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संत पापाः पवित्र आत्मा हमारे सुधारक और रक्षक

संत पापा फ्राँसिस ने स्वर्गीय रानी प्रार्थना हेतु, संत पेत्रुस के महागिरजाघर के प्रांगण में, जमा हुए विश्वासियों और तीर्थयात्रियों को पवित्र आत्मा के दो कार्यों के बारे में बतलाया।

दिलीप संजय एक्का-वाटिकन सिटी

संत पापा फ्रांसिस ने पास्का के 6वें रविवार को संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्रांगण में स्वर्गीय रानी प्रार्थना हेतु एकत्रित सभी विश्वासियों और तीर्थयात्रियों को संबोधित करते हुए कहा, प्रिय भाइयो एवं बहनो, सुप्रभात।

पास्का के 6वें रविवार का सुसमाचार हमारे लिए पवित्र आत्मा का जिक्र करता है जिसे येसु पाराकिलीतो कहते हैं, यह यूनानी भाषा से आती है जिसका अर्थ सांत्वनादाता और सलाहकार दोनों है। इसका अर्थ यह है कि पवित्र आत्मा हमें अकेले नहीं छोड़ते हैं, वे हमारे निकट रहते हैं एक सलाहकार, एक वकील की भांति जो एक दोषीदार व्यक्ति की बगल में खड़ा होकर उसकी मदद करता हो। वे हमें उन सारे झूठे आरोपों से बचे रहने में मदद करते हैं जिन्हें हम पर लगाया जाता है। संत पापा ने कहा कि हम इस बात की याद करें कि शैतान सदैव हम पर दोष लगता है, जो हमारे अंदर पापों, इच्छाओं, बुराई को डालता है। हम इन दो तथ्यों पर चिंतन करें- हमारे लिए उनकी निकटता और उनके विरूध हमारी सहायता जो हम पर दोष लगाते हैं।

पवित्र आत्मा की निकटता

निकटता की चर्चा करते हुए संत पापा ने कहा कि पवित्र आत्मा जैसे कि येसु हमें कहते हैं, हमारे साथ रहते और हममें निवास करते हैं। वे हमें नहीं छोड़ते हैं। वे सदैव हमारे साथ रहने की चाह रखते हैं, वे हमारे लिए किसी मेहमान की भांति नहीं है जो हमने मिलने आते और चले जाते हों। वे हमारे लिए एक मित्र की तरह हैं जो सदैव हमारे साथ रहते हैं। वे आत्मा हैं और वे हमारी आत्माओं में निवास करने की चाह रखते हैं। वे धैर्यवान हैं और वे हमारे संग, गिरे हुए स्थिति में भी हमारे साथ रहते हैं। वे हमारे साथ रहते क्योंकि वे हमें सचमुच प्रेम करते हैं, वे हमसे प्रेम करने का नाटक नहीं करते हैं, जिससे वे हमें मुश्किल की घड़ी में छोड़ कर चले जायें। नहीं, वे ऐसा नहीं करते हैं। वे निष्ठावान हैं, पारदर्शी हैं, वे सच्चाई हैं।

इसके विपरीत, यदि हम अपने को एक मुश्किल स्थिति में पाते हैं, तो वे हमें सांत्वना प्रदान करते हैं, वे हमारे लिए ईश्वरीय क्षमा और शक्ति लाते हैं। और जब वे हमारी गलतियों को हमारे सम्मुख लाते और हमारा सुधार करते, तो वे कोमलता में ऐसा करते हैं- उसकी आवाज हमारे हृदय में बोली जाती है, जहाँ हम सदैव कोमलता के कारखाने औऱ प्रेम की ऊष्मा को पाते हैं। निश्चित ही, पवित्र आत्मा हमें से मांग करते हैं क्योंकि वे सच्चे, विश्वासी मित्र हैं, जो किसी बात को नहीं छुपाते, वे हमें उन बातों को सुझाव के रुप में लाते हैं जिनमें हमें परिवर्तन लाना है औऱ जहाँ हमें विकास करने की जरुरत है। लेकिन जब वे हमारा सुधार करते तो वे हमें कभी अपमानित नहीं करते हैं, और वे हममें कभी अविश्वास उत्पन्न नहीं करते हैं। इसके बदले, वे हम में ईश्वरीय निश्चितता को प्रसारित करते हैं, ईश्वर के संग हम सब कुछ कर सकते हैं। यह उनकी निकटता है, निश्चित रुप में बहुत सुन्दर।  

