जयन्ती आमदर्शन: येसु का जीवन एक बहुमूल्य खजाना
वाटिकन न्यूज
वाटिकन सिटी, सोमवार, 8 सितंबर 2025 (रेई) : "स्वर्ग का राज्य खेत में छिपे हुए खजाने के सदृश है, जिसे कोई मनुष्य पाता और दुबारा छिपा देता है। तब वह उमंग में जाता और सब कुछ बेच कर उस खेत को खरीद लेता है।” (मती. 13,44)
पोप ने अपनी धर्मशिक्षा माला शुरू करते हुए तीर्थयात्रियों को सम्बोधित कर कहा, “प्यारे भाइयो एवं बहनो, सुप्रभात। रोम में अलग-अलग जगहों से आए सभी तीर्थयात्रियों का स्वागत है। इतिहास से समृद्ध इस शहर में हम विश्वास, करुणा और आशा में और अधिक मजबूत हो सकते हैं। आज हम आशा के एक खास पहलू पर चितंन करेंगे।
संत हेलेना एक खोजनेवाली महिला
संत हेलेना के शब्द “आशा एक खुदाई है” की ओर विश्वासियों का ध्यान आकृष्त करते हुए पोप ने कहा, “मैं (चिंतन को) एक याद से शुरु करना चाहता हूँ: बचपन में मिट्टी में खेलना, हमें बहुत अच्छा लगता था। हमें याद है और शायद हम आज भी ऐसा करते हैं: बच्चों को खेलते देखना अच्छा लगता है! मिट्टी खोदना, जमीन की कठोर सतह को तोड़ना और उसके नीचे क्या है, उसे देखना...
पोप ने वर्तमान परिस्थिति पर गौर करते हुए कहा, “येसु ने खेत में छिपे खजाने (मती. 13,44) की जो कहानी बताई, वह अब बच्चों की खेल-कूद नहीं रही, फिर भी आश्चर्य की खुशी वही है। और प्रभु हमें कहते हैं: ईश्वर का राज्य भी ऐसा ही है। सच तो यह है कि ईश्वर का राज्य इसी तरह मिलता है। जब हम सच्चाई की सतह को खोदकर आगे बढ़ते हैं, जब हम गहराई में जाते हैं, तो उम्मीद फिर से जगती है।”
संत पापा ने कहा, आज मैं आपको एक बात बतलाना चाहता हूँ कि जैसे ही येसु के शिष्य खुलेआम ख्रीस्तीय बनकर जीने की आजादी पाए, उन्होंने खोज-बीन शुरू कर दी, खासकर, येसु के दुःख, मृत्यु और पुनरुत्थान की जगहों पर। पूर्व और पश्चिम की दोनों ही परंपराएँ, सम्राट कॉन्स्टेंटाइन की माँ फ्लाविया जुलिया हेलेना को इन खोजों की प्रेरणास्रोत मानती हैं। एक ऐसी महिला जिन्होंने खोदा। एक ऐसी महिला जो गहराई में उतरीं। जो उम्मीद जगाती हैं कि खजाना असल में येसु का जीवन है और हमें उनके पदचिह्नों की खोज में निकलना चाहिए।
पोप ने हेलेना की येसु के जीवन पर खोज के प्रति रूचि की सराहना करते हुए कहा, “एक महारानी और क्या-क्या कर सकती थीं! वे दूर-दराज के येरूसालेम की बजाय कितने शानदार शहरों को चुन सकती थीं। दरबार में कितने सुख और सम्मान थे।” उन्होंने कहा, हम भी, अपनी उपलब्धियों और धन-दौलत पर भरोसा करते हैं, जो हमें सुरक्षा देती है। लेकिन इस तरह हम बचपन की खुशी खो देते हैं, उस जिज्ञासा और खोज की चाहत को खो देते हैं जो हर दिन को नया बनाती है।
स्वर्ग राज्य की खोज
लैटिन में "इन्वेंतारे" का मतलब है "खोजना"। हेलना की सबसे बड़ी "खोज" पवित्र क्रॉस की खोज थी। यह वह छिपा खजाना है, जिसके लिए लोग सब कुछ बेच देते हैं! येसु का क्रूस जीवन की सबसे बड़ी खोज है, वह मूल्य जो सभी मूल्यों को बदल देता है।
हेलेना शायद इसलिए यह बात समझ पाई क्योंकि उसने खुद बहुत समय तक दुःख झेला था। वे किसी शाही परिवार में पैदा नहीं हुई थीं; कहा जाता है कि वे एक साधारण परिवार की सराय चलानेवाली महिला थी, जिनसे भावी सम्राट कोनस्टानतियुस को प्यार हो गया। उन्होंने उनसे शादी कर ली, लेकिन सत्ता के लिए उसे त्याग दिया और सालों तक अपने बेटे कॉन्स्टंटाइन से दूर रखा। जब कॉन्स्टंटाइन सम्राट बन गया, तो उसने भी उसे कई दुःख और निराशा दीं, लेकिन हेलेना हमेशा वही रहीं, एक ऐसी महिला जो हमेशा कुछ खोजती रहती थी। उसने ख्रीस्तीय धर्म अपनाने का फैसला किया और हमेशा दूसरों की मदद करती रही, कभी भी उन गरीब लोगों को नहीं भूली जिनसे वे खुद जुड़ी थीं।
संत पापा ने कहा कि इस तरह अंतःकरण की गरिमा एवं निष्ठा आज भी दुनिया बदल सकती है। ये हमें खजाने के और करीब लाती हैं, जैसे किसान का काम। अपने दिल को निखारना एक कठिन काम है। यह सबसे बड़ा काम है। लेकिन खोदने से ही खजाना मिलता है; विनम्र होने से हम उस प्रभु के और करीब पहुंचते हैं, जिन्होंने हमारा रूप धारण करने के लिए खुद को त्याग दिया। उनका क्रूस हमारी धरती की सतह के नीचे छिपा है। हम गर्व से चल सकते हैं, अपने पैरों के नीचे छिपे खजाने को अनदेखा करते हुए। लेकिन अगर हम बच्चों की तरह बन जाएँ, तो हम एक अलग राज्य, एक अलग शक्ति को जान पाएंगे। कि ईश्वर हमेशा हमारे नीचे रहते हैं, ताकि हमें ऊँचा उठा सकें।
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