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संत पापाः रूस लिये गये बच्चों की वापसी हेतु वाटिकन प्रतिबद्ध

संत पापा फ्रांसिस ने हंगरी की प्रेरितिक यात्रा की समाप्ति उपरांत रोम लौटने के क्रम में पत्रकारों से अपने साक्षात्कार में उनके विभिन्न सवालों का जवाब दिया।

दिलीप संजय एक्का-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, रोमवार, 01 मई 2023 (रेई) संत पापा फ्राँसिस हंगरी, अपनी प्रेरितिक यात्रा से रोम वापसी के दौरान उड़ान में पत्रकारों को दिये गये अपने साक्षत्कार में यूक्रेन में युद्धविराम और रूस से यूक्रेनी बच्चों की वापसी के लिए परमधर्मपीठ की प्रतिबद्ध पर चर्चा की, उन्होंने अपने अस्पताल में भर्ती होने और स्वास्थ्य पर जिक्र किया।

इसके साथ ही उन्होंने शांति की आशा, क्रेमलिन के साथ संपर्क, विश्वव्यापी संवाद और यूनान में पार्थेनन कलाकृतियों की वापसी के बारे में भी अपने विचार व्यक्त किये।

ऐंटल हुबाई (आरटीएल क्लब) - हंगरी में प्रेरितिक यात्रा के संबंध में आपके व्यक्तिगत अनुभव क्या रहेॽ

संत पापाः  मैंने 1960 के दशक में [हंगेरियनों के साथ] मिलन के पहले अनुभव का आनंद लिया, उस समय जब कई हंगेरियन येसु समाजियों को उनके देश से बाहर निकाल दिया गया था। फिर, कई स्कूल बनें... ब्यूनस आयर्स से बीस किलोमीटर दूर एक स्कूल था, और महीने में दो बार मैं वहां जाता था। तब ब्यूनस आयर्स में काम करने वाले हंगरी के आम लोगों के साथ भी मेरा रिश्ता था। मुझे उनकी भाषा समझ नहीं आई। लेकिन मैं दो शब्दों को अच्छी तरह समझता था, गुलश और टोकई। यह एक अच्छा अनुभव था। प्रवासियों के रुप में उनके दुःखों से मैं वाकिफ था क्योंकि वे अपने घरों को नहीं जा सकते थे। मेरी वार्ड की बहनें [हंगरी में] वहीं रहीं, वे अपार्टमेंट में छिपी रहीं ताकि प्रशासन उन्हें बाहर न निकाल दे। बाद में, मैंने कार्डिनल माइंडज़ेंटी को रोम आने के लिए राजी किया और पूरे मामले के बारे में जानकारी हासिल की। मैंने 1956 के संक्षिप्त उत्साह और उसके बाद की निराशा का भी अनुभव किया।

(एंटल हुबाई): क्या तब से आपकी राय में कोई बदलाव आया हैॽ

इसमें कोई परिवर्तन नहीं आया है, बल्कि यह और भी समृद्ध हुआ है, इस अर्थ में कि मैंने हंगरीवासियों की संस्कृति को देखा और उसका लुफ्त उठाया है...

(एंटल हुबाई): आप कौन-सी भाषा बोलते थेॽ

संत पापाः  वे साधारणतः जर्मन या अंग्रेजी बोलते थे। हंगरी की भाषा हंगरी के बाहर नहीं बोली जाती है। सिर्फ स्वर्ग में क्योंकि कहा जाता है क्योंकि इसे सीखने में सदियों लग जाते हैं।

(एलियाना रग्गिएरो, एजीआई): संत पापा, आपने गरीबों, प्रवासियों, जो (कानूनी रूप से) ठीक नहीं हैं, उनके लिए हमारे स्वार्थपूर्ण दरवाजे खोलने- फिर से खोलने - के लिए एक अपील की। हंगरी के प्रधानमंत्री ओर्बन के साथ आपकी बैठक में, क्या आपने उनसे बाल्कन मार्ग की सीमाओं को फिर से खोलने के लिए कहा, जिसे उन्होंने बंद कर दिया हैॽ “ हाल के दिनों में, आप मेट्रोपॉलिटन हिलारियन से भी मिले: क्या यूक्रेन के लिए शांति प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए, या आपके और राष्ट्रपति पुतिन के बीच बैठक को संभव बनाने के संबंध में था, हिलारियन और ओर्बन खुद मॉस्को के प्रति खुलेपन में माध्यम बन सकते हैंॽ  धन्यवाद।

