सिनॉड शुरू होने से पहले ख्रीस्तीय एकता जागरण प्रार्थना
वाटिकन न्यूज
वाटिकन सिटी, मंगलवार, 26 सितंबर 2023 (रेई) : संत पापा फ्राँसिस सिनॉड महासभा के पूर्व शनिवार 30 सितम्बर को ख्रीस्तीय एकता जागरण प्रार्थना की अगुवाई करेंगे।
प्रार्थना में कुस्तुनतुनिया के प्राधिधर्माध्यक्ष बर्थोलोमियो प्रथम, कैंटरबरी के महाधर्माध्यक्ष जस्टिन वेलबे एवं कई अन्य कलीसियाओं के धर्मगुरू और साथ ही साथ हजारों ख्रीस्तीय उपस्थित होंगे।
शनिवार की शाम की प्रार्थना सभा का उद्देश्य 4-29 अक्टूबर को वाटिकन में होनेवाली धर्माध्यक्षीय धर्मसभा की 16वीं महासभा के कार्य को पवित्र आत्मा को सौंपना है, जिसमें ईश्वर के वचन को सुनना, स्तुति और निवेदन की प्रार्थना, तेजे गीत और मौन प्रार्थना शामिल होंगे।
कार्यक्रम का सीधा प्रसारण
जागरण प्रार्थना को वाटिकन मीडिया द्वारा 8 भाषाओं में यूट्यूब चैनल से लाईव प्रसारित किया जाएगा।
अधिक जानकारी के लिए लिंक देखें : Facebook / Instagram: @30Sept2023 #Together2023 ; और X (पहले ट्वीटर के नाम से जाना जाता था): @Together2023
वाटिकन प्रेस कार्यालय द्वारा सोमवार को जारी एक विज्ञप्ति में बतलाया गया है कि शनिवार को जागरण प्रार्थना के पहले शाम 5 से 6 बजे धन्यवाद ज्ञापन समारोह होगा। जिसमें एकता के वरदान और सिनॉडल यात्रा के लिए; दूसरों के वरदान एवं शांति के वरदान; तथा सृष्टि के वरदान के लिए आभार प्रकट की जायेगी।
कलीसियाएँ जब सृष्टि का मौसम मना रही हैं, संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में पेड़ और फूल एवं संत फ्राँसिस के सन दामियानो क्रूस स्थापित होंगे।
युवा और दुनिया प्रार्थना में एकजुट
विभिन्न देशों के हजारों युवा 29 सितंबर से 1 अक्टूबर तक रोम के आसपास कार्यशालाओं और सभाओं में भाग लेंगे, जिसमें वे शनिवार को जागरण प्रार्थना और उससे पहले दोपहर में संत जॉन लातेरन महागिरजाघर में स्तुति और उपासना की प्रार्थना में भाग लेंगे।
युवाओं की कार्यशाला में शरणार्थियों, अन्य कलीसियाओं एवं अन्य धर्मों के प्रतिनिधियों के अनुभवों को भी सुना जाएगा। वे हाशिये पर जीवनयापन करनेवाले लोगों के लिए शहर के मिशन का दौरा, हमारी परंपराओं की विविधता में ख्रीस्त को पहचानना, ख्रीस्तीय एकता पैनल चर्चा और सृष्टि की देखभाल आदि कार्यक्रम में भी शामिल होंगे।
इसी भावना से, 30 सितंबर को दुनिया भर में 200 से अधिक सामुहिक प्रार्थनाएँ आयोजित की गई हैं, जिसमें विभिन्न कलीसियाओं के ख्रीस्तीय अपने-अपने देशों में एक साथ प्रार्थना और चिंतन करेंगे।