पोप ने डीआर कोंगो व दक्षिणी सूडान की यात्रा हेतु प्रस्थान किया
उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी
वाटिकन सिटी, मंगलवार, 31 जनवरी 2023 (रेई) : संत पापा फ्राँसिस इटली से बाहर अपनी 40वीं प्रेरितिक यात्रा पर डीआर कोंगो एवं दक्षिणी सूडान के लिए रवाना हो चुके हैं। अफ्रीकी देशों में यह उनकी पाँचवीं प्रेरितिक यात्रा है। वे एक शांति के तीर्थयात्री के रूप में मेल-मिलाप और आशा का संदेश लेकर इन देशों में जा रहे हैं।
संत पापा फ्राँसिस ने मंगलवार ३१ जनवरी को स्थानीय समयानुसार सुबह 8:29 बजे रोम के फ्यूमिचिनो हवाई अड्डा से इता एयरवेस द्वारा प्रस्थान किया। विमान डीआर कोंगो की राजधानी किनशसा के "नदजिली" अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर स्थानीय समयानुसार दोपहर ३ बजे पहुँचेगी, जिसमें पोप के साथ साथ करीब 70 पत्रकार भी यात्रा कर रहे हैं।
आप्रवासी, शरणार्थी और गिरे हुए लोगों को पोप का सामीप्य
मंगलवार सुबह को वाटिकन के संत मर्था प्रेरितिक आवास से प्रस्थान करने के पूर्व संत पापा फ्राँसिस ने कोंगो एवं दक्षिणी सूडान के दस आप्रवासियों एवं शरणार्थियों के एक दल से मुलाकात की। जिन्हें उनके परिवारवालों के साथ रोम के येसु समाजियों द्वारा संचालित अस्ताली केंद्र में शरण दिया गया है। वाटिकन के परोपकार कार्यों के लिए गठित विभाग के अध्यक्ष कार्डिनल कोनराड क्राएस्की ने पोप के साथ मुलाकात करने में दल की अगुवाई की।
हवाई अड्डा पहुँचने पर पोप फ्राँसिस की कार कुछ क्षण के लिए किन्दु में मारे गये वायुसैनिकों के स्मारक के पास रूकी। 11 नवंबर 1961 को कांगो में 13 इताली वायुसैनिकों को मार दिया गया था जिनकी यादगारी में एक स्मारक स्थापित किया गया है। संत पापा ने विमान की ओर बढ़ने से पहले उस नरसंहार के पीड़ितों और मानवतावादी एवं शांति अभियानों में भाग लेनेवाले सभी लोगों के लिए एक प्रार्थना अर्पित की।
6 घंटे 50 मिनट की यात्रा तय कर करीब ३ बजे, जब संत पापा फ्राँसिस किनशसा पहुँचेंगे तो सबसे पहले एक स्वागत समारोह के साथ डीआर कोंगो में उनका स्वागत किया जाएगा।
उसके बाद पोप राष्ट्रपति फेलिक्स चीशेकेदी से औपचारिक मुलाकात करेंगे तथा देश के सरकारी अधिकारियों, नागरिक समाज एवं राजनयिक इकाइयों से मुलाकात करेंगे। अफ्रीका में अपनी पाँचवीं प्रेरितिक यात्रा रविवार को समाप्त करने के साथ संत पापा अपने परमाध्यक्षीय काल के शुरू से लेकर अब तक कुल 60 देशों की प्रेरितिक यात्रा पूरी करेंगे।
2015 में उन्होंने केन्या, यूगांडा और मध्य अफ्रीकी गणराज्य की यात्रा की और 2017 में मिस्र का दौरा किया। वे मार्च 2019 में मोरोक्को गये, उसके बाद सितम्बर 2019 में मोजाम्बिक, मडागास्कर और मोरिशस की भी प्रेरितिक यात्रा कर चुके हैं।
लम्बे समय से यात्रा की चाह
संत पापा फ्राँसिस को घुटने में दर्द के कारण डीआर कोंगो एवं दक्षिणी सूडान में जुलाई 2022 को आयोजित यात्रा स्थगित करनी पड़ी थी।
उस मौके पर पोप की ओर से वाटिकन राज्य सचिव कार्डिनल पीयेत्रो परोलिन ने दोनों देशों का दौरा किया था तथा यात्रा नहीं कर पाने पर पोप की ओर से खेद प्रकट करते हुए यात्रा करने की उनकी तीव्र अभिलाषा को उजागर किया था।
पोप फ्राँसिस ने वर्षों से दक्षिण सूडान की यात्रा करने की इच्छा व्यक्त की है, लेकिन देश में अस्थिर स्थिति के साथ-साथ महामारी ने यात्रा की योजना को जटिल बना दिया था।
अप्रैल 2019 में पोप ने दक्षिणी सूडान के कलीसियाई अधिकारियों एवं राजनीतिक नेताओं के लिए वाटिकन में आध्यात्मिक साधना की मेजबानी की थी।
वाटिकन के प्रेरितिक आवास संत मर्था में आध्यात्मिक साधना के अंत में संत पापा ने उनके पाँव छूकर शांति हेतु कार्य करने एवं अपने देश के योग्य पिता बनने का आग्रह किया था।
ख्रीस्तीय एकता तीर्थयात्रा
प्रेरितिक यात्रा के पहले भाग में 31 से 3 फरवरी तक संत पापा फ्राँसिस डीआर कोंगो का दौरा करेंगे। यह यात्रा वे संत पापा जॉन पौल द्वितीय के पदचिन्हों पर कर रहे हैं जिन्होंने 1980 और 1985 में देश का दौरा किया था।
उसके बाद संत पापा तीन दिन दक्षिणी सूडान में शांति के लिए एक ख्रीस्तीय एकता तीर्थयात्री के रूप में व्यतीत करेंगे, जहाँ उनके साथ कैंटरबरी के महाधर्माध्यक्ष जस्टिन वेलबे एवं स्कॉटलैंड की कलीसिया की महासभा के मोडेरेटर माननीय डॉ. ईएन ग्रीनशील्डस भी होंगे।
अफ्रीका महादेश में विश्व के करीब २० प्रतिशत काथलिक निवास करते हैं और यह संख्या बढ़ सकती है।
Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here