ख्रीस्तीय एकता प्रतिनिधियों से पोप : एकता को बढ़ावा देने से कभी न थकें
उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी
बृहस्पतिवार को फिनलैंड से एक ख्रीस्तीय एकता प्रतिनिधिमंडल के साथ वाटिकन में मुलाकात के दौरान, पोप फ्राँसिस ने एक आम बुलाहट को पूर्ण रूप से जीने के महत्व पर प्रकाश डाला, जिसमें ख्रीस्त में बपतिस्मा प्राप्त सभी ख्रीस्तीय मेलमिलाप हेतु अथक रूप से काम करने तथा विश्व के युद्धग्रस्त क्षेत्रों में मेल-मिलाप के मध्यस्थ बनने के लिए बुलाये जाते हैं।
प्रतिनिधिमंडल फिनलैंड के शहीद धर्माध्यक्ष संत हेनरिक के पर्व दिवस पर परम्परागत ख्रीस्तीय एकता तीर्थयात्रा हेतु रोम पहुँचा है। संत हेनरिक काथलिकों, लुथेरनों और प्रोटेस्टंट कलीसिया साथ ही अंगलिकन समुदाय के लिए भी आदरणीय हैं।
काथलिक और लुथेरनों के साथ-साथ ऑर्थोडॉक्स और मेथोडिस्ट कलीसिया के प्रतिनिधि भी तीर्थयात्रा में भाग ले रहे हैं।
ख्रीस्तीयों और विभाजित दुनिया के बीच मेल-मेलाप को प्रोत्साहन
पोप फ्राँसिस ने हाल ही में पोप बेनेडिक्ट सोलहवें की मृत्यु के लिए फिनिश ख्रीस्तीय धर्मगुरूओं को, उनकी संवेदना हेतु धन्यवाद दिया।
8 जनवरी को येसु के बपतिस्मा महापर्व की याद करते हुए, पोप ने उपस्थित लोगों को याद दिलाया कि ख्रीस्त में हमारा साझा बपतिस्मा हमें ख्रीस्तियों के बीच और विभाजित दुनिया में मेल-मिलाप को बढ़ावा देने के लिए बुलाता है।
"एक बपतिस्मे को प्राप्त करने के बाद, हम, विश्वासियों के रूप में, धन्यवाद देने के लिए सब से ऊपर बुलाए गए हैं, क्योंकि बपतिस्मा के जल से शुरू होकर, हमारे अस्तित्व का ईश्वर के साथ, दूसरों के साथ, और सारी सृष्टि के साथ मेल-मिलाप हो गया है। मेल-मिलाप करनेवाले बेटे और बेटियों के रूप में, हमें आपस में मेल-मिलाप के लिए अथक परिश्रम करने और अपने संसार में मेल-मिलाप के मध्यस्थ बनने के लिए बुलाये गये हैं।”
अन्याय और युद्ध के शिकार लोगों के प्रति ठोस सामीप्य
पोप ने टिप्पणी की कि यह पहलू विशेष रूप से प्रासंगिक है क्योंकि दुनियाभर की कलीसियाएँ 18-25 जनवरी के बीच ख्रीस्तीय एकता के लिए प्रार्थना सप्ताह मनाती हैं, इस वर्ष इस विषय पर ध्यान केंद्रित किया गया है: “अच्छा करो; न्याय ढूंढ़ो” (इसायाह 1:17)।
उन्होंने गौर किया कि "उन शब्दों में हम अपने बपतिस्मा की एक प्रतिध्वनि सुनते हैं, जो हमें न्याय के कार्यों को करने और अन्याय, हाशिये पर जीवनयापन करनेवाले और विभिन्न प्रकार से पीड़ित लोगों, खासकर युद्धग्रस्त लोगों के निकट होने हेतु ठोस कार्य करने के लिए अनुग्रह करती है।"
“ख्रीस्त के साक्षी के रूप में, जिन्होंने खुद को मानव परिस्थिति की दुर्बलता में रखा, हमारा कर्तव्य है कि हम उन सभी लोगों के घावों में खुद को रखें, जो जरूरतमंद है।"
संत हेनरिक के पदचिन्हों पर चलना
संत हेनरिक को “विश्वास के एक साक्षी, आशा के संदेशवाहक और परोपकार के माध्यम के रूप में याद करते हुए संत पापा ने हमारे द्वारा साझा की गई एकता की महानता को पहचानने, एक साथ प्रार्थना करने और विभाजनों को दूर करने के लिए गहनता से काम करने और "ताकि दुनिया विश्वास कर सके" के महत्व पर जोर दिया।
उन्होंने कहा, “हालाँकि, इस वास्तविकता के बारे में जागरूकता पर्याप्त नहीं है। हमें एक वास्तविक जुनून को पोषित करने की आवश्यकता है जो "ख्रीस्तीयों के बीच ऐतिहासिक विभाजनों, जिसने ख्रीस्त के शरीर की एकता को नुकसान पहुंचाया है, उसे दूर करने की इच्छा से उत्पन्न होती है इन सबसे ऊपर, "आज हमें सुसमाचार प्रचार के लिए एक तीव्र उत्साह की आवश्यकता है।"
अतः संत पापा ने प्यार करने से कभी न थकने, आशा बनाये रखने, भटके हुए लोगों को खोजने और येसु की घोषणा करने और एकता का निर्माण करने के अपने आह्वान पर जोर दिया।
अंत में, संत पापा ने उपस्थित सभी लोगों को आमंत्रित किया कि वे एक साथ प्रभु की प्रार्थना करें जो किसी दूसरी प्रार्थनाओं से कहीं अधिक हमारी बपतिस्मा की सच्चाई को प्रकट करती है।