संत पापाः  मैं विश्वास करता हूँ की शांति सदैव खुली प्रक्रिया के माध्यम की जा सकती है, बंद होने के द्वारा शांति कभी हासिल नहीं की जा सकती। मैं हरएक को खुले संबंधों के लिए निमंत्रण देता हूँ, मित्रता का माध्मम बनने के लिए... यह सहज नहीं है। मैं इसी बात को सामान्य रुप से सभी जगह और ओर्बन से भी कहा। प्रवासियों के संबंध में- मैं सोचना हूँ यह एक समस्या है जिसे यूरोप को अपने हाथों में लेने की जरुरत है क्योंकि हम पांच देशों- साइप्रस, यूनान, माल्टा, इटली और स्पेन को देखते हैं जो इससे अधिक प्रभावित हैं क्योंकि वे भूमध्यसागरीय प्रांत के देश हैं जहाँ बहुत से प्रवासी आते हैं। यदि यूरोप इसे अपने में नहीं लेता, प्रवासियों का उचित वितरण नहीं किया जाता, तो इन देशों को समस्या का सामना करना होगा। मुझे लगता है कि यूरोप के लोगों को यह एहसास दिलाना होगा कि यह यूरोपीय संघ की भी समस्या बनेगी।

एक और समस्या है जो प्रवासन से संबंधित है, और वह है जन्म दर। इटली और स्पेन जैसे देश हैं जिनके... कोई संतान नहीं हैं। हाल ही में... पिछले साल मैंने परिवारों के लिए एक बैठक में इसके बारे में बात की थी और हाल ही में मैंने देखा है कि सरकार और अन्य सरकारें भी इसके बारे में बातें कर रही हैं। इटली में औसत आयु 46 वर्ष है, स्पेन के लिए यह अभी भी अधिक है और वहाँ छोटे निर्जन गाँव हैं।

एक प्रवासन कार्यक्रम जिसे एक मॉडल की भांति अच्छी तरह से चलाया जाता है जो कुछ देशों में प्रवासन के साथ हुआ है - मैं लैटिन अमेरिकी तानाशाही के समय स्वीडन के उदाहरण के बारे में सोचता हूँ – यह उन देशों की भी मदद कर सकता है जिनकी जन्म दर कम है।

फिर,  अंत में...आखिरी क्या थाॽ  ओह, हाँ, हिलारियन: हिलारियन वह है जिसका मैं बहुत सम्मान करता हूँ,  और हमारे बीच हमेशा अच्छे संबंध रहे हैं। और यह अच्छा था वह मुझसे मिलने आया, फिर वह मिस्सा में आया,  और मैंने उसे यहाँ हवाई अड्डे पर भी देखा। हिलारियन एक बुद्धिमान व्यक्ति है जिसके साथ कोई भी बात कर सकता है, और इन संबंधों को बनाए रखने की आवश्यकता है, क्योंकि अगर हम अंतरधार्मिकतावाद के बारे में बात करते हैं- हमें हर किसी के साथ हाथ बढ़ाना चाहिए, यहां तक ​​कि उनके हाथों को भी स्वीकार करना चाहिए।

युद्ध शुरू होने के बाद से मैंने प्राधिदर्माध्यक्ष किरिल के साथ केवल एक बार बात की है, ज़ूम के माध्यम से 40 मिनट, फिर एंथोनी के माध्यम से, जो अब हिलारियन के स्थान पर है, जो मुझसे मिलने आते हैं। वे एक धर्माध्यक्ष हैं जो रोम में एक पल्ली पुरोहित थे और पर्यावरण को अच्छी तरह से जानते हैं, हमेशा उनके माध्यम से मैं किरिल के संग जुड़ा हुआ हूँ।

एक बैठक थी जो पिछले साल जुलाई या जून में येरूसालेम में होनी थी, लेकिन युद्ध के कारण इसे स्थगित कर दिया गया- यह बैठक आवश्यक है। और फिर, रूस के साथ मेरे राजदूत के साथ अच्छे संबंध हैं जो अब जा रहे हैं, वह सात साल से वाटिकन में राजदूत हैं, वे एक महान व्यक्ति हैं, एक गंभीर, सुज्जन और संतुलित व्यक्ति। रूसियों के साथ मेरा संबंध मुख्य रूप से इसी राजदूत के साथ है।

मुझे नहीं पता कि मैंने सब कुछ कह दिया है या नहीं। क्या इतनी ही थाॽ या मैंने कुछ छोड़ दियाॽ  

