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संत पापाः स्वर्गारोहण द्वारा स्वर्ग द्वार खुला

संत पापा फ्रांसिस ने रविवारीय स्वर्गीय रानी प्रार्थना के पूर्व स्वर्गारोहण पर्व के संदर्भ को दो सवालों पर प्रकाश डालते हुए स्पष्ट किया।

दिलीप संजय एक्का-वाटिकन सिटी

संत पापा फ्रांसिस ने स्वर्गारोहण पर्व के अवसर पर स्वर्गीय रानी प्रार्थना हेतु, संत  पेत्रुस महागिरजाघर के प्रांगण में एकत्रित सभी विश्वासियों और तीर्थयात्रियों का अभिवादन करते हुए कहा, प्रिय भाइयो एव बहनो, सुप्रभात।

आज, इटली और कई देशों में, स्वर्गोरोहण का त्योहार मनाया जाता है। इस त्योहार के बारे में हम सभी जानते हैं लेकिन यह हमारे लिए कई सवालों को उत्पन्न करता है। हम कम से कम दो सवालों पर चिंतन करेंगे। पहला, पृथ्वी से येसु के चले जाने को हम त्योहार की तरह क्यों मनाते हैंॽ उनका हमारे बीच से जाना दुःख की घड़ी स्वरुप देखा जा सकता है, लेकिन हम इस विदाई को खुशी के रुप में क्यों मनाते हैंॽ यह हमारे लिए पहले सवाल के रूप में आता है। दूसरा सवाल उन्होंने कहा कि येसु अब स्वर्ग में क्या करते हैंॽ

संत पापा फ्रांसिस ने इसे त्योहार के रुप में मनाये जाने की व्याख्या करते हुए कहा, क्योंकि स्वर्गारोहण में कुछ नयी और सुन्दर बातें होती हैं, येसु हमारी मानवता, हमारे शरीर को स्वर्ग ले चलते हैं-जो पहली बार होता है। वे हमारे शरीर को अपने पिता ईश्वर के सामने ले चलते हैं। वे मानवता को धारण कर हमारी मानवता में प्रवेश करते हैं, जिसे वे पृथ्वी तक ही सीमित नहीं रखते हैं। पुनर्जीवित येसु आत्मा के रुप में नहीं रहते हैं वरन वे मानव शरीर, हांड-मांस सभी रुपों में हमारे बीच व्याप्त रहते हैं। वे ईश्वर के रुप में भी ऐसे ही रहते हैं।

येसु-शारीर और आत्मा

संत पापा ने कहा, हम कह सकते हैं कि स्वर्गारोहण के दिन से, ईश्वर अपने में परिवर्तित हो जाते हैं, वे केवल आत्मा नहीं रह जाते हैं बल्कि अपने प्रेम के खातिर वे हमारी तरह, शरीर में हमारी मानवता को सदैव वहन करते हैं। इस भांति यह हमारे लिए उस स्थान की ओर इंगित कराता है जहाँ हमारी प्रतीक्षा की जाती है, जो हमारा असल निवास है। इस भांति एक प्राचीन आचार्य विश्वास के संबंध में लिखते हैं, “यह कितना शानदार समाचार है, वे जो हमारे लिए मानव बनें... अपने बाद आने वाले भाइयों को, अपने पिता के सम्मुख प्रस्तुत करने हेतु, स्वयं अपने को, अपने पिता के सम्मुख मानव के रुप में प्रस्तुत करते हैं।” (निस्सा के संत ग्रेगोरी, पुनरूत्थान पर व्याख्यान)। अतः आज हम “स्वर्ग विजय” का त्योहार मनाते हैं जहाँ येसु ख्रीस्त अपने पिता के पास,  हमारी मानवता में वापस लौटते हैं। इस भांति स्वर्ग को हम कुछ हद तक अपने लिए पहले ही खुला पाते हैं। येसु ने हमारे लिए स्वर्ग-द्वार खोला और उनका शरीर वहाँ है।

येसु प्रार्थना करते हैं

संत पापा ने दूसरे सवाल, येसु वहाँ क्या करते हैं, के बारे में कहा कि वे हमारे लिए पिता के सामने उपस्थित, हमारी मानवता को उनके सम्मुख निरंतर प्रस्तुत करते रहते हैं- वे अपने घावों को उन्हें दिखलाते हैं। अपने इस चिंतन को प्रकट करते हुए उन्होंने कहा कि येसु अपने घावों को पिता को दिखलाते हुए हमारे लिए प्रार्थना करते हैं। “मानवता के लिए मैंने यह दुःख सहा है, आप कुछ कीजिए।” वे अपने पिता को मुक्ति की कीमत जिसे उन्हें चुकानी पड़ी दिखलाते हैं। यह पिता को द्रवित करता है। संत पापा ने कहा “मैं इसके बारे में विचार करता हूँ। आप स्वयं इसके बारे में चिंतन करें।” येसु इस भांति हमारे लिए प्रार्थना करते हैं। उन्होंने हमें नहीं छोड़ा है। वास्तव में, स्वर्ग चढ़ने के पूर्व जैसे कि आज का सुसमाचार हमें कहता है, “मैं सदा तुम्हारे साथ हूँ, दुनिया के अंत तक”। मत्ती. 28.20) वे सदा हमारे साथ हैं, वे हमारी ओर देखते हैं, और सदैव हमारे लिए प्रार्थना करते हैं” (इब्रा. 7.25)। वे अपने घावों को अपने पिता को दिखलाते हैं जिसे हम एक शब्द में कह सकते हैं कि वे हमारे लिए पिता से अर्जी करते हैं। वे अपने पिता और हमारे पिता के सामने एक बेहतर “निवास” में हैं, जहाँ वे हमारे लिए प्रार्थना करते हैं।

संत पापा ने कहा कि माध्यस्था करना महत्वपूर्ण है। विश्वास इसमें हमारी मदद करता है जहाँ हम अपनी आशा को नहीं खोते, निराश नहीं होते हैं। पिता के सामने, हमारे लिए कोई है जो अपने घावों को दिखलाता और हमारे लिए विनय करता है। माता मरियम जो स्वर्ग की रानी हैं, अपनी प्रार्थना की शक्ति से हमारी मदद करें।

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22 May 2023, 11:57