निचेया से बेरूत बंदरगाह तक: संत पापा लियो का तुर्की और लेबनान का कार्यक्रम
वाटिकन न्यूज
वाटिकन सिटी, सोमवार 27 अक्टूबर 2025 : संत पापा लियो 14वें इटली के बाहर पहली प्रेरितिक यात्रा, अगले महीने, 27 नवंबर से 2 दिसंबर 2025 तक, निचेया की प्रथम परिषद की 1700वीं वर्षगांठ के अवसर पर, तुर्की और लेबनान की यात्रा करेंगे।
तुर्की
सोमवार को, परमधर्मपीठ ने संत पापा की यात्रा का कार्यक्रम जारी किया, जो गुरुवार 27 नवंबर को तुर्की से शुरू होगी। राजधानी अंकारा पहुँचने पर, संत पापा तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप एर्दोआन से मुलाकात करेंगे और उसके बाद तुर्की के अधिकारियों, नागरिक समाज के प्रतिनिधियों और राजनयिकों को संबोधित करेंगे। दिन के अंत में, संत पापा अंकारा से तुर्की के सबसे बड़े शहर इस्तांबुल के लिए विमान से यात्रा करेंगे।
शुक्रवार, 28 नवंबर को तुर्की में अपने पहले पूरे दिन के दौरान, संत पापा लियो इस्तांबुल के पवित्र आत्मा को समर्पित महागिरजाघर में धर्माध्यक्षो, पुरोहितों, उपयाजकों, समर्पित लोगों और प्रेरितिक कार्यकर्ताओं से मिलेंगे। बाद में सुबह, वे गरीबों की छोटी धर्मबहनों के नर्सिंग होम का दौरा करेंगे।
निचेया के लिए हेलीकॉप्टर की एक छोटी उड़ान के बाद, संत पापा संत निओफ़िटोस के प्राचीन महागिरजाघर के पुरातात्विक उत्खनन के पास एक ख्रीस्तीय एकता प्रार्थना सभा में भाग लेंगे।
उसी दिन इस्तांबुल लौटकर, संत पापा प्रेरितिक प्रतिनिधिमंडल के धर्माध्यक्षों से मिलेंगे।
शनिवार, 29 नवंबर को, संत पापा लियो 14वें अपने दिन की शुरुआत सुल्तान अहमद मस्जिद - प्रसिद्ध "ब्लू मस्जिद" के दर्शन से करेंगे, उसके बाद मोर एफ़्रेम के सीरियाई ऑर्थोडॉक्स गिरजाघऱ में स्थानीय कलीसियाओं और ख्रीस्तीय समुदायों के नेताओं से निजी तौर पर मुलाकात करेंगे।
दोपहर में, वे संत जॉर्ज गिरजाघऱ में आयोजित एक डॉक्सोलॉजी प्रार्थना सभा में भाग लेंगे, जो कॉन्स्टांटिनोपल धर्मप्रातीय मुख्यालय है। इस धर्मविधि के बाद, संत पापा लियो 14वें प्राधिधर्माध्यक्ष बार्थोलोम प्रथम से मिलेंगे, और दोनों नेता पैट्रिआर्कल पैलेस में एक संयुक्त घोषणापत्र पर हस्ताक्षर करेंगे।
इस दिन का समापन इस्तांबुल के वोक्सवैगन एरिना में पवित्र मिस्सा समारोह के साथ होगा।
रविवार, 30 नवंबर – प्रेरित संत अंद्रेयस के पर्व – के दिन संत पापा का कार्यक्रम अर्मेनियाई प्रितिक महागिरजाघर में प्रार्थना यात्रा के साथ शुरू होगा।
उसी दिन सुबह, संत पापा लियो संत जॉर्ज पैट्रिआर्कल गिरजाघऱ में एक दिव्य धर्मविधि में भाग लेंगे। धर्मविधि के समापन पर एक सामूहिक आशीर्वाद के बाद, संत पापा लियो प्राधिधर्माध्यक्ष के साथ दोपहर का भोजन करेंगे।
लेबनान
दोपहर में, इस्तांबुल के अतातुर्क हवाई अड्डे पर एक विदाई समारोह के बाद, संत पापा लियो 14वें लेबनान के बेरूत के लिए उड़ान भरेंगे और अपनी प्रेरितिक यात्रा के दूसरे चरण की शुरुआत करेंगे।बेरुत में संत पापा गणराज्य के राष्ट्रपति, राष्ट्रीय सभा के अध्यक्ष और लेबनान के प्रधान मंत्री के साथ अलग-अलग बैठकें करेंगे। इसके बाद वे लेबनानी अधिकारियों, नागरिक समाज के प्रतिनिधियों और राजनयिक दल के सदस्यों को अपना पारंपरिक संबोधन देंगे।
संत पापा लियो का सोमवार, 1 दिसंबर का दिन काफी व्यस्त रहेगा, जिसकी शुरुआत अन्नाया स्थित समत मारून मठ में संत चारबेल मकलफ की समाधि के दर्शन से होगी। वहाँ से, वे हरिसा स्थित लेबनान की माता मरियम के तीर्थस्थल जाएँगे, जहाँ वे धर्माध्यक्षों, पुरोहितों, समर्पित लोगों और धर्मगुरुओं से मिलेंगे। सुबह का कार्यक्रम प्रेरितिक राजदूतावास में काथलिक धर्मगुरुओं के साथ एक निजी बैठक के साथ समाप्त होगा।
दोपहर में, संत पापा लियो बेरूत के शहीद चौक में एक विश्वव्यापी और अंतरधार्मिक बैठक करेंगे। बाद में, बकरके में अंतियोक के मेरोनाइट पाट्रिआर्केट के सामने चौक में, संत पापा लियो लेबनान के युवाओं से मिलेंगे।
संत पापा अपनी प्रेरितिक यात्रा के अंतिम दिन, मंगलवार, 2 दिसंबर को, जल एड डिब स्थित डे ला क्रॉइक्स अस्पताल के कर्मचारियों और मरीजों से मिलेंगे। इसके बाद उन्हें 2020 में हुए बेरूत बंदरगाह विस्फोट स्थल पर मौन प्रार्थना करने का अवसर मिलेगा।
इसके बाद, संत पापा बेरूत तट पर पवित्र मिस्सा का अनुष्ठान करेंगे, जो लेबनान की उनकी यात्रा का अंतिम प्रमुख कार्यक्रम होगा।
संत पापा लियो मंगलवार दोपहर बेरूत से प्रस्थान करेंगे और शाम 4 बजे के कुछ समय बाद रोम के फ्यूमिचिनो अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुँचेंगे।
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