(एलियाना रग्गिएरो): अगर किसी तरह हिलारियन और ओर्बन भी यूक्रेन में शांति प्रक्रिया को तेज कर सकते हैं और आपके और पुतिन के बीच एक बैठक संभव कर सकते हैं, यदि वे “मध्यस्थों के रूप में” कार्य करते हैं तोॽ

संत पापाः आप कल्पना कर सकते हैं कि इस बैठक में हमने न केवल लिटिल रेड राइडिंग हूड के बारे में बात की, है नाॽ  हमने इन सभी चीजों के बारे में बात की। हमने इस बारे में बात की क्योंकि हर कोई शांति की चाह रखता है। मैं तैयार हूँ। मैं वह सब करने को तैयार हूँ जो करने की जरूरत है। साथ ही, अभी एक मिशन चल रहा है, लेकिन यह अभी तक सार्वजनिक नहीं हुआ है। देखते हैं कैसे... जब यह सार्वजनिक होगा तो मैं इसके बारे में बात करूँगा।

(ऑरा मारिया विस्तास मिगुएल, रेडियो रेनास्केंका): आपका अगला पड़ाव लिस्बन है। आप अपने स्वास्थ्य के बारे में कैसा महसूस करते हैं? जब आप अस्पताल गए तो हम हैरान रह गए; आप ने कहा मैं बेहोश हो गया। तो क्या आपको लगता है कि आपमें विश्व युवा दिवस में जाने की ऊर्जा हैॽ  और क्या आप एक यूक्रेनी और एक रूसी युवा के साथ एक घटना को नई पीढ़ियों के लिए एक संकेत स्वरूप चिन्हित करेंगेॽ

संत पापाः सबसे पहले, (मेरा) स्वास्थ्य। मुझे बुधवार के आमदर्शन समारोह के उपरांत अचानक, गंभीर तकलीफ हुई थी। मुझे दोपहर का भोजन करने का मन नहीं कर रहा था; मैं थोड़ी देर के लिए लेट गया। मुझे होश नहीं आया, लेकिन हाँ, मुझे बहुत तेज बुखार था और दोपहर तीन बजे डॉक्टर मुझे तुरंत अस्पताल ले गए। मुझे फेफड़े के निचले हिस्से में गंभीर तीव्र निमोनिया था – ईश्वर का धन्यवाद, मैं आपको इसके बारे में बता सकता हूँ - इस शरीर ने अच्छी प्रतिक्रिया दी। भगवान का शुक्र है। मेरा हाल यह था।

लिस्बन के बारे में: मेरे जाने से एक दिन पहले मैंने धर्माध्यक्ष अमेरिको (अगुइयार, लिस्बन के सहायक धर्माध्यक्ष) से बात की, जो यह देखने आए थे कि वहाँ चीजें कैसी हैं। मैं जाऊँगा। मैं जाऊँगा। मैं आशा करता हूँ यह संभव होगा। इस डंडे के साथ आप देख सकते हैं कि यह दो साल पहले जैसा नहीं है। अब यह बेहतर है। फिलहाल यात्रा रद्द नहीं की गई है।

फिर मार्सिल्स की यात्रा है, फिर मंगोलिया की यात्रा है, फिर अगला है, मुझे याद नहीं है कि कहाँ... मेरी सूची चली रहती है।

(ऑरा विस्तास): और रूस और यूक्रेन के युवाओं के बारे में?

संत पापा: अमेरिको के मन में कुछ है। उसने मुझे बताया कि वह कुछ तैयारी कर रहा है। वह इसकी अच्छी तैयारी कर रहा है।

(निकोल विनफील्ड, एसोसिएटेड प्रेस): संत पापा, मैं आपसे कुछ अलग पूछना चाहता था। आपने हाल ही में एक बहुत ही मजबूत अंतरधार्मिक वार्ता के भाव प्रदर्शित किया है। आपने वाटिकन संग्रहालय की ओर से, पार्थेनन की तीन मूर्तियाँ यूनान को दान में दिया। यह निशानी आर्थोडक्स दुनिया के बाहर भी प्रतिध्वनित हुई है, क्योंकि पश्चिम में कई संग्रहालय इन लोगों के प्रति न्याय के कार्य स्वरूप औपनिवेशिक काल की वापसी पर चर्चा कर रहे हैं। मैं आपसे पूछना चाहता था कि क्या आप अन्य बहाली के लिए भी उपलब्ध हैं। मैं विशेष रूप से कनाडा में स्वदेशी लोगों और समूहों के बारे में सोच रहा हूँ जिन्होंने औपनिवेशिक काल के दौरान हुए नुकसान की भरपाई की प्रक्रिया के हिस्से के रूप में वाटिकन संग्रह से वस्तुओं की वापसी के लिए अनुरोध किया है।

