, जो इस साल 21 मई को पड़ेगा।

संत पापा फ्राँसिस ने संचारकों से अपील की है कि वे हमेशा दिल से बोलें और एक बेहतर सभ्यता के निर्माण के लिए सही शब्द खोजें।

वाटिकन प्रेस कार्यालय द्वारा जारी एक विज्ञप्ति में बतलाया गया है कि विश्व संचार दिवस की विषयवस्तु 2022 की विषयवस्तु से जुड़ी है जो इस प्रकार थी -"दिल के कान से सुनना" – जो पूरी कलीसिया की अक्टूबर 2023 में सिनॉड के रास्ते पर आगे बढ़ने के अनुरूप है।

कठोर से कठोर हृदय को भी छू लेना

एक ऐसी दुनिया में जो "उदासीनता और आक्रोश की ओर इतना झुका हुआ है, कभी-कभी गलत सूचनाओं के आधार पर भी सच्चाई को गलत साबित किया जाता और उसका फायदा उठाया जाता है," पोप ने कहा है कि यह विशेष रूप से महत्वपूर्ण है कि सच्चाई की घोषणा के लिए एक जगह हो, "भले ही कभी-कभी ऐसा सहज नहीं होता।"

संत पापा ने ऐसे शब्दों का प्रयोग करने का आह्वान किया है जो दूसरों का भला करने में सक्षम हों और "सबसे कठोर दिल" को भी छू सकें।

उन्होंने हमारे इस भयांकर वैश्विक माहौल में भी पत्रकारों को "प्यार की कोमल ताकत" व्यक्त करने के लिए प्रेरित किया है।

संदेश जिसको मुख्य रूप से संचार में काम करनेवालों के लिए तैयार किया गया है, पोप ने इस बात पर प्रकाश डाला है कि हर किसी की जिम्मेदारी है कि वह "खुले दिल और बाहों के साथ" संवाद करे।

पोप बेनेडिक्ट 16वें : ‘एक हृदय जो देखता है’

संचार के दौरान सुनने के महत्व पर गौर करते हुए संत पापा फ्राँसिस ने पोप बेनेडिक्ट १६वें का हवाला दिया जिन्होंने कहा था कि "ख्रीस्तीय परियोजना जिसको येसु की शिक्षा से ली गई है, यह ‘एक हृदय है जो देखती है’ कि कहाँ प्रेम की आवश्यकता है एवं वह सही रूप में कार्य करती है।"

पोप फ्राँसिस ने एम्माउस के रास्ते में शिष्यों के साथ येसु की हार्दिक बातचीत को याद किया, उन्होंने कहा कि वे प्यार से बोलते हैं, और उनका साथ देते हैं और उनका सम्मान करते हैं।

"ध्रुवीकरण और विरोधाभासों द्वारा प्रभावित एक ऐतिहासिक समय में - दुर्भाग्य से यहाँ तक ​​कि कलीसियाई समुदाय भी सुरक्षित नहीं है - खुले दिल और बाहों के साथ "संचार करने की प्रतिबद्धता केवल संचार के क्षेत्र में उन लोगों से संबंधित नहीं है; यह सबकी जिम्मेदारी है।"

पोप ने जोर देकर कहा कि हम सभी को सच्चाई की तलाश करनी चाहिए और उदारता से बोलनी चाहिए।

उन्होंने उन पत्रकारों को चेतावनी दी जो विषाक्त संबंधों और घृणा को बढ़ावा देते हैं। उन्होंने इसके बजाय उन खतरनाक व्यवहारों पर अंकुश लगाने का आह्वान किया।

संत फ्राँसिस डी सेल्स का असाधारण साक्ष्य

अपने संदेश में संत पापा फ्राँसिस ने काथलिक पत्रकारों के संरक्षक संत फ्राँसिस डी सेल्स की प्रशंसा की जिन्होंने संचार का एक उपयुक्त मिसाल पेश किया है।

पोप ने कहा कि कलीसिया के ये धर्माचार्य, जो गर्म विवादों के समय में जिनेवा के धर्माध्यक्ष थे, उन्होंने महान "मानवता" और सभी के साथ धैर्यपूर्वक संवाद करने की इच्छा दिखाई। वास्तव में, उन्होंने उन लोगों के साथ धैर्य पूर्वक संवाद किया जो उनसे सहमत नहीं थे जिसने उन्हें ईश्वर की करूणावान प्रेम का असाधारण उदाहरण देने के लिए प्रेरित किया।

संत पापा ने कहा कि उनके लिए संचार एक आत्मा का प्रतिबिम्ब एवं प्रेम की अभिव्यक्ति थी। संत फ्राँसिस डी सेल्स ने दिखलाया कि हम वही हैं जो हम व्यक्त करते हैं और जब संचार का गलत तरीके से प्रयोग किया जा रहा था तब उन्होंने विपरीत दिशा में जाने का साक्ष्य दिया, ताकि दुनिया हमें वैसे ही देख सके जैसे हम होना चाहते हैं न कि जैसे हम हैं।" उनके लेखन "बेहद सुखद, शिक्षाप्रद और उत्तेजक हैं।"

सही शब्द वृद्धि को रोकने में मदद कर सकते हैं

संत पापा ने वैश्विक संघर्ष के संदर्भ में दोहराया कि "संचार का एक रूप जो शत्रुतापूर्ण नहीं है" "शांति की संस्कृति" को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक है, जो नफरत और दुश्मनी पर काबू पाने में सक्षम हो सकता है।

युद्ध में वृद्धि जिसके लिए आज मानव भयभीत है संत पापा ने लिखा कि उसे जितनी जल्दी हो सके रोका जाना चाहिए, संचार के स्तर पर भी, क्योंकि शब्द अक्सर अत्यधिक हिंसा के जंगी कार्यों में बदल जाते हैं।"

उन्होंने कहा, "हमें ऐसे संचार की आवश्यकता है जो संवाद के लिए खुला हो, पूर्ण निरस्त्रीकरण को बढ़ावा देने में  संलग्न हो और हमारे दिलों में बसनेवाले लड़ाकू मनोविकृति को निकालने में प्रतिबद्ध हो।"

संत पापा ने कहा, "यही कारण है कि हमें हर लड़ाकू भाषण कला का बहिष्कार करना चाहिए, साथ ही साथ हर प्रकार के प्रचार को रोकना चाहिए जो सच्चाई को हेरफेर करते, किसी विचारधारा को सिद्ध करने के लिए उसे बिगाड़ते हैं। इसके बजाय, संचार के उस प्रारूप को बढ़ावा दिया जाना चाहिए जो लोगों के बीच विवाद को सुलझाने में मदद देता है।

संत पापा ने अपने संदेश के अंत में पत्रकारों एवं मीडिया जगत से जुड़े सभी लोगों के लिए प्रार्थना की है कि येसु उन्हें मदद दे कि वे स्पष्ट, खुला और दिल से पत्रकारिता कर सकें...वे दिल की धड़कन को सुन सकें, ताकि एक दूसरे को भाई और बहन समझ सकें और उस शत्रुता को दूर कर सकें जो विभाजित करती है।" प्रभु हमें उदारता पूर्वक सच्चाई बोलने में मदद करें, ताकि हम आपसे में एक-दूसरे के रक्षक की तरह महसूस कर सकें।"

 

 

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24 January 2023, 17:09