पवित्र आत्मा सलाहकार

पवित्र आत्मा हमारे लिए सलाहकार के समान हैं जो उनका दूसरा पहलू है। वे हमारे लिए एक वकील की भांति हैं जो हमारी रक्षा करते हैं। वे उनलोगों से हमारी रक्षा करते हैं जो हमारी बुराई करते हैं, वे हमें अपने स्वयं के विचारों से बचाते हैं, जब हम अपने को क्षमा नहीं करते और अपनी प्रशंसा नहीं करते हैं। जब हम अपने को उन परिस्थितियों में पाते जहाँ हम अपने में असफल होने का अनुभव करते हैं, और अपने में यह सोचते हैं कि हम कुछ भी करने के योग्य नहीं हैं, उन परिस्थितियों में जब दुनिया उन लोगों दुत्कारती है क्योंकि वे दुनियावी हाव-भाव के अनुरूप अपने को संचालित नहीं करते हैं, शैतान से जो अपने में “आरोपी” और विभाजक है, जो हमें अयोग्य और दुखी महसूस करने के लिए सब कुछ करता है।

पवित्र आत्मा की शिक्षा

इन सारे दोषदार विचारों के मध्य, पवित्र आत्मा हमें इस बात की शिक्षा देते हैं कि हमें इनका उत्तर कैसे देना हैॽ येसु कहते हैं कि सलाहकार हमें उस सारी चीजों की याद दिलाते हैं जिनके बारे में उन्होंने हमें बतलाया है। अतः वे हमें सुसमाचार की बातों की याद दिलाते हैं, और ऐसा करने के द्वारा वे हमें दोष लगाने वाले शैतान को जबाव देने के योग्य बनाते हैं, जहाँ हम अपने वचनों को नहीं बल्कि येसु ख्रीस्त के वचनों को उच्चरित करते हैं। वे हमें इससे भी बढ़कर यह याद दिलाते हैं कि येसु ने सदैव अपने पिता के बारे में हमें बतलाया जो स्वर्ग में हैं, वे हमें पिता के बारे में बतलाते हैं, और उनके प्रेम को हमारे लिए प्रकट करते हैं। वे हमें यह याद दिलाते कि हम उनकी संतान हैं। यदि हम पवित्र आत्मा को पुकारते, तो हम जीवन की एक महत्वपूर्ण सच्चाई को जानते हैं जो हमें बुराई के सभी दोषरोपण करने वाले से बचाता है। हमारे जीवन की सबसे बड़ी सच्चाई यही है कि हम सभी ईश्वर की प्यारी संतान हैं, पवित्र आत्मा हमें इसकी याद दिलाते हैं।

संत पापा फ्रांसिस ने कहा कि आज हम सभी अपने में पूछें, “क्या हम पवित्र आत्मा को पुकारते हैंॽ क्या हम सदैव उनके पास प्रार्थना करते हैंॽ हम उनके बारे में कभी न भूलें जो हमारे निकट रहते हैं बल्कि हमारे अंदर निवास करते हैं। क्या हम उनकी आवाज को सुनते हैं, दोनों ही परिस्थितियों में जब वे हमें प्रोत्साहित करते और जब वे हमारा सुधार करते हैंॽ क्या हम येसु की आवाज में शैतान की बुराइयों का जवाब देते हैंॽ क्या हम इस बात को याद करते हैं कि हम ईश्वर की प्रिय संतान हैंॽ माता मरियम हमें पवित्र आत्मा की आवाज के प्रति विनम्र और उनकी उपस्थित के प्रति सचेत करें।

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15 May 2023, 12:35