पोलैंड की खान दुर्घटना से शोकित परिवारों से पोप, कभी-कभी गुस्सा भी प्रार्थना होती है
उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी
दक्षिणी पोलैंड में पिछले साल के अप्रैल माह में दो कोयले की खानों में हुई हादसा में करीब 18 लोगों की मौत हो गई थी तथा कई लोग घायल हो गये थे।
20 अप्रैल को प्निओवेक खदान में दस खनिकों की जान चली गई, जब उस स्थान पर एक झटके के कारण मीथेन गैस निकल गई, और तीन दिन बाद बोरेनिया-ज़ोफ़िओका खदान में आठ लोगों की मौत हो गई, जहाँ एक आग्नेयास्त्र ने विस्फोट कर दिया।
संत पापा ने शुक्रवार को खान हादसा के शिकार लोगों के परिवारवालों से मुलाकात की एवं उनके प्रति अपना सामीप्य व्यक्त किया साथ ही उनके लिए मौन प्रार्थना की।
मौन रूप से सहानुभूति
मुलाकात के लिए धन्यवाद देते हुए संत पापा फ्राँसिस ने शोकित परिवारों से कहा कि उनके पास शब्द नहीं हैं लेकिन वे सिर्फ मौन रहकर अपनी सहानुभूति प्रकट कर सकते हैं।
उन्होंने कहा, “मौन ढाढ़स देता है, एक पति, एक पिता को इस तरह की दुर्घटना में खो देना, दर्दनाक है। और सच ये है कि कई लोग अब भी खान में दबे हुए हैं...”
“मैं शब्दों का प्रयोग करना नहीं चाहता लेकिन आपको बतलाना चाहता हूँ कि मैं आपके नजदीक हूँ, दिल से आपके करीब, और इस विकट एवं बुरी परिस्थिति में आपके साथ प्रार्थना करता हूँ।”
संत पापा ने कहा कि खासकर ऐसे समय में “लगता है कि ईश्वर हमें नहीं सुनते।”
“इसमें मृतक का मौन और ई्श्वर की चुप्पी है और यह चुप्पी कभी कभी हमें गुस्सा दिलाती है।”
संत पापा ने उपस्थित लोगों से कहा कि वे इससे नहीं डरें, क्योंकि : “गुस्सा भी प्रार्थना है।”
“यह एक ‘क्यों’ का सवाल है? जिसको हम ऐसी ही परिस्थिति में पूछते हैं। और इसका उत्तर है कि अंधकार में भी प्रभु निकट हैं। हम नहीं जानते कि किस तरह लेकिन प्रभु हमारे करीब हैं।"
संत पापा ने उन्हें मौन प्रार्थना करने हेतु आमंत्रित किया तथा हरेक से व्यक्तिगत रूप से मिलने से पहले उन्हें अपना प्रेरितिक आशीर्वाद दिया।
जाँच
पोलिश अभियोजकों ने दुर्घटनाओं की जांच शुरू कर दी है, और दोनों खानों में सुरक्षा स्थितियों और प्रक्रियाओं की जांच की जा रही है।
अधिकांश पोलिश कोयला खदानें दक्षिणी सिलेसिया क्षेत्र में हैं और कई में चट्टान में मीथेन गैस की अत्याधिक मौजूदगी है।
मई 2018 में जस्त्रजेबी-ज़ड्रोज में ज़ोफ्लोका खदान में आए भूकंप में पांच लोगों की मौत हो गई थी।