संत पापाः यह सातवीं आज्ञा है: यदि तुमने (कुछ) चुराया है, तो तुम्हें (इसे) वापस करना होगा। लेकिन, एक पूरा इतिहास है, यानी कि कभी-कभी युद्ध और उपनिवेशीकरण के कारण दूसरों की अच्छी चीजों को लेने के लिए निर्णय लिए जाते हैं। यह एक सही इशारा था; यह किया जाना था: पार्थेनन को वापस देना था। और यदि कल मिस्री आकर ओबिलिस्क मांगें, तो हम क्या करेंगेॽ  लेकिन आपको फिर से प्रत्येक मामले में आत्मानिरक्षण करने की जरूरत है।

कनाडा को स्वदेशी वस्तुओं की वापसी के संबंध में, यह जारी है, या कम से कम हम इसे करने के लिए सहमत हुए हैं। यह कैसा चल रहा है।

लेकिन कनाडा में स्वदेशी लोगों के साथ अनुभव बहुत उपयोगी रहा है। संयुक्त राज्य अमेरिका में भी, येसु समाजी संयुक्त राज्य अमेरिका के अंदर स्वदेशी लोगों के समूह के साथ कुछ कर रहे हैं। (सुपीरियर) जनरल ने मुझे इसके बारे में बताया।

लेकिन पुनः वापस के संबंध में, कोई ऐसी चीज हो जिसे आप लौटा सकें, वह जरूरी हो, जो निशानी के रूप में है, तो उसे करना बेहतर है। कभी-कभी कोई नहीं कर सकता; कोई राजनीतिक, वास्तविक, ठोस संभावना नहीं है। लेकिन जब आप (चीजें) वापस दे सकते हैं, तो कृपया ऐसा करें; यह सभी के लिए अच्छा है, ताकि दूसरों की जेब में हाथ डालने की आदत न पड़े।

(ईवा फर्नांडीज, रेडियो सीओपीई): यूक्रेन के प्रधानमंत्री ने जबरन रूस ले जाये गए बच्चों को वापस लाने में आपकी मदद मांगी है। क्या आप उनकी मदद करने की सोच रहे हैंॽ

संत पापाः  यह उचित है, क्योंकि परमधर्मपीठ ने कुछ कैदी विनिमय स्थितियों में एक मध्यस्थ स्वरूप काम किया है, और दूतावास के माध्यम से यह अच्छी तरह पूरा हुआ। मुझे लगता है कि यह भी ठीक तरीके से हो सकता है।

यह महत्वपूर्ण है। परमधर्मपीठ कार्य करने को तैयार है क्योंकि यह सही है, यह न्यायपूर्ण है। और हमें यह सुनिश्चित करनी चाहिए कि यह युद्ध की कहानी नहीं है, बल्कि एक मानवीय मामला है। यह युद्ध की लूट या युद्ध के कारण होने वाले विस्थापन से बढ़कर मानवता का प्रश्न है। सभी मानवीय भाव मदद करते हैं, लेकिन क्रूरता के इशारे मदद नहीं करते। हमें वह सब कुछ करना चाहिए जो मानवीय रूप से संभव है।

मैं कहना चाहता हूँ कि मैं उन महिलाओं के बारे में भी सोच रहा हूँ जो हमारे देश इटली, स्पेन, पोलैंड, हंगरी आती हैं, इतनी सारी महिलाएं जो बच्चों और पतियों के साथ आती हैं, या वे पत्नियां हैं...वे युद्ध के खिलाफ संघर्षरत हैं। यह सच है कि अभी उनकी मदद की जा रही है, लेकिन हमें अपना उत्साह नहीं खोना चाहिए, क्योंकि अगर उत्साह कम हो गया, तो इन महिलाओं को बिना सुरक्षा के छोड़ दिया जायेगा, जिन पर हमेशा गिद्धों के हाथों में पड़ने का खतरा होता है, जो उनकी स्थितियों की ताक में रहते हैं।

आइए हम सावधान रहें कि हम शरणार्थियों की मदद के इस तनाव को कम न होने दें। यह सभी के लिए चिंता का विषय है। 

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01 May 2023, 16:04